आज जो अपने जीवन की नई शुरूआत कर रहे हैं ऐसे सारे विद्यार्थी मित्रों और उपस्थित सज्‍जनों,

मैंने विशेष मेहमान कहा, कुछ बच्‍चों को आपने देखा होगा। मैंने एक आग्रह रखा है कि जहां भी Convocation होता है वहां पर उस शहर के 20-25 स्‍कूलों से और वो भी गरीब बच्‍चे जहां पढ़ते हो दो दो बच्‍चों को इस Convocation पर विशेष रूप से निमंत्रित करके बुलाना चाहिए। जब यह बालक इस समारोह को देखते हैं, यह वेशभूषा, यह सब, तो उनके मन में एक संस्‍कार भी जगते हैं और सहज रूप से एक inspiration सा जगता है, उनके मन में भी होता है कि काश मेरे जीवन में भी ऐसा अवसर आए और इसलिए मेरा आग्रह रहता है कि हर University में एक Convocation हो तो गरीब परिवार के 50 बालक....40-50 स्कूलों में से एक-एक दो-दो को जरूर बुलाना चाहिए। उनको यह समारोह में शरीक करना चाहिए। उसमें से एक नई प्रेरणा मिलती है और मैं भी चाहूंगा कि आज जो उर्तीण हुए हैं वो बाद में जरूर पांच मिनट उन बच्‍चों से बात करें। उसने चर्चा करें, अपने अनुभव share करें। आप देखिए आपके माध्‍यम से कितना बड़ा काम हो जाएगा।

आज मुझे कुछ पूर्व Directors का सम्‍मान करने का अवसर मिला। अनेक व्‍यक्ति अपना जीवन जब खपा देते हैं, तब ऐसी संस्‍थाएं विकसित होती हैं। ऐसी व्‍यवस्‍थाएं विकसित होती हैं। पूर्व के जितने भी लोग थे और वर्तमान जितने भी लोग हैं उन सबके प्रयत्‍नों से इस संस्‍था ने एक अंतर्राष्‍ट्रीय अपना स्‍थान बनाया है। मैं उन सबका हृदय से अभिनंदन करता हूं और जिनका स्‍वागत करने का मुझे अवसर मिला मैं अपने आप में गौरव की अनुभूति करता हूं।

मित्रों मेरे मन में एक प्रश्‍न है कि अगर आपने दिमाग लगाया होता तो शायद इस Profession में नहीं आते। यहां आने से पहले आपने दिमाग से नहीं सोचा होगा यह मेरा पूरा विश्‍वास है। फिर आए क्यों? आए इसलिए हैं कि आपने दिमाग से नहीं दिल से सोचा है। काम तो दिमाग का है, लेकिन दिमाग से होने वाला नहीं है। आपने एक ऐसे Profession को तैयार किया है जिसमें दिल से ही आप Patient को ठीक कर पाते हैं, दिमाग से नहीं कर पाते और उस पर मैं कहता हूं कि आपने, आपके दिल ने आपको इस Profession में आने के लिए मजबूर किया है, अपने आपको प्रेरित किया है, आपके भीतर से वो आवाज़ उठी है और आपको लगा है कि भई यह समाज में ये लोग.. कोई तो इनकी सेवा करें और मैं जातना हूं कि यह कठिन काम है।

आप जब पहली बार अस्‍पताल में डिग्री धारण करने के बाद जाएंगे तो Patient तालिया बजाएंगे कि चलो एक और आ गया। उनको तो यही लगेगा कि हमारे जैसा ही कोई आया है, फिर उसके साथ बात करना, समय बिताना, उसको समझना और फिर उसमें विश्‍वास जगाना.. बीमारी दूर करने से पहले विश्‍वास जगाना। एक ऐसा कठिन काम आपने लिया है। लेकिन मुझे विश्‍वास है कि आप, यहां जो आपको शिक्षा-दीक्षा मिली हैं, उस बदौलत और आपके दिल में जो दर्द है उसकी बदौलत आप अवश्‍य इस क्षेत्र में बहुत उत्‍तम प्रकार की सेवा कर पाएंगे।

हमारे देश में Mental Health का जब Symptom दिखने लग जाते हैं, परिवार को लगता है कि यह क्‍या odd कर रहा है, तो सबसे पहले वो मंत्र तंत्र में लग जाते हैं कोई धूपधाप करता हैं, उनको लगता है कि हां यह ठीक हो जाएगा और वहीं से बर्बादी की शुरूआत हो जाती है। अंतस्‍था मरीज को और तबाह कर देती है और परिवार वालों को लगता है हां ऐसा ही कुछ हुआ है, किसी ने कुछ कर दिया है और उसी में उसकी जिंदगी तबाह होना शुरू हो जाती है। आप कल्‍पना कर सकते हैं कि मानसिक बीमारी के प्रति देखने का समाज का रवैया कैसा है और उसमें से बदलाव लाना है और ये health related विषय है, ये physical problem है, इसके solution उस रूप से निकल सकते हैं। और बीमारियों को जैसे treat किया जा सकता है, इसे भी किया जा सकता है। यह उसके दिमाग में भरना, उस परिवार के दिमाग में भरना यह भी काफी कठिन होता है।

कुछ ऐसे परिवार होंगे… तो क्या होता होगा...वो नहीं चाहेंगे कि किसी को पता चले कि इसको ऐसी बीमारी है। छुपाते है, डरते हैं, क्‍यों कि समाज में अगर पता चल जाए कि इनके परिवार में एक का दिमाग ऐसा है तो बाकी सोचते है फिर तो सब item ऐसी ही होगी। इस पेड़ पर ऐसे ही फल आए होंगे और इसलिए बाकी कितना ही तंदरूस्‍त क्‍या न हो अच्‍छा डॉक्‍टर बना हो, फिर भी कोई बेटी देने से पचास बार सोचता है कि भई उसका एक भाई तो गड़बड़ है, इसको दे या न दें। यानी सामाजिक दृष्टि से भी एक ऐसी बीमारी है जो एक व्‍यक्ति को नहीं, पूरे परिवार को समाज की नजरों में गिरा देती है। कभी-कभार तो बाबा के समय कुछ हुआ हो grand-father, great grand-father.. और रिश्‍तेदारों को पता हो कि उनके भई एक दादा थे 55-60 साल की आयु में ऐसा हो गया था, तो भी उस परिवार के बच्‍चों को चार-चार पीढ़ी तक यह सुनते रहना पड़ता है...कुछ यार गड़बड़ है। कोई स्‍क्रू ढीला लगता है।

यानी यह एक ऐसा patient है जिसके प्रति अज्ञान, अंधश्रद्धा और जागरूकता यह सारी चीजों ने घेर लिया है और उसमें से हमें एक वैज्ञानिक तरीके से एक patient मानकर, उसकी care करने के लिए समाज के अवरोधों के खिलाफ भी काम करना पड़ता है। बाद में स्थिति ऐसी आती है अगर कोई संभावना वाला व्‍यक्ति हो, थोड़ा समझदार हो, थोड़ा जानता हो चीजें तो फिर वो depression की दवाएं लेना शुरू कर देता है और उसका कोई end नहीं होता, doze बढ़ता ही जाता है और depression भी बढ़ता ही जाता है। यानी व्‍यक्ति स्‍वयं थोड़ा depress हो तो भी इस दिशा में जाता है और ऐसी स्थिति में जब आपके profession को काम करना हो तब वैज्ञानिक तरीकों के साथ-साथ मैंने प्रारंभ में कहा, यह दिल से ही दवाई होती है और इसलिए सामान्‍य डॉक्‍टर से भी ज्‍यादा मान्‍यवीय संवेदनाएं, सामान्‍य डॉक्‍टर से ज्‍यादा patient के प्रति sympathy, इस profession में आवश्‍यक होती है। सिर्फ ज्ञान और अनुभव, इतने से इसमें काम नहीं होता है और उस अर्थ में यहां जो आपको शिक्षा-दीक्षा मिली है। मुझे विश्‍वास है कि आप सफलतापूर्वक आगे बढ़ोगे।

एक स्थिति आपके जीवन में भी ऐसी आएगी.. मैं नहीं चाहता हूं कि आए.. लेकिन आएगी, हंसी-मजाक के तौर पर आएगी लेकिन आएगी। आपकी शादी हो जाएगी और दो-चार, पांच साल के बाद जब पति या पत्‍नी रूठे हुए होंगे तो आपसे क्‍या कहेंगे? आप भी patient जैसे हो हो गए हो। इन patients के साथ रहते रहते आपका भी ऐसा ही हो गया है। यानी ऐसी अवस्‍था में आपको भी काम करना है। आपने यहां शिक्षा-दीक्षा ली है, डॉक्‍टर बनकर के आप समाज में स्‍थान प्राप्‍त करने वाले हैं। आपके मां-बाप ने कितने अरमानों के साथ आपको यहां भेजा होगा, कितनी अपेक्षाओं के साथ भेजा होगा, कितनी कठिनाईयों को झेलते हुए आपको भेजा होगा। मैं आपसे आग्रह करूंगा आपने जो कुछ भी पाया है, आपकी मेहनत तो है ही है। यहां पर शिक्षा-दीक्षा देने वालों की मेहनत भी है, आपके यार-दोस्‍तों का भी कोई न कोई योगदान है। लेकिन उन परिवारजनों ने जिन्‍होंने बड़े आशा, अरमानों के साथ आपको यहां भेजा है। अब तक तो आप विद्यार्थी थे और इसलिए वो भी सोचते थे कि मुझे देना है, लेकिन अब कल से वो भी आपकी तरफ दूसरे नजरिए से देखेंगे। अब तो भई मेरे से हुआ जो हुआ, मैंने तुम्‍हें पढ़ाया, कर्ज करके पढ़ा दिया, सब कर लिया अब तो तुम तुम्‍हारा करो कुछ.. अपेक्षाएं एक नया रूप लेंगी। मैं आशा करता हूं कि आप अपने सामर्थ्‍य से आगे बढ़ करके, अपने माता-पिता की जो आशाएं, आकांक्षाएं, अपेक्षाएं हैं आपके प्रति उसे पूरा करने की ईश्‍वर आपको पूरी ताकत दें और बिना समय बीते, वे गर्व से जी सकें इस प्रकार से आपका जीवन व्‍यवहार, आपके जीवन की सिद्धियां.. उनके जीवन के उस आधार को और अधिक जीने योग्‍य बना दें ऐसी मेरी आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

कभी-कभार हमें यह भी लगता है कि हम यहां पहुंचे, बेंगलुरू तक आ गए.. दो किलोमीटर दूर से, पांच सौ किलोमीटर दूर से, हजार किलोमीटर दूर से पढ़ाई के लिए आ गए। पैसे थे, admission मिल गया था, अच्‍छे marks थे, पढ़ रहा हूं, परमात्‍मा ने दिमाग ठीक दिया है तो अच्‍छी तरह पढ़ लेता हूं। क्‍या कभी सोचा है क्‍या सिर्फ इन कारणों से आप इस जगह पर पहुंचे हैं। अगर आप सोचेंगे तो पता चलेगा कि नहीं। इसका तो स्‍थान बहुत कम है। आपके पैसे, आपका समय, आपकी बुद्धि, आपके परिवार का योगदान, आपके शिक्षकों का योगदान यह कहां जाता है। लेकिन आपको यहां तक पहुंचाने के लिए जिन-जिन लोगों ने योगदान दिया है कभी उनको भी याद कीजिए और जीवन में हर पल याद कीजिए। फिर आपको जीवन कैसे जीना चाहिए, यह सीखने के लिए किसी महापुरूष को याद नहीं करना पड़ेगा, किसी किताब का reference नहीं देखना पड़ेगा। अपने जीवन की ही घटनाएं, आपके जीवन की प्रेरणा बन सकती है। याद कीजिए जिस दिन पहली बार आप बेंगलुरू आए होंगे और कोई ऑटो रिक्‍शा वाला आपको यहां तक ले आया होगा, जरा उसका चेहरा याद कीजिए और यह सोचिए कि आप तो नये आए थे, लेकिन इसने आपसे अधिक पैसे नहीं मांगे थे, उतने ही पैसे लिए थे जितना कि यहां पहुंचने का किराया होता था। आपको याद आएगा कि देखों भई मेरी जिंदगी की शुरूआत जब मैं बेंगलुरू पहली बार आया था, लेकिन एक ऑटो रिक्‍शा वाला था जो मुझे समय जगह पर, सही समय पर पहुंचाया था। क्‍या आपका यहां तक पहुंचने में उसका कोई योगदान नहीं है, अगर उसका योगदान है तो क्‍या मेरी जिंदगी में उस कर्ज को चुकाने का योगदान होना चाहिए कि नहीं? और मैं मानता हूं जिंदगी को आगे बढ़ाने का तरीका यही होता है। हम किस के कारण कहां-कहां पहुंचे हैं। कभी यहां भी पढतें होंगे, कभी थकान भी महसूस होती होगी, exam के दिन होंगे और मन कर गया होगा कि रात को 12 बजे जाकर के कहीं चाय पीएं और hostel से बाहर निकल कर किसी पेड़ के नीचे चाय बेचने वाला बैठा होगा, बिचारा सोया होगा, आपने उसे जगाया होगा कि यार कल exam है जरा चाय पिला दो न और उसने अपनी नींद छोड़कर के आपके लिए चाय बनाई होगी। और वो चाय पीकर के आपने रात को फिर दो घंटा पढ़ा होगा और सुबह आपका पेपर बहुत अच्‍छा गया होगा। क्‍या उस चाय वाले का आपके जीवन में कोई योगदान है कि नहीं है?

मैंने कहने का तात्‍पर्य यह है कि हम जीवन में आगे बढ़ते हैं अपने कारण नहीं अपनों के कारण भी नहीं, अनगिनत लोगों के कारण आगे बढ़ते हैं और जो भी समाज या आखिरी छोर पर बैठे हुए लोगों के कारण बनते हैं और इसलिए जीवन जीते समय, क्‍योंकि दीक्षांत समारोह है, आज अपनी शिक्षा-दीक्षा के साथ आज समाज के उच्‍च स्‍थान पर विराजित होने वाले हैं, तब जिनके कारण हम यहां पहुंचें हैं उनको जीवन में कतई नहीं भूलेंगे। उनके लिए जीने का कुछ पल तो हम प्रयास करेंगे। मुझे विश्‍वास है कि तब जीवन बहुत धन्‍य हो जाता है।

आखिरकार धनी से धनी व्‍यक्ति.. आप जिस profession में हैं ऐसे लोग आपको मिलेंगे, पैसों का ढेर होगा, बच्‍चे होंगे, गाड़ी होगी, बंगला होगा, सब होगा और आपको आकर के कहेंगे कि यार डॉक्‍टर साहब रात को नींद नहीं आती है, पता नहीं क्‍या तकलीफ है। बहुत विचार मंथन चला रहता है, मन शांत नहीं रहता। ऐसे patient आएंगे आपके पास। सब कुछ है धन है, दौलत है, वैभव है, पैसे हैं, सब है.. मतलब यह हुआ इन चीजों से जीवन में सुख नहीं मिलता है, सुख कहीं और से मिलता है और इसलिए स्‍वांत: सुखाय मेरे भीतर के मन को आनंद दें इस प्रकार की जिंदगी जीने का प्रयास मुझे जो ईश्‍वर ने कार्य क्षेत्र दिया है उस कार्य क्षेत्र जिसको मैंने चुना है, और जिन लोगों के लिए मैं जी रहा हूं मेरे लिए यही स्‍वांत: सुखाय है। आप देखिए जिंदगी में कैसे नया रंग भर जाता है। और इसलिए उस उमंग और उत्‍साह के साथ अपने जीवन को आगे बढ़ाने का प्रयास अगर हम निरंतर करते रहेंगे, मैं विश्‍वास से कहता हूं कि आप जिस क्षेत्र में आए हैं उस क्षेत्र से आप समाज को अवश्‍य कुछ न कुछ दे सकते हैं।

Patient... हमारे यहां तो कहा है... नर सेवा और नारायण सेवा....सेवा परमोधर्म यहा कहा गया है। और medical profession ऐसा है कि जिसके कार्य को ही सेवा माना गया है। वो पैसे लेकर के करे तो भी पैसे न लेकर के करे तो भी उस काम को सेवा माना गया है। बहुत कम लोग होते हैं जिनको जीवन में सेवा ही सेवा या अवसर मिलता है। आप वो बिरादरी के लोग हैं जिनका जीवन का हर कार्य सेवा माना जाएगा और जब जैसे मंदिर में पूजा करने वाले के लिए कि परमात्‍मा को पूजा करना व्‍यवसाय नहीं है, वो पुजारी की खुद की चेतना जगाने का कार्य होता है, वैसे ही सेवा परमोधर्म है, इस प्रकार से जो patient के प्रति भाव रखता है तो उसके जीवन में उस प्रकार के आनंद की अनुभूति होती है, वो आनंद की अनुभूति आपको भी मिलती रहेगी। मुझे विश्‍वास है कि आपके जीवन में कभी भी थकान महसूस नहीं होगी, कभी रूकावाट नहीं महसूस होगी। कभी यह नहीं लगेगा काश यह न होता तो अच्‍छा होता, जहां होंगे वहीं अच्‍छे की अनुभूति होगी और वही तो जीवन का आनंद होता है।

आप यहां से जाएंगे, समाज आपको देखेगा, सिर्फ patient ही आपको देखेगा ऐसा नहीं समाज भी देखेगा। समाज के कारण हम पहुंचे हैं, उस समाज के लिए हम कुछ न कुछ तो करेंगे। जी-जान से करेंगे, जी-भरकर करेंगे। अगर यह मन का भाव रहा तो हमारा जीवन सफल हो जाता है।

आज मैं इन सभी जो award winners है, जिन्‍होंने विशेष अंक प्राप्‍त किए है उनको भी हृदय से बधाई देता हूं और आज उर्तीण होकर के एक नये जीवन की शुरूआत कर रहे हैं, उनको भी मेरी बहुत-बहुत शुभकामना देता हूं। मुझे आज यहां आने का अवसर मिला, इसलिए मैं आप सबका बहुत आभारी हूं।

धन्‍यवाद।

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November 27, 2023
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भारत माता की...

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तेलुगु प्रजलंदरिकी कार्तीका पौर्णमि शुभाकांक्षलु
मैं कुरावी वीरभद्रा स्वामी मंदिर को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। थोड़ी देर पहले मैंने तिरुमला में भगवान वेंकटेश्वरा के दिव्य दर्शन किए, उनसे आप सभी के लिए आशीर्वाद लिया। आप जनता-जनार्दन भी ईश्वर का ही रूप हैं। आपका इतनी बड़ी संख्या में यहां आकर बीजेपी को आशीर्वाद देना, ये दिखाता है कि तेलंगाना एक नया इतिहास रचने की तरफ बढ़ रहा है। महबूबाबाद को तो श्री सेवालाल महाराज जी के समर्पण और तप-तपस्या का वरदान मिला है। मेरे साथ बोलिए- श्री सेवालाल महाराज की... श्री सेवालाल महाराज की... श्री सेवालाल महाराज की... !

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
तेलंगाना प्रवास का ये मेरा लगातार तीसरा दिवस है। और अब इस चुनाव में सभाओं का ये मेरा आखिरी दिन है। इस दौरान मुझे अनेक लोगों से मिलने का, बातचीत करने का अवसर मिला। तेलंगाना के लोग KCR सरकार को उखाड़ कर फेंकने के लिए कमर कस चुके हैं। कुछ लोग तेलंगाना में कांग्रेस को लेकर भ्रम भी फैला रहे हैं। लेकिन सच्चाई यही है कि अगर किसी ने तेलंगाना को बर्बाद किया है तो वो कांग्रेस और KCR दोनों ही उतने ही पापी है। इसलिए तेलंगाना के लोग एक बीमारी को हटाकर दूसरी बीमारी को प्रवेश नहीं दे सकते, ये बात मैंने आज तेलंगाना में हर जगह देखी है। तेलंगाना का विश्वास बीजेपी पर है, तेलंगाना का अगला सीएम बीजेपी का ही होगा, ये आपने पक्का कर लिया है। और बीजेपी ने आपसे क्या वायदा किया है? ये बीजेपी का वायदा है कि तेलंगाना में बीजेपी का जो पहला सीएम होगा, वो BC समाज से होगा। बीजेपी सरकार अपने मंत्रिमंडल में सबको, यानि समाज भी ज्यादा से ज्यादा और क्षेत्र भी ज्याद से ज्यादा सबको उचित प्रतिनिधित्व देने का संकल्प किया है। अब ये तय हो गया है- तेलंगाना में पहली बार...बनेगी बीजेपी सरकार। मेरे साथ बोलेंगे आपलोग... तेलंगाना में पहली बार बनेगी बीजेपी सरकार। आप बोलिए बीजेपी सरकार। तेलंगाना में पहली बार बनेगी... तेलंगाना में पहली बार बनेगी... तेलंगाना में पहली बार बनेगी...
मोदटि सारि... तेलंगाना लो बीजेपी प्रभुत्वम् एर्पाटु कानुंदि।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
KCR को बीजेपी की बढ़ती ताकत का अहसास बहुत पहले हो गया था। ये अहसास उन्हे हो गया था। लंबे समय से KCR इस कोशिश में थे कि किसी तरह बीजेपी से दोस्ती कर लें। जब वो एक बार दिल्ली आए थे, तो मुझसे मिलकर भी KCR ने यही कोशिश की थी। लेकिन BJP कभी तेलंगाना के लोगों की इच्छा के खिलाफ कोई भी काम नहीं कर सकती। जब से BJP ने, KCR को मना किया है, तब से BRS बौखलाई हुई है। BRS, अब मुझे गाली देने का कोई मौका नहीं छोड़ती। BRS जानती है कि मोदी कभी BRS को, BJP के आसपास भी फटकने नहीं देंगे। और ये गारंटी भी मोदी की गारंटी है।
और मोदी की गारंटी यानि गारंटी पूरी होने की गारंटी। मोदी गारि गारंटी अंटे, गारंटीगा पूर्ति अय्ये गारंटी।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
तेलंगाना की पहचान ट्रेडिशन और टेक्नोलॉजी से है। लेकिन KCR ने इस प्रदेश पर अंधविश्वास का ठप्पा लगा दिया। जनता के पैसे से बनाया सचिवालय, उन्होंने अंधविश्वास के चलते बर्बाद कर दिया।
आप मुझे बताइए- आखिर फार्महाउस सीएम की तेलंगाना को क्या आवश्यकता है? फार्म हाउस मुख्यमंत्रि मनकु अवसरमा...? अंधविश्वास के गुलाम हैं- फार्महाउस सीएम। तेलंगाना को नहीं चाहिए- फार्महाउस सीएम। गरीबों के गुनहगार हैं- फार्महाउस सीएम। 3 दिसंबर को हारेंगे- फार्महाउस सीएम

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
तेलंगाना को BRS के चंगुल से निकालना बीजेपी अपना दायित्व समझती है। यहां KCR ने जो-जो स्कैम किए हैं, बीजेपी सरकार सभी की जांच कराएगी। तेलंगाना के गरीबों से, तेलंगाना के युवाओं से विश्वासघात करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। BRS के भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने का हमारा संकल्प है। मैं बोलूंगा आप मेरे साथ दोहराएंगे? आपलोग रिपीट करेंगे? आप मेरे बोलने के बाद बोलना। तेलंगाना बीजेपी सरकार। क्या बोलेंगे? जोर से बोलिए क्या बोलेंगे? तेलंगाना बीजेपी सरकार, क्या बोलेंगे? ऐसे नहीं सबके सब बोलिए, तेलंगाना बीजेपी सरकार... तेलंगाना बीजेपी सरकार... अब मैं बोलता हूं आपको बोलना है...
बीआरएस के भ्रष्टचारियों को जेल भेजेगा कौन..... तेलंगाना बीजेपी सरकार।
यहां के इरिगेशन स्कैम की जांच कराएगा कौन...... तेलंगाना बीजेपी सरकार।
दो बेडरूम स्कैम की जांच कराएगा कौन........ तेलंगाना बीजेपी सरकार।
यहां के जमीन माफिया पर कार्रवाई कौन करेगा..... तेलंगाना बीजेपी सरकार
यहां के एजुकेशन माफिया पर डंडा चलाएगा कौन... तेलंगाना बीजेपी सरकार
यहां के पेपरलीक माफिया को जेल भेजेगा कौन..... तेलंगाना बीजेपी सरकार

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
BRS की कार के चार पहिए और एक स्टीयरिंग, कांग्रेस के पंजे से बिल्कुल अलग नहीं है। ये दोनों ही दल धर्म के आधार पर एपीजमेंट करते हैं, तुष्टिकरण करते हैं। इन दोनों ही पार्टियों ने करप्शन को बढ़ाया...इन दोनों ही पार्टियों ने परिवारवाद को बढ़ाया... इन दोनों पार्टियों ने तुष्टिकरण को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया। ये दोनों पार्टियां जहां रहीं वहां कानून व्यवस्था चौपट हो गई। इन दोनों पार्टियों ने दलितों और BC समाज को धोखा दिया।

साथियों,
ये बीजेपी ही है जो सही मायने में आदिवासी समाज को, ST समाज को सशक्त कर रही है। बंजारा, घुमंतू और अर्धघुमंतू समाज के लिए पहली बार वेलफेयर बोर्ड, केंद्र की बीजेपी सरकार ने ही बनाया है। बीजेपी की केंद्र सरकार का प्रयास है कि संत श्री सेवालाल जी महाराज के योगदान को याद रखा जाए। इसलिए 23 फरवरी से हमने संत श्री सेवालाल जी महाराज की 284वीं जयंती पर एक साल का उत्सव शुरू किया है।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
मैं जनजातीय समाज का दुख-दर्द सबकुछ समझता हूं। इसलिए बीजेपी जनजातीय समाज के लिए दिन-रात काम कर रही है। ये बीजेपी की सरकार है जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया है। देशभर में आदिवासी सेनानियों के म्यूजियम बनाए जा रहे हैं। हैदराबाद में भी रामजी गोंड और कोमाराम भीम के शौर्य को दर्शाने वाला म्यूजियम बन रहा है। बीजेपी की केंद्र सरकार ने ही ST समाज के स्टूडेंट्स की स्कॉरशिलप बढ़ाई। समक्का-सारक्का मेदाराम जथारा को पूरा देश जाने, इसके लिए बीजेपी काम कर रही है। कुछ दिन पहले ही मैंने, मुलुगु में समक्का-सारक्का ट्राइबल यूनिवर्सिटी बनाने की भी घोषणा की है।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
यहां मादिगा समुदाय के साथ जो अन्याय हुआ है, उसे भी बीजेपी अच्छी तरह समझती है। इस अन्याय का अंत करने के लिए भारत सरकार संकल्पबद्ध है। एक कमिटी तेजी से काम कर रही है। मादिगा समुदाय से जुड़ी एक बड़ी न्यायिक प्रक्रिया, सुप्रीम कोर्ट में भी चल रही है। ये केस मजबूत हो सके, इसके लिए हम हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। इसलिए मैं कहता हूं- सामाजिका न्यायम् बीजेपी तोने साध्यम्...

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
मैं जब तेलंगाना के लोगों से बात करता हूं, तो वो बताते हैं कि कैसे BRS सरकार ने छोटे-छोटे किसानों की परवाह नहीं की। ये बीजेपी है जो तेलंगाना के छोटे किसानों के बैंक खाते में सीधे पैसे भेज रही है। अब तक तेलंगाना के हर छोटे किसान को बीजेपी सरकार 30 हजार रुपए दे चुकी है। पीएम किसान सम्मान निधि से आपको बहुत बड़ी मदद मिली है।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
कोरोना के बाद दुनिया भर में तेल की कीमतें हों या फिर खाद की कीमतें, इनमें बहुत वृद्धि हो रही है। इसे देखते हुए जनता के हित में बीजेपी की केंद्र सरकार, मोदी सरकार ने कीमतें कम कीं। दुनिया के दूसरे देशों में यूरिया की जो बोरी ढाई-तीन हज़ार रुपए में मिल रही है, वो बोरी भारत को भी ढाई-तीन हजार रुपए में मिलती है। लेकिन यूरिया की वही बोरी बीजेपी सरकार अपने किसानों को 300 रुपए से भी कम में देती है।
साथियों,
केंद्र की बीजेपी सरकार ने पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें भी घटाईं है। लेकिन BRS की सरकार ने वैट में कटौती नहीं की, जनता को कोई राहत नहीं दी। जहां-जहां कांग्रेस की सरकारें हैं, वो सब लोगों को लूटने का ये भी जरिया बना दिया है। ऐसा ही कर रही हैं, इसलिए आपको BRS को हटाना है और कांग्रेस से भी आने नहीं देना है उससे भी सावधान रहना है। पेट्रोल, डीज़ल धरलु तग्गाला... वद्दा...? मैं आपको ये गारंटी देता हूं की यहां बीजेपी सरकार बनते ही, सभी परिवारों को महंगे पेट्रोल-डीज़ल से राहत मिलेगी।

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
मैं आपको फिर याद दिलाता हूं, KCR ने क्या बोला था? केसीआर ने बोला था... कि आपको क्या-क्या देंगे? केसीआर ने कहा था नील्लू, निधुलू, नियामाकालू, क्या आपको दिया क्या उन्होंने? दिया क्या? अरे मुंह से बोलिए ना.. दिया क्या?
कन्नीलू, मोसालू, निरुद्योगुलु, और इसलिए मेरे साथ बोलिए साथियों,
प्रति कोना, ओकटे गाना, BJP फॉर तेलंगाना
प्रति कोना, ओकटे गाना, BJP फॉर तेलंगाना

ना कुटुम्भ सभ्युल्लारा,
अगले पांच साल तेलंगाना के विकास के लिए बहुत जरूरी है। तेलंगाना में मुझे डबल इंजन सरकार चाहिए। आप मुझे बताइए...क्या आप यहां बीजेपी की डबल इंजन की सरकार बनाएंगे? बनाएंगे? तो मैं कहता हूं आप बोलिए डबल इंजन सरकार...
तेलंगाना क्या मांगे?..., तेलंगाना क्या मांगे?..., तेलंगाना क्या मांगे?..., डबल इंजन सरकार। डबल इंजन सरकार में तेलंगाना में निवेश बढ़ेगा। डबल इंजन सरकार में यहां तेजी से आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनेगा। डबल इंजन सरकार बनने के बाद यहां गांवों में भी विकास होगा, शहरों में भी विकास होगा। महबूबाबाद में पड़ने वाला हर वोट, यहां बीजेपी की पहली सरकार सुनिश्चित करेगा। कमल पर पड़ने वाला हर वोट, फार्म हाउस सीएम को हटाएगा और यहां बीसी समाज से बीजेपी का सीएम बनाएगा।

अब आपको मैं एक काम बताना चाहता हूं, एक मेरा काम करेंगे आपलोग? सब लोग हाथ ऊपर करके बताइए मेरा काम करेंगे? पक्का करेंगे? सबके सब लोग करेंगे? ऐसा जवाब दो मुझे जो दिल्ली तक सुनाई दे...करेंगे? मेरा एक काम करेंगे? पक्का करेंगे? तो पहला काम करिए.. अपना मोबाइल फोन निकालिए... और उसका फ्लैश लाइट चालू कीजिए... अपने मोबाइल की प्लैश लाइट चालू कीजिए.. किया सबलोग.. हां.. अब देखिए मेरा क्या काम करना है मैं बताता हूं। करेंगे? मेरा काम करेंगे? देखिए, यहां से जाने के बाद लोगों के पास जाना, हर परिवार में जाना, और बताना अपने मोदी जी, महबूबाबाद आए थे, और मोदी जी ने आप सब परिवार के लोगों को नमस्कार भेजा है। मेरा प्रणाम उनको पहुंचा देंगे? मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे? घर-घऱ पहुंचा देंगे, मुझे उनके आशीर्वाद मिलेंगे तो मुझे आपके लिए काम करने की एक नई ताकत मिलेगी। और इसलिए मैं आपको अपना पर्सनल काम बताता हूं।
मेरे साथ बोलिए... भारत माता की... दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिए भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की...
बहुत-बहुत धन्यवाद