CM speaks at the launch of series of health schemes for the state

Published By : Admin | September 4, 2012 | 20:58 IST

अगर ये चुनाव का वर्ष नहीं होता और सामान्य दिन होते तो आज का यह कार्यक्रम, यह घटना समग्र देश में और ख़ासकर गुजरात में अत्यंत सकारात्मक रूप में एक उत्तम पहल के रूप में सराही गई होती, परंतु चुनाव के वर्ष में कोई भी सत्कार्य करो, अच्छे से अच्छा कार्य करो पर जो लोग सरकार में नहीं हैं उनके लिए ये बड़ी राजनीति होती है और इसके कारण प्रत्येक घटना को राजनीति के तराजू में तोला जाता है और परिणाम स्वरूप बहुत अच्छे प्रकार के इनिशियेटिव्स भी ऐसी राजनैतिक खींचातानी में फंस जाते हैं और जन साधारण को इसकी जानकारी नहीं होती है। कल मैंने देखा कि इसी सभागृह के अंदर गुजरात के इतिहास की बेजोड़ घटना घटी, यह हॉल किसानों से ठसा-ठस भरा था और विश्व के आठ देशों, और इस देश के 11 राज्यों के किसान मिल कर कृषि क्रांति की दिशा में मंथन कर रहे थे। एक अदभुत नजारा था, पर इस समय चुनाव का साल है..!

आज की यह घटना भी अनेक रूप से पूरे देश के लिए अनोखी है। आधुनिक टैक्नोलॉजी का उपयोग करके, स्मार्ट कार्ड की व्यवस्था करके इस राज्य का गरीब नागरिक कैशलेस, जेब में एक पैसा ना हो, सिर्फ उसके पास ये कार्ड हो तो गंभीर से गंभीर बीमारी में भी इलाज के लिए सरकार सज्ज हो, तैयार हो, इस प्रकार की व्यवस्था पश्चिमी देशों में होने की बात हम सुनते हैं, देखते हैं पर भारत में कल्पना तक नहीं कर सकते, ऐसा एक अभिनव कार्य, जिसकी आज शुरूआत हो रही हे।

47 जितनी हॉस्पिटलों में ऐसी गंभीर प्रकार की बीमारियों के लिए गरीब आदमी को परेशान नहीं होना पड़ेगा। मित्रों, सरकार गरीबों के लिए है इसका मतलब क्या? अमीर आदमी बीमार होगा तो डॉक्टरों की उसके घर लाईन लग जाएगी, सुखी आदमी को सुख खरीदने के लिए पैसों की कभी कमी नहीं होती। गरीब इंसान के सपने में भी दूर-दूर तक यह बात नहीं होती। एक जमाना था, गरीब इंसान बीमार हो, हॉस्पिटल जाना हो... गाँव में इंसान बीमार हो, हॉस्पिटल जाना हो... गर्भवती बहन हो, प्रसव की पीड़ा हो रही हो, हॉस्पिटल जाना हो... रिक्शावाला एडवांस पैसा मांगे और पैसा नहीं हो तो रिक्शावाला मना कर दे। किसी अड़ौसी-पड़ौसी का ट्रेक्टर मांगो, टैम्पो मांगों तो वह मना कर देता है, बैलगाड़ी करनी हो तो बैलगाड़ी नहीं मिले, पास के गाँव में जाना हो तो जाने की व्यवस्था नहीं मिले, बस का ठिकाना नहीं हो... जेब में पैसा नहीं हो तो दवाखाने तक नहीं पहुंचा जा सकता था, ऐसे दिन हमने देखे हैं। यह ‘108’ की सेवा, फोन किया कि गाड़ी हाजिर हो गई। वे पूछते नहीं हैं कि तुम हिंदु हो कि मुस्लमान हो, वे पूछते नहीं हैं कि तुम शहर में रहते हो या गाँव में रहते हो, वे पूछते नहीं हैं कि तुम अमीर हो कि गरीब हो, वे पूछते नहीं हैं कि तुम ऊंची जात के हो कि पिछड़ी जात के हो, तुम सवर्ण हो या दलित हो... नहीं, तुम इंसान हो और तुम्हारी सेवा करने के लिए हम बंधे हैं, यह गुजरात तुम्हारी सेवा करने के लिए बाध्य है, और जेब में एक कौड़ी ना हो, तो उसे भी पूरी-पूरी सेवा मिलती है।

आज 200 करोड रूपये की इतनी बड़ी योजना लॉन्च की जा रही है और यह आजकल का आया हुआ विचार नहीं है; वरना आप अखबार पढ़ो तो आपको ऐसा लगे कि जैसे कल सवेरे ही यह विचार हमें आया होगा..! मुद्दा तो यह है कि लोग हमारे विचार चुरा ले जाते हैं, क्योंकि इतनी सारी बैंक्रप्ट्सी है कि उन्हें ऑरिजनल विचार ही नहीं आते। पिछले साल मार्च महीने के बजट में जो चीज़ रखी गई हो और बजट में रखी गई हो यानि 2011 के नवंबर-दिसबंर में इसके लिए चर्चा शुरु हुई हो। एक बार इस योजना ने आकार लिया हो, लंबा विचार-विमर्श हुआ हो, तब जाकर 2012 के मार्च के इस बजट के अंदर प्रस्तुत किया गया हो, पैसा अलाट हुआ हो, उस योजना का आज विधिवत् रूप से अमलीकरण का यह कार्यक्रम है। योजना की घोषणा का यह कार्यक्रम नहीं है, यह अमलीकरण का कार्यक्रम है। और गुजरात के प्रत्येक गरीब को ऐसी कोई भी गंभीर प्रकार की बीमारी उसके परिवार में आ पड़े, तो उसकी जिम्मेदारी आज से गांधीनगर में बैठी यह सरकार ले रही है। यह छोटा स्टेटमेंट नहीं है, मित्रों। इस राज्य के गरीब इंसान की गंभीर बीमारियों की जिम्मेदारी सरकार उठा रही है। ये संकल्प घोषित करना और उस पर अमल करना, इसके अमलीकरण की प्रक्रिया पूरे देश का ध्यान खींचने वाली है।

भाइयों और बहनों, आज से एक और नया प्रयोग हम कर रहे हैं। ‘108’ की सेवा, इमरजेंसी में दौड़ना, पेशेंट को बचाना, इस सेवा का एक भाग तो हमने अनुभव किया है और हम सब गौरव करते हैं। मुझे यहाँ जब ‘108’ के सभी साथी बैठे हैं तब उनकी छाती गज-गज फूल जाए ऐसी बात करनी है। मुझे प्रति सप्ताह जो अनेक फोन आते हैं, उसमें हर सप्ताह में एक-दो फोन ऐसे होते हैं जो किसी अनजान व्यक्ति - किसी बहन का होता है, किसी नौजवान का होता है, किसी वृद्ध मां का होता है... हमें यह लगता है कि यह किसी गरीब इंसान का फोन आया है तो जरूर कोई फरियाद करने, काम के लिए फोन किया होगा। लगभग हर सप्ताह एकाध फोन मुझे ऐसे आता हैं, और फोन में फरियाद नहीं होती है, अपेक्षा नहीं होती है, लेकिन बहुत ही भावुक स्वर में कोई बहन या कोई मां या फिर कोई बेटा मुझे कहता है कि साहब, ये आपकी ‘108’ सेवा के कारण मेरा बेटा बच गया, कोई कहता है कि आपकी इस ‘108’ के कारण मेरा पति बच गया, इसके लिए सरकार का जितना आभार मानें उतना कम है..! ये बात इस समाज के सामान्य नागरिकों के टेलिफोन से मेरे तक पहुंचती है, और जब ऐसा फोन आता है तो पूरा दिन ऐसे दौडऩे का मन करता है कि वाह, जनता की सेवा करने में क्या आनंद आता है..! टेलिफोन तो मुझे मिलता है, छाती मेरी फूलती है, पर इस छाती के फूलने की घटना के पीछे के कारक जो यहाँ बैठे हैं, ये ‘108’ के मित्रों को मुझे अभिनंदन देना है, इस यश के सच्चे अधिकारी आप हों। आप इनका टेलिफोन देर से उठाओ और पांच मिनट देरी से जाओ तो आपको कौन पूछने वाला है, भाई? पर नहीं, ‘108’ में स्पर्धा है, जल्द से जल्द कौन पहुँचे? जल्दी से जल्दी इलाज कैसे मिले? ये जो पूरा वर्क कल्चर हम खड़ा कर पाए हैं, इस वर्क कल्चर का असर हरएक क्षेत्र में होने वाला है। नहीं तो पहले, एम्बूलेंस वैन और डैडबॉडी वैन में असमंजस रहती थी, बुलाई गई हो एम्बूलेंस और आती डेडबॉडी वैन थी, ऐसी दशा थी। उसमें से एक गुणात्मक परिवर्तन..! और गुड गवर्नेंस किसे कहते हैं? गुड गवर्नेंस के ये एक के बाद एक उदाहरण हैं। और अब इसमें एक नया नजारा, यह नया नजारा यानि ‘खिलखिलाट’। पूरा गुजरात वैसे भी खिलखिला रहा है, और गुजरात खिलिखिला रहा है इसलिए कुछ लोग कराह रहे हैं, इस कराह का जवाब है ‘खिलखिलाट’..! गरीब मां हॉस्पिटल तो पहुंचा गई पर 40, 42, 48, 50 घंटे की आयु वाले बच्चे को लेकर कष्ट भुगतते हुए घर जाती है, तो उस बच्चे पर सबसे ज्यादा विपरीत प्रभाव पड़ता है। उस बालक की जिंदगी बच जाए, उसे कोई तकलीफ नहीं हो, इसके लिए एक दूर दृष्टि की समझ के साथ इस ‘खिलखिलाट’ योजना को जन्म दिया गया है। और ऐसा भी नहीं चाहते हैं कि ‘108’ की तरह साइरन बजाती-बजाती फिर घर जाए, नहीं तो पूरे परिवार, मुहल्ले को बेचैनी हो कि ये फिर क्या हुआ, भाई..? अभी कल तो इसको हॉस्पिटल ले गए थे, फिर आज रोता-रोता कौन आ गया? अंदर से उतरे तब तक तो किसी बेचारे को आंखों से आंसू आ जाए, ऐसी भूल ना हो इसके लिए इसका पूरा रंग-रूप बदल दिया है, उसकी सायरन भी बदल दी है, इस प्रकार की सायरन भी हो सकती है ये लोगों को शायद पहली बार पता चलेगा। यह मेरा कार्यक्रम पूरा होने के बाद हम सभी यहाँ से बाहर जाएंगे, फ्लैग-ऑफ के लिए। आप भी देखना, तो आपको भी लगेगा..!

आज एक कॉर्पोरेशन की रचना की भी हम घोषणा करते हैं, मेडिकल सर्विसेज के लिए। यह भी 2012 के मार्च महिने के बजट में विधिवत् रूप से घोषित की गई योजना है। और इसके लिए कुछ लोग ऐसा कहते हैं कि हम करेंगे। अरे, गुजरात सरकार ने तो इसे बजट में पहले ही कर दिया था। भाइयों-बहनों, गुजरात, विकास की नई ऊंचाइयों को पार कर रहा है। अभी हमने गुटखे पर प्रतिबंध घोषित किया है। 11 तारीख से इस पर अमल शुरू हो जाएगा। माताएं-बहनें गुटखा बंद होने पर सबसे ज्यादा प्रसन्न हुई हैं, क्योंकि घर में बच्चे के लिए दूध नहीं आए, पर गुटखा आए ऐसा था। इस गुटखे पर प्रतिबंध के समर्थन के लिए हमने एक टेलिफोन नम्बर दिया है। आप कॉल करके गुटखा प्रतिबंध पर आपका समर्थन दें। आप में से कितने हैं जिन्होंने मिस्ड कॉल किया है, भाई..? बहुत कम हैं। यहाँ बैठे हुए कितने लोग हैं जिनके पास मोबाइल फोन है? हाथ ऊपर करो, मोबाइल फोन वाले कितने? पूरा सभागृह भरा हुआ है। एक काम करो, अपना मोबाइल निकालो और चालू करो। मोबाइल चालू करो, एक नंबर लिखवाता हूँ, उस नंबर पर मिस्ड कॉल करो और गुटखा प्रतिबंध को समर्थन दो, मेरी सभी से प्रार्थना है। आपके पास मोबाइल होगा प्लीज़, 80009-80009 नंबर है। आपने मुझे समर्थन दिया इसके लिए आपको मेरा मैसेज थोड़ी देर में मिल जाएगा। मेरी बिनती है कि इस काम में मेरी मदद करें। आपके मित्रों, परिचितों, ऑफिस में जो कोई हो, जिसके भी पास मोबाइल फोन हो, उन सभी से अनुरोध करें कि हमारी युवा पीढ़ी को कैंसर से बचाने के अभियान में मिस्ड कॉल करके भागीदार बनें। 80009-80009, कितनों ने किया..? पक्का..? तो थोड़ी देर में मैसेज आने शुरू हो जाएंगे, जन भागीदारी के बिना, जन सहयोग के बिना कभी कोई कार्य सफल नहीं होता। गुजरात की सफलता सरकार से जनता जो दो कदम आगे रहती है इस कारण से है, जनता की जो सक्रिय भागीदारी है, इस सक्रीय भागीदारी के कारण है।

आप सभी को, खास कर के स्वास्थ्य विभाग को, जिन्होंने अनेकविध लक्ष्य प्राप्त किये हैं, उनका मैं अभिनंदन करता हूँ।

धन्यवाद...!

जय जय गरवी गुजरात...!!

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नमस्कार !

महाराष्ट्र के गवर्नर सी पी राधाकृष्णन जी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस जी, अजित पवार जी, अन्य सभी महानुभाव और महाराष्ट्र के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों...

महाराष्ट्रातील सर्व शिवप्रेमी बंधू-भगिनींना माझा नमस्कार ।

आज महाराष्ट्र को 10 मेडिकल कॉलेजों की सौगात मिल रही है। नागपुर एयरपोर्ट के आधुनिकीकरण और विस्तार का काम, शिर्डी एयरपोर्ट के लिए नए टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण आज इनफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े इन दो अहम प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास भी हुआ है। मैं इन सभी विकास कार्यों के लिए महाराष्ट्र के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। अभी पिछले हफ्ते ही मैं ठाणे और मुंबई गया था। यहाँ मेट्रो समेत 30 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट्स के शुभारंभ का अवसर मुझे मिला, इसके पहले भी अलग-अलग जिलों में हजारों करोड़ की विकास परियोजनाएं शुरू हुई हैं। कई शहरों में मेट्रो का विस्तार किया जा रहा है। कहीं एयरपोर्ट को अपग्रेड किया जा रहा है, तो कहीं सड़कों और हाइवे से जुड़े प्रोजेक्ट तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर, सोलर एनर्जी, टेक्सटाइल पार्क से जुड़ी परियोजनाएं लॉन्च की गई हैं। किसानों, पशुपालकों के हित में नई पहल की गई है। महाराष्ट्र में देश के सबसे बड़े कंटेनर पोर्ट, वधावन पोर्ट की नींव रखी गई है। महाराष्ट्र के इतिहास में इतनी तेज गति से, इतने बड़े स्केल पर, अलग-अलग क्षेत्रों में कभी भी विकास नहीं हुआ। हां, ये बात अलग है कि कांग्रेस के राज में इतनी ही तेज गति से, इतने ही स्केल पर, अलग-अलग क्षेत्रों में भ्रष्टाचार जरूर होता था।

भाइयों बहनों,

कुछ दिन पहले ही हमने मराठी भाषा को 'अभिजात भाषा' का दर्जा दिया। जब एक भाषा को उसका गौरव मिलता है, तब सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि पूरी पीढ़ी को नए बोल मिलते हैं। करोड़ों मराठी मानुष का दशकों पुराना सपना पूरा हुआ। महाराष्ट्र के लोगों ने जगह-जगह इसकी खुशी मनाई आज महाराष्ट्र के गाँव-गाँव से मुझे खुशी के संदेश भी भेज रहे हैं। महाराष्ट्र के लोग अपने संदेशों में मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा देने के लिए मुझे ढेर सारे धन्यवाद दे रहे हैं। लेकिन, मैं बताना चाहता हूँ। ये काम मैंने नहीं, आप सबके आशीर्वाद ने किया है। महाराष्ट्र के विकास का हर प्रयास छत्रपति शिवाजी महाराज, बाबा साहेब आंबेडकर, ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई फुले जैसी विभूतियों के आशीर्वाद से हो रहा है।

साथियों,

अभी कल ही हरियाणा और जम्मू कश्मीर के चुनाव परिणाम आए हैं। हरियाणा ने बता दिया है, देश का मूड क्या है, मिजाज क्या है! दो बार कार्यकाल पूरा करने के बाद लगातार तीसरी बार चुनकर आना ऐतिहासिक है। कांग्रेस का पूरा ecosystem, अर्बन नक्सल का पूरा गिरोह, जनता को गुमराह करने में जुटा था। लेकिन कांग्रेस की सारी साजिशें ध्वस्त हो गईं। इन्होंने दलितों के बीच झूठ फैलाने की कोशिश की, लेकिन दलित समाज ने इनके खतरनाक इरादों को भांप लिया। दलितों को एहसास हो गया कि कांग्रेस, उनका आरक्षण छीनकर, अपने वोट बैंक में बांटना चाहती है। आज हरियाणा के दलित वर्ग ने बीजेपी को रिकॉर्ड समर्थन दिया है। हरियाणा के ओबीसी, बीजेपी के विकास कार्यों को देखकर उसके साथ हैं। कांग्रेस ने किसानों को भड़काया। लेकिन किसानों को पता है कि उसे फसलों पर MSP किसने दी। हरियाणा के किसान, बीजेपी की किसान कल्याण योजनाओं से खुश हैं। कांग्रेस ने युवाओं को टारगेट किया और अलग-अलग तरीके से उन्हें भड़काने की कोशिश की। लेकिन हरियाणा के नौजवान, हमारी बहनें-बेटियां, अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए भाजपा पर ही भरोसा कर रहे हैं। कांग्रेस ने सारे हथकंडे अपनाए, लेकिन हरियाणा की जनता ने दिखा दिया, वो अब काँग्रेस और अर्बन नक्सल के नफरती षडयंत्रों का शिकार नहीं होने वाली!

साथियों,

कांग्रेस, हमेशा बांटो और सत्ता पाओ के फॉर्मूले पर चली है। कांग्रेस ने बार-बार ये सिद्ध किया है कि वो एक गैर-जिम्मेदार दल बन गया है। वो अभी भी देश को बांटने के लिए नए-नए नरैटिव गढ़ रही है। कांग्रेस, समाज को बांटने का फॉर्मूला लाती रहती है। कांग्रेस देश के मतदाताओं को गुमराह करने से बाज नहीं आ रही। कांग्रेस का फॉर्मूला साफ है कि मुसलमानों को डराते रहो, उनको भय दिखाओ, उनके वोटबैंक को convert करो और वोटबैंक को मजबूत करो। कांग्रेस के एक भी नेता ने आजतक कभी नहीं कहा कि हमारे मुस्लिम भाई-बहनों में कितनी जातियां होती हैं। मुस्लिम जातियों की बात आते ही कांग्रेस के नेता मुंह पर ताला लगाकर बैठ जाते हैं। लेकिन जब भी हिंदू समाज की बात आती है, तो कांग्रेस उनकी चर्चा जाति से ही शुरू करती है। कांग्रेस की नीति है, हिंदुओं की एक जाति को दूसरी जाति से लड़ाओ। कांग्रेस जानती है कि जितना हिंदू बंटेगा, उतना ही उसका फायदा होगा। कांग्रेस किसी भी तरीके से हिंदू समाज में आग लगाए रखना चाहती है, ताकि वो उस पर राजनीतिक रोटियां सेंकती रहे। भारत में जहां भी चुनाव होते हैं, वहां कांग्रेस यही फॉर्मूला लागू करती है। अपना वोटबैंक पक्का करने के लिए कांग्रेस समाज में जहर घोलने के हर हथकंडे अपना रही है। कांग्रेस पूरी तरह से सांप्रदायिक और जातिवाद का चुनाव लड़ती रहती है। हिंदू समाज को तोड़कर उसे अपनी जीत का फॉर्मूला बनाना, यही कांग्रेस की राजनीति का आधार है। कांग्रेस भारत के सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की भावना का दमन कर रही है, सनातन परंपरा का दमन कर रही है। जिस कांग्रेस ने इतने वर्षों तक देश पर राज किया, वो सत्ता में वापसी के लिए इतनी बेचैन है कि हर रोज नफरत की राजनीति कर रही है। कांग्रेस की पुरानी पीढ़ी के नेता भी बेबस हैं, असहाय हैं कि उनकी इस पार्टी की क्या स्थिति हो गई है। कांग्रेस की ये स्थिति होने वाली है, कांग्रेस नफरत फैलाने की सबसे बड़ी फैक्ट्री बनने वाली है। ये गांधी जी ने आजादी के बाद ही समझ लिया था। इसलिए ही गांधी जी ने कहा था कि कांग्रेस को खत्म कर देना चाहिए। कांग्रेस खुद खत्म नहीं हुई लेकिन आज देश को खत्म करने पर तुली हुई है। इसलिए हमें सावधान रहना है, सतर्क रहना है।

साथियों,

मेरा पक्का विश्वास है, समाज को तोड़ने की आज जो कोशिश हो रही है, ऐसी हर साजिश को महाराष्ट्र के लोग नाकाम करके रहेंगे। महाराष्ट्र के लोगों को देश के विकास को सर्वोपरि रखते हुए, एकजुट होकर बीजेपी-महायुति के लिए वोट करना है।

हरयाणा तर भाजपा जिंकली आता महाराष्ट्रात यापेक्षा मोठा विजय मिलवायचा आहे ।

साथियों,

पिछले 10 वर्ष में हमने देश के विकास के लिए आधुनिक इन्फ्रा बनाने का एक महायज्ञ शुरू किय़ा है। आज हम सिर्फ बिल्डिंग्स नहीं बना रहे, हम एक स्वस्थ और समृद्ध महाराष्ट्र की नींव रख रहे हैं। एक साथ 10 नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों की शुरुआत, ये केवल 10 नए संस्थानों को तैयार करना नहीं है। ये लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने का महायज्ञ है। ठाणे-अंबरनाथ, मुंबई, नासिक, जालना, बुलढाणा, हिंगोली, वाशिम, अमरावती, भंडारा और गढ़चिरौली, ये मेडिकल कॉलेज इन सभी जिलों में, और आस-पास के क्षेत्रों में लाखों परिवारों की सेवा का केंद्र बनेंगे। इनके चलते महाराष्ट्र में 900 मेडिकल सीटें बढ़ रही हैं। अब महाराष्ट्र में मेडिकल सीटों की संख्या लगभग 6 हजार हो जाएगी। इस बार लाल किले से देश ने संकल्प लिया है कि मेडिकल लाइन में 75 हजार नई सीटें जोड़ी जाएंगी। आज का य़े आयोजन इस दिशा में भी बड़ा कदम है।

साथियों,

हमने मेडिकल शिक्षा को सुलभ बनाया है। इससे महाराष्ट्र के युवाओं के लिए नए अवसरों के दरवाजे खुल गए हैं। हमारे गरीब और मध्यम वर्ग के ज्यादा से ज्यादा बच्चे डॉक्टर बनें, उनका सपना पूरा हो, ये हमारी सरकार की प्राथमिकता है। एक समय में इस तरह की पढ़ाई के लिए मातृभाषा में किताबें ना होना भी बड़ी चुनौती थी। हमने महाराष्ट्र के युवाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए, ये भेदभाव भी खत्म किया है। अब हमारे महाराष्ट्र के युवा मराठी भाषा में मेडिकल की पढ़ाई कर पाएंगे। मराठी भाषा में पढ़कर वो डॉक्टर बनने का सपना पूरा करेंगे।

साथियों,

जीवन को आसान बनाने का हमारा प्रयास, गरीबी के खिलाफ लड़ाई का बहुत बड़ा माध्यम है। काँग्रेस जैसी पार्टियों ने तो गरीबी को अपनी राजनीति का ईंधन बना रखा था। इसलिए वो गरीब को गरीब बनाए रखती थी। लेकिन हमारी सरकार ने एक दशक के भीतर-भीतर 25 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला है। और देश में स्वास्थ्य सेवाओं का कायाकल्प इसका एक बड़ा आधार बना है। आज हर गरीब के पास मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड है। अब सभी देशवासियों में, जो भी 70 के ऊपर के हैं, अब 70 साल की उम्र के बुजुर्गों को भी मुफ्त इलाज मिल रहा है। जन-औषधि केन्द्रों पर बेहद कम कीमत पर जरूरी दवाइयाँ मिल रही हैं। हार्ट मरीजों के लिए स्टेंट 80-85 प्रतिशत तक सस्ते किए गए हैं। हमने कैंसर के इलाज के लिए जरूरी दवाइयों के लिए उसके दाम भी कम किए हैं। सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों की संख्या बढ़ने से भी इलाज सस्ता हुआ है। आज गरीब से गरीब देशवासी को मोदी सरकार ने सामाजिक सुरक्षा का मजबूत कवच दिया है।

साथियों,

दुनिया किसी देश में तभी विश्वास करती है, जब वहाँ का युवा आत्मविश्वास से भरा होता है। आज युवा भारत का आत्मविश्वास, भारत के उज्ज्वल भविष्य की नई कहानी है। दुनिया के बड़े-बड़े देश आज भारत को मानव संसाधन के बड़े केंद्र के रूप में देख रहे हैं। हमारे युवाओं के पास पूरी दुनिया में शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर सॉफ्टवेयर तक, हर क्षेत्र में अपार अवसर हैं। इसलिए हम अपने युवाओं को ग्लोबल स्टैंडर्ड के मुताबिक skilled बना रहे हैं। आज हम महाराष्ट्र में विद्या समीक्षा केंद्र जैसे प्रकल्प भी शुरू कर रहे हैं। आज हमने मुंबई में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स का शुभारंभ भी किया है। इसमें युवाओं को Future-oriented training मिलेगी। उनके टैलेंट को बाजार की डिमांड के मुताबिक आगे बढ़ाया जाएगा। हमारी सरकार ने युवाओं को paid internship देने की शुरुआत भी की है। भारत के इतिहास में पहली बार इस तरह की पहल हुई है। अब युवाओं को 5 हजार रुपए इंटर्नशिप के तौर पर मिलेंगे। मुझे खुशी है कि हजारों कंपनियां इस अभियान में जुड़ने के लिए, युवाओं को internship में मदद करने के लिए रजिस्ट्रेशन करा रही हैं। इस पहल से युवाओं की नींव मजबूत होगी, उनको नया अनुभव मिलेगा और उनके लिए नए अवसरों की राह आसान होगी।

भाइयों बहनों,

युवाओं को लेकर भारत जो प्रयास कर रहा है, उसके परिणाम भी लगातार सामने आ रहे हैं। आज हमारे एजुकेशन institutes दुनिया के टॉप institutes की बराबरी कर रहे हैं। अभी कल ही वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग आई है। इस रैंकिंग के अनुसार भारत में युवाओं के लिए उच्च शिक्षा की, रिसर्च की क्वालिटी बदल रही है।

साथियों,

आज पूरी दुनिया की नजर भारत पर है। भारत दुनिया की पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। अब ग्लोबल इकॉनमी का फ्यूचर भारत से जुड़ा हुआ है! भारत की ये आर्थिक प्रगति नए अवसरों को लेकर आ रही है। ऐसे क्षेत्र, जिनकी दशकों तक कांग्रेस ने उपेक्षा की, आज वो क्षेत्र भी असीम अवसरों का स्रोत बन रही है। जैसे टूरिज़्म का उदाहरण है, महाराष्ट्र के पास कितनी अमूल्य विरासत है! महाराष्ट्र में कितने सुंदर प्राकृतिक स्थल हैं, आध्यात्मिक केंद्र हैं, इनके इर्द-गिर्द हजारों लाखों करोड़ की इकॉनमी विकसित हो सकती थी। लेकिन, इन अवसरों का वैसे उपयोग नहीं हुआ जैसा होना चाहिए था। काँग्रेस को न विकास से मतलब था, न विरासत से मतलब था। हमारी सरकार में विकास भी है, विरासत भी है। हम अपने समृद्ध अतीत से प्रेरणा लेकर उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर रहे हैं। इसीलिए, आज शिर्डी एयरपोर्ट के लिए नई टर्मिनल बिल्डिंग का शिलान्यास, नागपुर एयरपोर्ट का आधुनिकीकरण, ऐसे ही कितने ही विकास कार्य आज अनवरत महाराष्ट्र में चल रहे हैं। शिर्डी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल से साईं बाबा के भक्तों को काफी सुविधा होगी। देश विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहाँ आ सकेंगे। कुछ ही दिन पहले मैंने अपग्रेडेड सोलापुर एयरपोर्ट का लोकार्पण भी किया था। जब श्रद्धालु एक जगह आएंगे, शनि शिंगणापुर, तुलजा भवानी, कैलास मंदिर जैसे आस पास के दूसरे स्थानों पर भी जरूर जाएंगे। इससे महाराष्ट्र की पर्यटन इकॉनमी को बूस्ट मिलेगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

साथियों,

हमारी सरकार का हर निर्णय और हर नीति केवल-केवल एक ही लक्ष्य के लिए समर्पित है और वो लक्ष्य है- विकसित भारत! और इसके लिए हमारा विज़न है- गरीब, किसान, युवा और महिलाओं का कल्याण। इसलिए विकास का हर प्रोजेक्ट गाँव-गरीब, मजदूर-किसान के लिए समर्पित होता है। शिर्डी एयरपोर्ट में जो अलग कार्गो कॉम्पलेक्स बन रहा है, वो किसानों की बड़ी मदद करेगा। इस कॉम्पलेक्स के द्वारा विभिन्न प्रकार के कृषि उत्पादों को देश और विदेश में भेजा जाएगा। इसका फायदा शिर्डी, लासलगांव, अहिल्यानगर और नासिक के किसानों को होने वाला है। ये किसान प्याज, अंगूर, सैजन, अमरूद और अनार जैसे उत्पादों को बड़े बाजार तक आसानी से पहुंचा सकेंगे।

भाइयों बहनों,

हमारी सरकार किसानों के हित में लगातार जरूरी कदम उठा रही है। हमने बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य को खत्म कर दिया है। गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध भी हटा दिया गया है। परबॉइल्ड चावल पर निर्यात शुल्क भी आधा हो गया है। महाराष्ट्र के किसानों का मुनाफा बढ़े, इसके लिए सरकार ने प्याज पर लगने वाले एक्सपोर्ट टैक्स को भी आधा कर दिया है। हमने खाद्य तेलों के आयात पर 20 प्रतिशत टैक्स लगाने का फैसला किया है। Refined सोयाबीन, सूरजमुखी और पाम ऑयल पर कस्टम शुल्क को भी काफी बढ़ाया गया है, इसका लाभ किसे होगा? हमारे देश के किसानों को होगा। उन्हें सरसों, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसी फसलों की ज्यादा कीमत मिलेगी। आज सरकार, टेक्सटाइल इंडस्ट्री को जिस तरह सपोर्ट कर रही है, उससे महाराष्ट्र के कपास किसानों को भी बहुत फायदा होगा।

साथिय़ों,

आपको एक बात हमेशा याद रखनी है, महा-अघाड़ी, महाराष्ट्र को कमज़ोर करके सत्ता पाना चाहती है, जबकि महायुति का संकल्प महाराष्ट्र को मजबूत बनाने का है। मुझे खुशी है कि आज महाराष्ट्र एक बार फिर देश की प्रगति को नेतृत्व देने के लिए आगे बढ़ रहा है। मैं एक बार फिर, महाराष्ट्र के लोगों को इन सभी विकास कार्यों के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।