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पिछले वर्ष मई में मानवता के इतिहास के सबसे बड़े चुनाव में भारत की जनता ने हमें भारी बहुमत से जिताया और हमारी सरकार बनी। पिछले तीन दशकों में पहली बार भारत के मतदाताओं ने सरकार को स्‍पष्‍ट बहुमत प्रदान किया। जनता का फैसला बदलाव और एक प्रभावशाली सरकार के लिए था। यह इस बात का भी प्रतीक था कि भारत के लाखों युवा विकास चाहते हैं।

पिछले 11 महीनों में हमने अपना वादा निभाने के लिए लम्‍बा सफर तय किया है। हमने भारत के विकास के इंजन को नई ऊर्जा प्रदान की है। हमारे देश की अर्थव्‍यवस्‍था की विश्‍वसनीयता बहाल हुई है। भारत एक बार फिर वृद्धि और विकास के रास्‍ते पर चल पड़ा है। यह एकमात्र ऐसी अर्थव्‍यवस्‍था है जहां विकास दर बढ़ रही है। आने वाले समय में संभावनाएं बेहतर हैं।

ऐसा संयोगवश नहीं हुआ है। मेरी सरकार ने विकास की चुनौतियों और भारत की अर्थव्‍यवस्‍था में बदलाव को गंभीरता से लिया है। हमारे लिए विकास केवल राजनैतिक एजेंडा नहीं है; यह विश्‍वास की वस्‍तु है। हमने स्‍पष्‍ट आर्थिक लक्ष्‍यों और उद्देश्‍यों के साथ कुछ विशेष नीतियों और कार्यों को हाथ में लिया ताकि नये युग के भारत की हमारी सोच हकीकत में बदल सके। हमने न सिर्फ आर्थिक विकास पर ध्‍यान दिया, बल्कि समग्र विकास पर बल दिया। इसके लिए नौकरियों का सृजन, कौशल विकास, उत्‍पादकता बढ़ाना और वैश्विक मानकों के साथ गुणवत्‍ता में सुधार करने की जरूरत है। हमारा उद्देश्‍य गरीबी का पूरी तरह उन्‍मूलन और सभी भारतीयों को उद्देश्‍यपूर्ण और सम्‍मानित जीवन प्रदान करना है। भारत के आर्थिक विकास में मेरे अपने अनुभव और सुशासन की भूमिका ने मुझे विश्‍वास दिला दिया कि इस उद्देश्‍य को हासिल किया जा सकता है।

भारत की युवा आबादी के लिए नौकरियों का सृजन भारत की जनसंख्‍या के इस वर्ग को काम में लगाना है। इसे तभी हासिल किया जा सकता है, जब हम तेजी से अपनी निर्माण क्षमताओं को बढ़ाएं। इस उद्देश्‍य को हासिल करने के लिए मेरी सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल की शुरूआत की है। यह सभी के लिए आदर्श स्थिति है। नये निर्माण से रोजगार के जो अवसर पैदा होंगे, उनसे लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी। इससे अधिक व्‍यापार और निवेश के लिए बाजार तैयार होगा। 35 वर्ष से कम आयु के लोगों का आबादी में 65 प्रतिशत हिस्‍सा होने के साथ ही वैश्विक आर्थिक समृद्धि में भारत के विकास की अपार संभावनाएं हैं। अपनी ‘एक्‍ट ईस्‍ट’ और ‘लिंक वेस्‍ट’ नीति के जरिए भारत के पास निर्माण केन्‍द्र के रूप में पूर्व और पश्चिम में मध्‍यम आधार बनाने की संभावनाएं हैं और यह वैश्विक निर्यात तथा सामान्‍य कल्‍याण का आधार बन सकता है।

‘मेक इन इंडिया’ के लिए हमारी रणनीति नये बुनियादी ढांचे का तत्‍काल गठन करने की मांग करती है। बजट में राजमार्गों, रेलवे और ऊर्जा के लिए पर्याप्‍त वृद्धि इस दिशा में एक कदम है। दिल्‍ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे के विकास का कार्य शुरू हो चुका है। मेरी सरकार ने एक स्‍थायी और पारदर्शी कर ढांचा तैयार करने, कॉरपोरेट करों को कम करने और 2016 में एकल वस्‍तु और सेवा कर लागू करने का वायदा किया है।

हमारा मानना है कि निर्माण के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए कुशल कामगारों की उपलब्‍धता एक पूर्व शर्त है। मेरी सरकार ‘स्किल इंडिया’ कार्यक्रम को सर्वोच्‍च प्राथमिकता देती है। हम स्‍थानीय उद्योग की विशेष जरूरतों के अनुसार व्‍यावसायिक प्रशिक्षण को बढ़ावा देने पर जोर देंगे और विदेशों की सर्वश्रेष्‍ठ कार्य प्रणाली को अपनाएंगे।

हम इस बारे में सजग हैं कि विकास, पर्यावरण के अनुकूल होना चाहिए। भारत ने हमेशा से अपने पर्यावरण से प्रेम किया। यह हमारी वर्षों पुरानी संस्‍कृति और सभ्‍यता में समाया हुआ है। नवीकरणीय ऊर्जा के लिए अपनी संशोधित लक्ष्‍य क्षमता को 2022 तक 175,000 मेगावाट करना हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

भारत में शहरीकरण का बढ़ना हमारे लिए एक सबसे बड़ी चुनौती है। हमारे शहरों की आबादी 10 वर्षों में दोगुनी हो जाने की सभावना है। स्‍मार्ट शहरों के विकास पर ध्‍यान केन्द्रित करने के हमारे लक्ष्‍य में सस्‍ते आवास, स्‍वच्‍छ जल और सुरक्षित पर्यावरण प्रमुख आवश्‍यकता है।

गुजरात का पूर्व मुख्‍यमंत्री होने के नाते मैंने यह महसूस किया कि महत्‍वकांक्षी उद्देश्‍यों को तभी हकीकत में बदला जा सकता है जब संघीय सरकार और हमारे 29 राज्‍यों के बीच सहयोग कायम हो। हम ऐसा ढांचा तैयार कर रहे हैं, जिससे वे हमारे निर्यात और निवेश रणनीति में भागीदार बनें। हमने सहयोगपूर्ण और प्रतिस्‍पर्धात्‍मक संघवाद की रणनीति अपनाई है, जहां आर्थिक विकास और समृद्धि के लिए एक स्‍वस्‍थ प्रतिस्‍पर्धा के जरिए राज्‍य एक-दूसरे को प्रेरित करने के लिए अधिक प्रयास करें।

अंतर्राष्‍ट्रीय सहायता और सहयोग भी हमारे उद्देश्‍यों को हासिल करने के लिए समान रूप से महत्‍वपूर्ण है। अत: मैं एक ऐसी विदेश नीति चाहता हूं, जो हमारे राष्‍ट्रीय विकास की रणनीति का अभिन्‍न अंग हो। अमरीका, रूस, फ्रांस, जापान और चीन के नेताओं के साथ मेरी बातचीत का उद्देश्‍य वैश्विक विकास और कल्‍याण में साझेदारी को बढ़ाना है।

जर्मनी का इस संदर्भ में विशेष स्‍थान है। हमारे बीच साझा मूल्‍यों पर आधारित रणनीतिक साझेदारी है। भारत विकास और समृद्धि के लिए जर्मनी के साथ पारस्‍परिक रूप से लाभदायक साझेदारी कायम करना चाहता है। हमारी प्राथमिकताएं जर्मनी की विशेषज्ञता के साथ मेल खाती है। भारत की विकास की जरूरतें जर्मन उद्योग के लिए व्‍यवसाय का अवसर बन सकती है।

हमें भारत और जर्मनी के बीच 1600 से अधिक सहयोगों को देखकर संतोष है। इसके बावजूद बहुत सी संभावनाओं को अभी पूरा करना बाकी हैं। उच्‍च स्‍तर के निवेश संभव हैं और जरूरी भी हैं। जर्मनी दुनियाभर में अपनी इंजीनियरिंग, अविष्‍कारों और कौशल के लिए जाना जाता है। मित्‍तलस्‍टेंड की क्षमताएं और परिवार के व्‍यवसाय के बारे में सभी जानते हैं। मैं उन्‍हें भारत आने का निमंत्रण देता हूं।

मेरी जर्मनी यात्रा और हनोवर मेले में भारत की सहयोगी देश के रूप में भागीदारी का उद्देश्‍य हमारे बीच मौजूद विशाल संभावनाओं को हकीकत में बदलना है। जर्मनी की चांसलर मर्केल और जर्मन के उद्योगपतियों के साथ बातचीत के दौरान मैं अपनी भविष्‍य की योजनाओं में आशापूर्ण दृष्टि और विश्‍वास को बांटना चाहता हूं। मैं सावधानीपूर्वक इस बात को सुनना चाहता हूं कि हम भारत में निवेश और निर्माण के संबंध में जर्मनी के उद्योगपतियों की चिंताओं को दूर करने के लिए क्‍या कर सकते हैं।

हम भारतीय युवाओं में कौशल विकास के लिए जर्मनी को अपने तरजीही सहयोगी के रूप में देखते हैं। हम नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में जर्मनी के बेजोड़ अनुभवों से सीखना चाहते हैं। हम सौर छत परियोजनाओं और ऑफ-‍ग्रिड सौर और पवन ऊर्जा उपायों के साथ-साथ ग्रिड एकीकरण तथा प्रबंधन में जर्मनी की विशेषज्ञता को दोहराने की इच्‍छा रखते हैं। हमारी स्‍मार्ट शहर परियोजनाओं में पानी, कचरा और शहरी विकास उद्देश्‍यों को हासिल करने के लिए आपकी प्रौद्योगिकी का इस्‍तेमाल किया जा सकता है। हमारी सरकार की ‘स्‍वच्‍छ भारत’ पहले में आप हमारे स्‍वाभाविक सहयोगी हैं। हम गंगा नदी के सफाई में जर्मनी के अनुभवों से लाभ उठाना चाहते हैं। हम रेलवे सहित आपकी परिवहन कंपनियों को आमंत्रित करते हैं, ताकि वे हमें हमारे परिवहन नेटवर्क के आधुनिकीकरण में सहायता कर सकें। आपके लॉजिस्टिक्‍स और बुनियादी ढांचा कंपनियां भारत में औद्योगिक गलियारे के विकास में योगदान कर सकती हैं।

मैं भारत को विश्‍व के विकास में एक प्रमुख इंजन के रूप में देखता हूं। हमारे लोकतांत्रिक सिद्धांत और परम्‍पराएं स्थिरता की गांरटी हैं। हमारे पास स्‍वतंत्र मीडिया और स्‍वतंत्र न्‍यायपालिका है, जो सभी लोगों को बिना डरे अपने-अपने विचारों की अभिव्‍यक्ति की इजाजत देता है। हम ‘रहें साथ बढ़ें साथ’ पर यकीन करते हैं। आगे बढ़ने के लिए और कोई रास्‍ता नहीं है। इस शताब्‍दी में मानवता का विकास मिलकर कार्य करने और सहयोग पर निर्भर करता है। संघर्ष और गरीबी के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता, जिसे गांधीजी ने हिंसा का सबसे खराब रूप बताया था। यदि हम सभी भारतीयों को बेहतर सामाजिक-आर्थिक भविष्‍य की तरफ ले जाएं, तो मेरा मानना है कि विश्‍व सभी के लिए एक बेहतर स्‍थान बन जाएगा।

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PM congratulates boxer, Lovlina Borgohain for winning gold medal at Boxing World Championships
March 26, 2023
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The Prime Minister, Shri Narendra Modi has congratulated boxer, Lovlina Borgohain for winning gold medal at Boxing World Championships.

In a tweet Prime Minister said;

“Congratulations @LovlinaBorgohai for her stupendous feat at the Boxing World Championships. She showed great skill. India is delighted by her winning the Gold medal.”