कृषि की राष्ट्रीय परिषद
मुख्यमंत्री ने की महत्वपूर्ण घोषणाएं
हर तीन वर्ष में आयोजित होगी वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल एग्रीकल्चर मीट
महात्मा मंदिर में हर तीन वर्ष में आयोजित होगा ग्लोबल एग्रीकल्चर फेयर
इजराइल के सहयोग से विश्वस्तरीय गुजरात एग्रीकल्चर रिसर्च एंड हाईटेक फार्मिंग टे्रनिंग इंस्टीट्युट स्थापित की जाएगी
महात्मा मंदिर-गांधीनगर में कृषि, वाणिज्य, उद्योग और टेक्नोलॉजी की राष्ट्रीय परिषद का श्री मोदी ने किया उद्घाटन
वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत गुजरात में
एग्री बिजनेस की नई राष्ट्रीय रणनीति के सन्दर्भ में समूह मंथन
कृषि क्रांति में गुजरात देश का नेतृत्व कर रहा है : मुख्यमंत्री
गांधीनगर, सोमवार: मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गांधीनगर के महात्मा मंदिर में दो दिवसीय कृषि-वाणिज्य, उद्योग और टेक्नोलॉजी की राष्ट्रीय परिषद का उद्घाटन करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र में वैश्विक परिवर्तनों के साथ कदम मिलाने के लिए हर तीन वर्ष में गुजरात में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल एग्रीकल्चर इवेन्ट आयोजित किया जाएगा। कृषि और किसानों के लिए इजराइल विश्व का सबसे बड़ा कृषि मेला आयोजित करता है, उसी इजराइल पैटर्न पर गुजरात ने ग्लोबल एग्रीकल्चर इवेन्ट के दौरान महात्मा मंदिर में विशाल कृषि मेला आयोजित करने की घोषणा श्री मोदी ने की।
आगामी वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2013 के तहत हाईटेक एग्रीकल्चर डेवलपमेंट के सन्दर्भ में रणनीति बनाने के लिए सामूहिक मंथन इस महात्मा मंदिर की भूमि पर गुजरात में हो रहा है। नेक्स्ट फ्रंटियर ऑफ एग्रो बिजनेस एंड टेक्नोलॉजी विषय पर आधारित इस नेशनल कन्वेंशन में इजराइल, चिली और हॉलैण्ड सहित विदेशी एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के 7 देशों के राजदूतों सहित समग्र भारत के विभिन्न राज्यों में से कृषि विशेषज्ञ, एग्रो इंडस्ट्रीज एंड बिजनेस कंपनियों, एग्रो टेक्नोलॉजी, एग्रो इकोनॉमी एक्सपर्ट और राज्य सरकार की सार्वजनिक इकाइयों ने भाग लिया है। गुजरात और अन्य राज्यों के प्रगतिशील किसान इस राष्ट्रीय कृषि वाणिज्य सम्मेलन में उपस्थित रहे हैं।
कृषि टेक्नोलॉजी और एग्री बिजनेस की महाप्रदर्शनी का निरीक्षण करके मुख्यमंत्री श्री मोदी ने कृषि क्षेत्र में उत्तम उपलब्धियों विषयक श्वेत पत्र का विमोचन किया और इस क्षेत्र में देश के प्रगतिशील किसानों का अभिवादन भी किया। गुजरात के बाहर से देश भर के 2000 जितने किसानों और 11 राज्यों के डेलिगेट्स का स्वागत करते हुए श्री मोदी ने कहा कि कृषि विकास के नये आयामों की सफलता में गुजरात अग्रसर बना है।
इस उत्तम सफलता की प्रेरणा अन्य लोगों को भी मिले, इसके लिए गुजरात ने प्लेटफार्म उपलब्ध करवाया है। अन्य राज्यों की कृषि प्रगति की उत्तम सफलतागाथा का महत्तम लाभ इस राज्य के किसानों को भी मिलेगा।

भारत की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है और 68 प्रतिशत जनसंख्या कृषि-पशुपालन पर आधारित है, ऐसे में कृषि क्षेत्र की उपेक्षा किस प्रकार हो सकती है, ऐसा सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र के विकास के साथ-साथ समान भागीदारी से कृषि विकास और सर्विस सेक्टर का हिस्सा महत्वपूर्ण स्थान पर रखा है। इसी के परिणामस्वरूप गुजरात के कृषि क्षेत्र की प्रगति उपेक्षित नहीं रही है और गतिशील रही है।
श्री मोदी ने कहा कि वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में भी कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई है। गुजरात में किसानों की युवापीढ़ी भी आधुनिक कृषि क्रांति में भागीदार बनी है। देश की कृषि विकास दर अनेक प्रयासों के बावजूद मात्र 3 प्रतिशत पर टिकी है जबकि गुजरात के किसानों का पुरुषार्थ दस वर्ष से रंग लाया है और सातत्यपूर्ण 10 प्रतिशत से अधिक कृषि विकास दर आगे बढ़ रही है। गुजरात के कृषि विकास से इजराइल जैसा देश भी प्रभावित हुआ है।
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री के आह्वान से देश के किसानों ने भारत के धन-धान्य के भंडार भर दिए थे। इस प्रेरक कृषि क्रांति की याद दिलवाते हुए उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र के बारे में रोना रोने की जरूरत ही नहीं है। समय की मांग है कि देश के किसान सिर्फ भारतवासियों के पेट भरने में सक्षम हैं, इतना ही नहीं बल्कि पूरे यूरोप को धान, अनाज और फलों से हिन्दुस्तान के किसान संतोष प्रदान कर सकें, ऐसी स्थिति का निर्माण किया जाएगा।

गुजरात सरकार ने वैज्ञानिक खेती और जलसंचय के क्रांतिकारी प्रयोगों के लिए किसानों के उद्दीपक के तौर पर जो प्रेरणा दी, उसकी सफलता का उदाहरण देते हुए श्री मोदी ने कहा कि ड्रिप इरिगेशन, माइक्रो इरिगेशन के अभियान से 10,000 हेक्टेयर में से 5,00,000 हेक्टेयर पर गुजरात ने जलसंचय की क्रांति की है जिससे जलसंसाधनों का अपव्यय घटा है। विज्ञान के इस युग में कृषि टेक्नोलॉजी से कृषि विषयक जल, बिजली और जमीन की गुणवत्ता बिगड़े नहीं इसके लिए ड्रिप इरिगेशन और सॉइल हैल्थ कार्ड की पहल गुजरात ने की है। भारत सरकार भी इस सॉइल हैल्थ कार्ड के लिए आग्रह रखती है परन्तु अभी तो दिल्ली की केन्द्र सरकार सॉइल के बजाय कोयले में डूबी हुई है। लेकिन गुजरात किसानों के हितों की रक्षा करता है।
गुजरात सरकार ने उद्योग विकास के साथ जलसंचय और कृषि महोत्सव से ऐसा परिवर्तन किसानों में लाया है कि गुजरात का किसान यह मिजाज बतला रहा है कि जमीन की कीमत उसे पोसाएगी उसी भाव पर बेचेगा। जबकि दूसरा ख्ररीदेगा और आर्थिक रूप से समृद्घ बनेगा। गुजरात के किसानों को गुमराह करने और झूठ फैलाने वाले लोगों को चुनौती देते हुए श्री मोदी ने कहा कि एकमात्र गुजरात ने औद्योगिक विकास के साथ-साथ कृषि लायक जमीन का एरिया 37 लाख हेक्टेयर बढ़ा है। मात्र औद्योगिक विकास ही नहीं बल्कि अर्थव्यवस्था को ज्यादा शक्तिशाली बनाने के लिए कृषि क्षेत्र का विकास किया है। गुजरात के किसानों को उसके कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए मूल्यवद्र्घित खेती की तरफ प्रेरित किया गया है। उन्होंने कहा कि गुजरात सरदार पटेल की भूमि है और किसानों के सरदार पटेल ने देश के किसानों को शक्तिशाली बनाने का जो संकल्प किया था, उसे पूरा करने के लिए यह राज्य सरकार प्रतिबद्घ है।
इस मौके पर कृषि मंत्री दिलीप संघाणी ने स्वागत भाषण दिया। इजराइल के कॉन्स्युल जनरल सुश्री ओरनासागी ने इजराइल, भारत और गुजरात के बीच दो दशक के सफल संबंधों की बात कही। उन्होंने गुजरात के दो आंकड़ों के कृषि विकास दर की सराहना की।
इस राष्ट्रीय परिषद में एम्बेसी ऑफ चिली के एग्रीकल्चर अफेयर्स के काउंस्युलर गैलार्डो, सीआईआई के पदाधिकारियों, मुख्य सचिव ए.के. जोति, वरिष्ठ सचिवों और विशाल संख्या में 11 जितने राज्यों के धरती पुत्रों-कृषि क्षेत्र के साथ जुड़े उद्योगपतियों ने हिस्सा लिया। मुख्य सचिव ए.के.जोति ने आभार प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर महात्मा मंदिर में आयोजित कृषि प्रदर्शनी का निरीक्षण किया।


