प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति श्री मैत्रीपाला सिरीसेना कल सुबह जाफना में नवनिर्मित दुरईअप्पा स्टेडियम को संयुक्त रूप से श्रीलंका की जनता को समर्पित करेंगे। राष्ट्रपति सिरीसेना जाफना स्थित इस स्टेडियम में उपस्थित रहेंगे, जबकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी नई दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
दुरईअप्पा स्टेडियम को भारत सरकार द्वारा 7 करोड़ रुपये से भी ज्यादा लागत से नवनिर्मित किया गया है। दुरईअप्पा स्टेडियम का नाम जाफना के पूर्व महापौर स्वर्गीय अल्फ्रेड थम्बीराजा दुरईअप्पा के नाम पर उनके सम्मान में रखा गया है।
इस नवनिर्मित स्टेडियम में 1850 लोगों के बैठने की क्षमता है। यह स्टेडियम खेल-कूद एवं मनोरंजन से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा मुहैया कराएगा और इसके साथ ही यह श्रीलंका के उत्तरी प्रांत के युवाओं के समग्र विकास में भी सहायता प्रदान करेगा। इस स्टेडियम का इस्तेमाल वर्ष 1997 से ही नहीं हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति सिरीसेना इस नवनिर्मित स्टेडियम में होने वाले प्रथम प्रमुख कार्यक्रम के गवाह भी बनेंगे, जो योग के दूसरे अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर होने वाला विशेष उत्सव है। इस योग में 8,000 से भी ज्यादा लोगों के भाग लेने की आशा है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज 13 दिसंबर 2001 को हुए जघन्य आतंकवादी हमले के दौरान भारत की संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुर सुरक्षाकर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र कर्तव्य निभाते हुए प्राणों की आहुति देने वालों को श्रद्धापूर्वक याद करता है। उन्होंने कहा कि गंभीर खतरे के समय भी उनका साहस, सतर्कता और अटूट कर्तव्यनिष्ठा प्रत्येक नागरिक के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।

श्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा:
“आज के दिन, हमारा देश उन लोगों को याद करता है जिन्होंने 2001 में हमारी संसद पर हुए जघन्य हमले में अपने प्राणों की आहुति दी। गंभीर खतरे के बावजूद, उनका साहस, सतर्कता और कर्तव्यनिष्ठा सराहनीय थी। भारत उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए सदा कृतज्ञ रहेगा।”

On this day, our nation remembers those who laid down their lives during the heinous attack on our Parliament in 2001. In the face of grave danger, their courage, alertness and unwavering sense of duty were remarkable. India will forever remain grateful for their supreme… pic.twitter.com/q8T26s1ogM
— Narendra Modi (@narendramodi) December 13, 2025


