नारी शक्ति का सशक्तिकरण

Published By : Admin | March 30, 2017 | 18:54 IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में हो रहे बदलाव में महिलाओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो गई है। अब मुद्दा महिलाओं के विकास से बढ़कर महिलाओं के नेतृत्व में होने वाले विकास का है।

प्रधानमंत्री के विकास की योजनाओं को महिलाओं ने खुलकर समर्थन दिया है। नारी शक्ति अब आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण स्तंभ बन गयी है।

प्रधानमंत्री मोदी को सिर्फ देश में, बल्कि विदेश में भी महिलाओं ने उत्साह के साथ अपना समर्थन दिया है।  क्या आपको याद है जब प्रधानमंत्री सऊदी की महिला आईटी प्रोफेशनल्स से मिले थे और टाटा कन्सल्टेन्सी सर्विसेज़ (टीसीएस) के ट्रेनिंग सेंटर पहुंचने पर महिलाओं ने उनका कितना जबरदस्त स्वागत किया था?

प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY) और प्रधानमंत्री उज्जवला योजना जैसी सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में महिलाओं को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। महिलाओं ने काम करते हुए दैनिक जीवन में वित्तीय आत्मनिर्भरता को महसूस किया। बदले में जो स्नेह और समर्थन उन्होंने दिखलाया, वह बेमिसाल है।

जन-धन योजना के साथ बैंकों से जुड़ने वाली महिलाओं की संख्या बढ़कर 61 फीसदी हो गयी। इससे महिलाओं में वित्तीय साक्षरता आयी और वे सशक्त हुईं।

प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं, “अगर हमारी 50 फीसदी आबादी घरों में कैद रहेगी, तो हम सफलता नहीं पा सकते।मोदी सरकार की प्राथमिकता महिलाओं को वित्तीय समर्थन और प्रशिक्षण देकर उन्हें दक्ष बनाने पर पूरा जोर देने की रही है ताकि महिला उद्यमिता का विकास हो सके।

महिला सरपंच से लेकर विधायक तक जनसेवाओं में महिलाओं की भूमिका को जितना बढ़ावा मिला है, उतना पहले कभी नहीं मिला। पीएम मोदी ने इस बात को समझा कि बिना महिलाओं की भागीदारी के सामाजिक कल्याण के कार्यक्रमों को तेजी से लागू नहीं किया जा सकता, क्योंकि उनमें सिर्फ अपने परिवार के लोगों की देखभाल की विशेष क्षमता होती है बल्कि वह समाज के लिए भी उतनी ही कारगर होती हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने न्यू इंडिया की सोच से महिलाओं को जोड़ा। महिलाएं भी आगे आकर नेतृत्व कर सकती हैं इसका अहसास कराया, चाहे वह स्वच्छ भारत हो या बदलते भारत के ऊर्जा सेक्टर में सौर ऊर्जा का उत्पादन रहा हो।

बेटी बचाने की जरूरत हो या बेटी को पढ़ाने की बात, प्रधानमंत्री ने इसे पूरी संवेदनशीलता और प्राथमिकता से लिया।बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओयोजना के तहत लगातार प्रयासों की बदौलत अब स्थिति यह है कि हरियाणा ने 950 के लिंगानुपात का लक्ष्य हासिल कर लिया है जो दो साल पहले बहुत कम 840 था।

चूकि भारत बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में बहुत तेजी से उभरा है, देश की तरक्की की कहानी में महिलाओं की भागीदारी की जरूरत दिन दिन महत्वपूर्ण होती जा रही है। महिलाएं आज जितनी मुखर हुई हैं, इससे पहले नहीं दिखीं। ये महिलाएं  अब अपना विश्वास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में जता रही हैं।

“महिलाओं के सशक्तिकरण के बिना मानवता का विकास अधूरा है।”
   
  - पीएम नरेंद्र मोदी

 

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कैबिनेट ने दिल्ली मेट्रो के फेज V (A) प्रोजेक्ट के अंतर्गत तीन नए कॉरिडोर्स को स्वीकृति दी
December 24, 2025

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली मेट्रो के फेज-V (ए) परियोजना के हिस्से के रूप में तीन नए कॉरिडोर को मंजूरी दी है: 1. आर.के. आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी), 2. एरोसिटी से आई.जी.डी. एयरपोर्ट टी-1 (2.263 किमी) और 3. तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी)। यह 16.076 किलोमीटर लंबी परियोजना राष्ट्रीय राजधानी के भीतर कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगी। दिल्ली मेट्रो के फेज-V (ए) की कुल लागत 12014.91 करोड़ रुपये है, जिसे भारत सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय वित्त पोषण एजेंसियों द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा।

सेंट्रल विस्टा कॉरिडोर सभी कर्तव्य भवनों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिससे इस क्षेत्र के कार्यालय जाने वालों और आगंतुकों को सीधे ऑफिस तक पहुंचने में आसानी होगी। इस कनेक्टिविटी से दैनिक आधार पर लगभग 60,000 कार्यालय जाने वाले कर्मचारियों और 2 लाख आगंतुकों को लाभ होगा। ये कॉरिडोर प्रदूषण और जीवाश्म ईंधन के उपयोग को और कम करेंगे, जिससे जीवन जीने की सुगमता में वृद्धि होगी।

विवरण:

आर.के. आश्रम मार्ग – इंद्रप्रस्थ सेक्शन, बॉटनिकल गार्डन - आर.के. आश्रम मार्ग कॉरिडोर का विस्तार होगा। यह सेंट्रल विस्टा क्षेत्र को मेट्रो कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिसका वर्तमान में पुनर्विकास किया जा रहा है। एयरोसिटी – आईजीडी एयरपोर्ट टर्मिनल 1 और तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज सेक्शन, एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर का विस्तार होंगे। यह विस्तार हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी को राष्ट्रीय राजधानी के दक्षिणी हिस्सों जैसे तुगलकाबाद, साकेत, कालिंदी कुंज आदि क्षेत्रों के साथ मजबूत करेगा। इन विस्तारों में कुल 13 स्टेशन शामिल होंगे, जिनमें से 10 स्टेशन भूमिगत और 03 स्टेशन एलिवेटेड होंगे।

पूरा होने के बाद, कॉरिडोर-1 यानी आर.के. आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी) पश्चिमी, उत्तरी और पुरानी दिल्ली की सेंट्रल दिल्ली के साथ कनेक्टिविटी में सुधार करेगा। वहीं अन्य दो कॉरिडोर— एयरोसिटी से आईजीडी एयरपोर्ट टी-1 (2.263 किमी) और तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी)— दक्षिण दिल्ली को साकेत, छतरपुर आदि के माध्यम से घरेलू हवाई अड्डे टर्मिनल-1 से जोड़ेंगे, जिससे राष्ट्रीय राजधानी के भीतर कनेक्टिविटी में जबरदस्त वृद्धि होगी।

फेज-V (ए) परियोजना के ये मेट्रो विस्तार मध्य दिल्ली और घरेलू हवाई अड्डे तक दिल्ली मेट्रो नेटवर्क की पहुंच बढ़ाएंगे, जिससे अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती मिलेगी। मजेंटा लाइन और गोल्डन लाइन के ये विस्तार सड़कों पर भीड़भाड़ को कम करेंगे। इस प्रकार, मोटर वाहनों के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।

आरके आश्रम मार्ग - इंद्रप्रस्थ सेक्शन पर जो स्टेशन बनेंगे, वे हैं: आर.के. आश्रम मार्ग, शिवाजी स्टेडियम, सेंट्रल सेक्रेटेरिएट, कर्तव्य भवन, इंडिया गेट, वॉर मेमोरियल - हाई कोर्ट, बड़ौदा हाउस, भारत मंडपम, और इंद्रप्रस्थ।

तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज सेक्शन के स्टेशन सरिता विहार डिपो, मदनपुर खादर और कालिंदी कुंज होंगे, जबकि एयरोसिटी स्टेशन को आगे आईजीडी टी-1 स्टेशन से जोड़ा जाएगा।

फेज-IV का निर्माण कार्य, जिसमें 111 किमी लंबाई और 83 स्टेशन शामिल हैं, वर्तमान में प्रगति पर है। आज की स्थिति के अनुसार, फेज-IV के (3 प्राथमिकता वाले) कॉरिडोर का लगभग 80.43 प्रतिशत सिविल निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। फेज-IV के इन तीनों प्राथमिकता वाले कॉरिडोर के दिसंबर 2026 तक चरणों में पूरा होने की संभावना है।

आज, दिल्ली मेट्रो प्रतिदिन औसतन 65 लाख यात्रियों को सर्विस देती है। अब तक की सर्वाधिक यात्रा का रिकॉर्ड 8 अगस्त 2025 को 81.87 लाख दर्ज किया गया है। दिल्ली मेट्रो समयपालन, विश्वसनीयता और सुरक्षा जैसे एमआरटीएस के मुख्य मानकों में उत्कृष्टता का प्रतीक बनकर शहर की जीवनरेखा बन गई है।

वर्तमान में दिल्ली और एनसीआर में डीएमआरसी द्वारा लगभग 395 किमी लंबाई वाली कुल 12 मेट्रो लाइनों का संचालन किया जा रहा है, जिनमें 289 स्टेशन शामिल हैं। आज, दिल्ली मेट्रो भारत का सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है और दुनिया के सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्कों में से भी एक है।