Gujarat bagged Prime Minister’s award for excellence in Public Administration

Gujarat’s remarkable work in watershed management programme: Wonderful results reported in Patan district

Gujarat State Watershed Management Agency (GSWMA) has been conferred Prime Minister’s Award for Excellence in Public Administration for the year 2010-11 for the initiative entitled “Participatory Watershed Management Programme”. The award was received today by Shri Ram Kumar, Chief Executive Officer of GSWMA from Prime Minister Dr. Manmohan Singh on the occasion of Civil Service Day held in New Delhi

GSWMA is the nodal agency to implement Integrated Watershed Management Programme (IWMP) across Gujarat state. The main aims of the IWMP are to restore the ecological balance by harnessing, conserving and developing degraded natural resources such as soil, vegetative cover and water. The outcomes proposed are prevention of soil run-off, regeneration of natural vegetation, rain water harvesting and recharging of the ground water table. This is expected to enable multi-cropping and the introduction of diverse agro-based activities, which help to provide sustainable livelihoods to the people residing in the watershed area.

Shri Ram Kumar, Chief Executive Officer of GSWMA after receiving the award on behalf of Gujarat Government said that right from the planning phase of the project, scientific tools have been used to ensure accuracy and efficiency. The approach followed for planning involves: i) creation, development and management of geo-spatial data base depicting present conditions of land, water and vegetation with respect to watershed under different ownerships at village level, ii) compatible socio-economic aspects and their analysis, iii) historical perspective land-water treatment of the area. The tool developed by the Gujarat State Watershed Management Agency has been widely appreciated at National level in multiple fora.

He further said that total 21.34 Lac Ha. Area with an outlay of 2769.72 crores has been covered under IWMP for the implementation that includes 3 batches sanctioned in the year 2009-10, 2010-11 and 2011-12 respectively. For monitoring purpose too, GIS has is being utilized.

Processes have been Standardized and accordingly Technical Manual, Capacity Building Manual, Human Resource Manual, Livelihood Manual & Operational Guidelines have been framed and operationalized. It has been made mandatory to converge with other schemes and programmes to bridge the fund gap and remove the duplication of works. Convergence worth 283.02 crores have been taken up for the projects sanctioned in year 2009-10.

Shri Ram Kumar added that for the first time in watershed programme, livelihood activities have been included to extend benefits to landless and asset-less people of the project area. Livelihood action plan has been prepared and being implemented across state. Batch-wise budgetary allocation for livelihood is 215 crores, 180 crores and 185 crores for the projects sanctioned in the year 2009-10, 2010-11 and 2011-12 respectively. 

In a case that reflects the essence of IWMP, one of the remotest villages of Gujarat named Eval of Patan district has reported wonderful results in mere one year’s time. A parched village where farmers could only dream of a lowly pearl millet, now a farmer is cultivating castor in an area of 2.4 ha and 10 farmers are cultivating cumin in the remaining 15.6 ha. The average productivity of cumin varies from 6 to 8 quintal/ha and castor is 25-30 quintal/ha.

 

Shri S.K. Nanda, Principal Secretary (Forest and Environment), Shri Arvind Agarwal, Principal Secretary (ARTD,GAD), Shri Rajeeva, Addl. Principal Chief Conservator of Forest, Shri Bharat Lal, Resident Commissioner and other senior officers from State Government participated the function.

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
India’s digital PRAGATI

Media Coverage

India’s digital PRAGATI
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली मेट्रो चरण-IV परियोजना के रिठाला-कुंडली कॉरिडोर को मंजूरी दी
December 06, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली मेट्रो के चरण - IV परियोजना के 26.463 किलोमीटर लंबे रिठाला - नरेला - नाथूपुर (कुंडली) कॉरिडोर को मंजूरी दे दी है। यह कॉरिडोर राष्ट्रीय राजधानी एवं पड़ोसी राज्य हरियाणा के बीच कनेक्टिविटी को और बढ़ाएगा। इस कॉरिडोर को मंजूरी की तिथि से चार वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य है।

इस परियोजना की पूर्ण लागत 6,230 करोड़ रुपये है और इसे दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएमआरसी) द्वारा भारत सरकार (जीओआई) और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार (जीएनसीटीडी) के मौजूदा 50:50 विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) द्वारा चार वर्ष में कार्यान्वित किया जाना है।

यह लाइन वर्तमान में कार्यरत शहीद स्थल (न्यू बस अड्डा) - रिठाला (रेड लाइन) कॉरिडोर का विस्तार होगी और नरेला, बवाना एवं रोहिणी के कुछ इलाकों आदि जैसे राष्ट्रीय राजधानी के उत्तर पश्चिमी हिस्सों में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगी। इस पूरे खंड में 21 स्टेशन शामिल होंगे। इस कॉरिडोर के सभी स्टेशन एलिवेटेड होंगे।

निर्माण पूरा होने के बाद, रिठाला - नरेला - नाथूपुर कॉरिडोर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित शहीद स्थल न्यू बस अड्डा स्टेशन को दिल्ली से होकर हरियाणा के नाथूपुर से भी जोड़ेगा, जिससे पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कनेक्टिविटी को काफी बढ़ावा मिलेगा।

चरण-IV परियोजना का यह नया कॉरिडोर एनसीआर में दिल्ली मेट्रो नेटवर्क की पहुंच का विस्तार करेगा जिससे अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा मिलेगा। रेड लाइन के इस विस्तार से सड़कों पर भीड़भाड़ कम होगी, जिससे मोटर वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।

इस पूरे खंड में 21 स्टेशन शामिल होंगे। इस कॉरिडोर के सभी स्टेशन एलिवेटेड होंगे। इस कॉरिडोर पर बनने वाले स्टेशन हैं: रिठाला, रोहिणी सेक्टर 25, रोहिणी सेक्टर 26, रोहिणी सेक्टर 31, रोहिणी सेक्टर 32, रोहिणी सेक्टर 36, बरवाला, रोहिणी सेक्टर 35, रोहिणी सेक्टर 34, बवाना औद्योगिक क्षेत्र - 1 सेक्टर 3,4, बवाना औद्योगिक क्षेत्र - 1 सेक्टर 1,2, बवाना जेजे कॉलोनी, सनोथ, न्यू सनोथ, डिपो स्टेशन, भोरगढ़ गांव, अनाज मंडी नरेला, नरेला डीडीए स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, नरेला, नरेला सेक्टर 5, कुंडली और नाथूपुर।

यह कॉरिडोर दिल्ली मेट्रो का हरियाणा में चौथा विस्तार होगा। वर्तमान में, दिल्ली मेट्रो हरियाणा के गुरुग्राम, बल्लभगढ़ और बहादुरगढ़ तक संचालित होती है।

चरण-IV (3 प्राथमिकता कॉरिडोर) का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमें 65.202 किलोमीटर की लंबाई और 45 स्टेशन शामिल हैं और आज तक, इसका 56 प्रतिशत से अधिक निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। चरण-IV (3 प्राथमिकता) कॉरिडोर मार्च 2026 तक विभिन्न चरणों में पूरा होने की संभावना है। इसके अलावा, 20.762 किलोमीटर के दो और कॉरिडोर भी स्वीकृत किए गए हैं और पूर्व-निविदा वाले चरणों में हैं।

आज, दिल्ली मेट्रो औसतन 64 लाख यात्रियों को यात्रा कराती है। 18.11.2024 को अब तक की सबसे अधिक 78.67 लाख यात्रियों द्वारा यात्रा दर्ज की गई। दिल्ली मेट्रो एमआरटीएस के मुख्य मापदंडों यानी समय की पाबंदी, विश्वसनीयता और सुरक्षा में उत्कृष्टता का प्रतीक बनकर इस शहर की जीवनरेखा बन गई है।

डीएमआरसी द्वारा वर्तमान में दिल्ली और एनसीआर में 288 स्टेशनों के साथ लगभग 392 किलोमीटर की कुल 12 मेट्रो लाइनें संचालित की जा रही हैं। आज, दिल्ली मेट्रो के पास भारत का सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है और यह दुनिया के सबसे बड़े मेट्रो में से एक है।