प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में विराट रैली को संबोधित किया #ParivartanRally
श्री नरेन्द्र मोदी ने आपातकाल के दौरान जयप्रकाश नारायण के योगदान को याद किया #ParivartanRally
बिहार विकास की राजनीति की दिशा में आगे बढ़ रहा है: प्रधानमंत्री मोदी #ParivartanRally
बिहार में वर्तमान सरकार के शासन में अपराध की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं: प्रधानमंत्री मोदी #ParivartanRally
स्थिर और विकास के प्रति समर्पित राजग सरकार का चुनाव करें: बिहार के लोगों से श्री मोदी का आह्वान #ParivartanRally

18 अगस्त को बिहार के आरा जिले में विकास परियोजनाओं के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये की घोषणा करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहरसा में विशाल परिवर्तन रैली को संबोधित किया। अपने संबोधन की शुरुआत में आगामी विधानसभा चुनावों के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार में हवा का रूख किस तरफ है, यह सब जानते हैं।

उन्होंने उस त्रासदी का भी उल्लेख किया कि कैसे सात साल पहले कोसी नदी में आई बाढ़ ने पूरे राज्य के लगभग 35 लाख लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया था। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “भारत भर के लोग उस समय आपके साथ खड़े थे। लेकिन सत्ता के कुछ लोगों का अहंकार ऐसा था कि वे इस चीज को नहीं समझ सके।” प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जब कभी किसी ने उन पर व्यक्तिगत आक्षेप किया तो उन्होंने सार्वजनिक रूप से उसके बारे में कभी कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने आगे कहा, “लेकिन जब अहंकार की वजह से ये लोग जनता की भावनाओं के साथ खेलते हैं तो मैं खुद को रोक नहीं पाता।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि विनाशकारी बाढ़ के बाद राहत कार्य के लिए गुजरात के लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई से 5 करोड़ रुपये का योगदान दिया था लेकिन उस समय सत्ता में बैठे लोगों ने चेक लौटा दिया। श्री मोदी ने कहा, “अहंकार देखिये। आप लोग पीड़ा में थे लेकिन उनका अहंकार आसमान पर था। उन्होंने चेक वापस भेज दिया। क्या ऐसा व्यवहार स्वीकार्य है”? श्री मोदी ने कहा कि उनके इस अहंकार की वजह से बिहार के लोगों के सपनों बिखर गए।

श्री नरेन्द्र मोदी ने आपातकाल के दौरान जयप्रकाश नारायण के योगदान को भी याद किया जिन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के कारण जेल में डाल दिया गया था। उन्होंने इंदिरा गांधी के शासन के तहत कांग्रेस पार्टी को इसका जिम्मेदार ठहराया। प्रधानमंत्री ने कहा, “जयप्रकाश नारायण की मृत्यु के लिए कौन जिम्मेदार है? कांग्रेस के इन्हीं लोगों ने जयप्रकाश नारायण के साथ खेल खेला है।”

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने वर्तमान जदयू सरकार के शासन में अपराध की बढ़ती घटनाओं का भी उल्लेख किया। श्री मोदी ने कहा, “जनवरी 2015 में बिहार में 13,808 अपराध की घटनाएं सामने आई थीं। 6 महीनों में यह आंकड़ा 18,500 हो गया। उन्होंने बिहार में बढ़ते दंगों पर भी चिंता व्यक्त; जनवरी में दंगों की लगभग 866 घटनाएं सामने आई थीं जबकि जून में यह आंकड़ा लगभग 1500 तक पहुँच गया। प्रधानमंत्री ने कहा, “बिहार की जनता सुरक्षित नहीं है। हत्या और दंगे की घटनाओं को रोकने की सख्त जरुरत है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का बिहार विकास की राजनीति की ओर अग्रसर है। उन्होंने बिहार के लोगों से आह्वान किया कि वे आगे आने वाले विधानसभा चुनावों में एक स्थिर और विकास के प्रति समर्पित राजग सरकार चुनें। श्री नरेन्द्र मोदी ने आगे कहा कि केंद्र सरकार बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और 1.25 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज से बिहार की स्थिति में बदलाव आएगा।

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प्रधानमंत्री 20-21 दिसंबर को असम का दौरा करेंगे
December 19, 2025
प्रधानमंत्री असम में लगभग 15,600 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखेंगे
प्रधानमंत्री गुवाहाटी में लोकप्रिय गोपीनाथ बरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे
लगभग 1.4 लाख वर्ग मीटर में विस्तारित यह नया टर्मिनल भवन प्रति वर्ष 1.3 करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता रखता है
नए टर्मिनल भवन की प्रेरणा "बांस के उद्यान" विषय के अंतर्गत असम की जैव विविधता और सांस्कृतिक विरासत से ली गई है
प्रधानमंत्री डिब्रूगढ़ के नामरूप में असम वैली फर्टिलाइजर एंड केमिकल कंपनी लिमिटेड की अमोनिया-यूरिया उर्वरक परियोजना के लिए भूमिपूजन करेंगे
इस परियोजना का निर्माण 10,600 करोड़ रुपये से अधिक के अनुमानित निवेश से किया जाएगा और यह असम तथा पड़ोसी राज्यों की उर्वरक आवश्यकताओं को पूरा करने और आयात पर निर्भरता कम करने में सहायता प्रदान करेगी
प्रधानमंत्री गुवाहाटी के बोरागांव स्थित शहीद स्मारक क्षेत्र में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 20-21 दिसंबर को असम की यात्रा पर रहेंगे। 20 दिसंबर को दोपहर लगभग 3 बजे प्रधानमंत्री गुवाहाटी पहुंचकर लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का निरीक्षण और इसका उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर वे एक जनसभा को संबोधित करेंगे।

21 दिसंबर को सुबह लगभग 9:45 बजे, प्रधानमंत्री गुवाहाटी के बोरागांव स्थित शहीद स्मारक क्षेत्र में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद, वे असम के डिब्रूगढ़ जिले के नामरूप जाएंगे, जहां वे असम वैली फर्टिलाइजर एंड केमिकल कंपनी लिमिटेड की अमोनिया-यूरिया परियोजना के लिए भूमि पूजन करेंगे। वे इस अवसर पर एक सभा को संबोधित भी करेंगे।

20 दिसंबर को प्रधानमंत्री गुवाहाटी में लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे, यह असम की कनेक्टिविटी, आर्थिक विस्तार और वैश्विक जुड़ाव में एक परिवर्तनकारी उपलब्धि सिद्ध होगा।

लगभग 1.4 लाख वर्ग मीटर में विस्तारित नवनिर्मित एकीकृत नया टर्मिनल भवन, रनवे, एयरफील्ड सिस्टम, एप्रन और टैक्सीवे में किए गए बड़े उन्नयन के समर्थन से, प्रति वर्ष 1.3 करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता के साथ तैयार किया गया है।

भारत का पहला प्रकृति-विषय से जुड़ा यह हवाई अड्डा टर्मिनल, असम की जैव विविधता और सांस्कृतिक विरासत से प्रेरित है, जिसका विषय "बांस के उद्यान" है। टर्मिनल में पूर्वोत्तर से प्राप्त लगभग 140 मीट्रिक टन बांस का अभूतपूर्व उपयोग किया गया है, जो काजीरंगा से प्रेरित हरे-भरे परिदृश्य, जापी आकृतियां, प्रतिष्ठित गैंडे का प्रतीक और कोपो फूल को प्रतिबिंबित करने वाले 57 बाग-विषय वाले स्तंभों से पूरित है। एक अनूठा "आकाश वन", जिसमें लगभग एक लाख स्थानीय प्रजातियों के पौधे हैं और यह यहां आने वाले यात्रियों को वन जैसा अनुभव प्रदान करता है।

यह टर्मिनल यात्रियों की सुविधा और डिजिटल नवाचार के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करता है। तेज़ और सहज सुरक्षा जांच के लिए फुल-बॉडी स्कैनर, डिजियात्रा-सक्षम संपर्क रहित यात्रा, स्वचालित सामान प्रबंधन, त्वरित आव्रजन और एआई-संचालित हवाई अड्डा संचालन जैसी सुविधाएं निर्बाध, सुरक्षित और कुशल यात्रा सुनिश्चित करती हैं।

21 दिसंबर की सुबह नामरूप जाने से पहले, प्रधानमंत्री शहीद स्मारक क्षेत्र का दौरा करेंगे और ऐतिहासिक असम आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। यह छह वर्ष लंबा जन आंदोलन था जिसने विदेशियों से मुक्त असम और राज्य की पहचान की रक्षा के लिए सामूहिक संकल्प को मूर्त रूप दिया।

बाद में दिन में, प्रधानमंत्री असम के डिब्रूगढ़ जिले के नामरूप में ब्रह्मपुत्र घाटी उर्वरक निगम लिमिटेड (बीवीएफसीएल) के वर्तमान परिसर के भीतर स्थित नई ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया उर्वरक परियोजना का भूमिपूजन करेंगे।

प्रधानमंत्री के किसान कल्याण के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, 10,600 करोड़ रुपये से अधिक के अनुमानित निवेश वाली यह परियोजना असम और पड़ोसी राज्यों की उर्वरक आवश्यकताओं को पूर्ण करेगी, आयात पर निर्भरता कम करने के साथ-साथ पर्याप्त रोजगार सृजित करेगी और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को गति प्रदान करेगी। यह औद्योगिक पुनरुद्धार और किसान कल्याण की आधारशिला है।