Shri Modi addresses BJP Karyakarta Sammelan in Kolkata

Published By : Admin | April 9, 2013 | 16:44 IST

मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ नेतागण और जुस्से से भरे हुए कार्यकर्ता भाइयों और बहनों..! ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे उस एतिहासिक भवन में आकर के आपके बीच बातचीत करने का अवसर मिला है, जिस भवन की स्मृतियाँ गुरूदेव के साथ, सुभाष बाबू के साथ जुड़ी हुई हैं और उसके कारण एक अलग प्रकार के वाइब्रेशन की अनुभूति होती है, जब इन महापुरूषों का स्मरण करते हैं। ऐसे अनेक महापुरूष जिन्होंने देश के लिए जीवन खपा दिया और बंगाल ने त्याग और तपस्या के क्षेत्र में एक बहुत ऊंची मिसाल कायम की है। रामकृष्ण परमहंस की धरती, श्यामा प्रसाद मुखर्जी की धरती, स्वामी विवेकानंद जी की धरती, अनेक तपस्वी, तेजस्वी महापुरूषों की धरती... इस धरती को मैं नमन करता हूँ..! 15 अप्रैल को आप नववर्ष मनाने जा रहे हैं। आपके नववर्ष के लिए मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं..! और इस नववर्ष से आने वाले नववर्ष तक आपको इतनी ताकत मिले, आपको इतना जन समर्थन मिले, आपके शब्दों का इतना सामर्थ्य बढ़े, आपके परिश्रम की इतनी पराकाष्ठा हो कि शासक कोई भी क्यों ना हो, आपकी बात सुनने के लिए मजबूर हो। ये सामर्थ्य आपको प्राप्त हो, ऐसी मैं आप सबको शुभकामना देता हूँ..!

भाइयों-बहनों, आप जानते हैं कि मैं वर्षों तक संगठन के कार्य से जुड़ा था। संगठन के कार्य हेतु अनेक बार पश्चिम बंगाल का भी प्रवास किया था। कार्यकर्ताओं के साथ घंटों तक बातें करने का मुझे अवसर मिलता था। देश भर में संगठन के कार्य के लिए भ्रमण करने का सौभाग्य मिला था। अब दायित्व बदल गया और उसके कारण मैं गुजरात में अपनी शक्ति और समय लगा रहा हूँ। लेकिन जब भी मैं गुजरात के कार्यकर्ताओं से बात करता हूँ, तो मैं हमेशा उन प्रदेशों के कार्यकर्ताओं का जिक्र करता हूँ जिन प्रदेशों में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को इतने कष्ट झेलने पड़ते हैं। राजनैतिक प्रतिस्पर्धी दुश्मन की तरह उनके साथ व्यवहार करते हैं। लोकतंत्र के नियमों का कोई पालन ना करते हुए, विपक्ष को खत्म कैसे करना है उसी का षडयंत्र करते रहते हैं। और उसके बावजूद भी सीने पर अनेक वार झेलते हुए, भारत माता का जयकार करते हुए, सालों से कार्यकर्ताओं ने अपने जीवन खपा दिए। उनके अपने परिवारों को खपा दिया है। और उन कार्यकर्ताओं की श्रेणी में चाहे केरल हो, चाहे नार्थ ईस्ट के प्रदेश हों, चाहे कश्मीर की धरती हो, या फिर चाहे वो मेरा बंगाल हो... ये सब कार्यकर्ता देशभर के कार्यकर्ताओं की प्रेरणा होते हैं..! आपको लगता होगा कि गुजरात में तीन बार विजयी हो गए तो नरेन्द्र मोदी कुछ बन गए। मित्रों, हम गुजरात के कार्यकर्ता आज भी आपके तप और तपस्या का स्मरण करके दौड़ने की ताकत पाते हैं। आपसे हमें प्रेरणा मिलती है क्योंकि आपके सामने कई वर्षों तक दूर-दूर तक सत्ता नजर नहीं आई है। जमानत बच जाए तो भी बहुत है, ये पता होने के बाद भी एक विचार के लिए, एक आदर्श के लिए, माँ भारती के कल्याण के इस यज्ञ में कुछ आहूति देने के लिए दो-दो चार-चार पीढ़ी खप गई..! आपका ये त्याग और तपश्चर्या, मेरे बंगाल के कार्यकर्ताओं का ये पसीना कभी ना कभी तो रंग लाएगा..! मुझे विश्वास है मित्रों, एक ऐसा समय आएगा, जब चारों तरफ से निराश हुआ बंगाल का नागरिक आपको सीने से लगाएगा, आपको सिर-आंखों पर बैठाएगा। ये बंगाल की भूमि है, जो बराबर तराशती है और एक बार तराशने का मार्ग स्वीकार किया तो लंबे अर्से तक आपको अवसर भी देती है। इस भूमि की ये विशेषता है।

भाइयों-बहनों, राजनीति का रूप बदल चुका है। आज से दस साल पहले राजनीति जिस ढंग से चल रही थी, अब उस ढंग से राजनीति करना किसी के बस का रोग नहीं है। आज हिन्दुस्तान में कोई भी नेता हो, कोई भी दल हो, कोई भी विचार हो, किसी भी प्रकार के आचार हो लेकिन सबको, चाहते हुए या ना चाहते हुए, विकास की बात करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। जनता जर्नादन के सामने जा कर के विकास के मुद्दों पर विश्वास पैदा करने की कोशिश करनी पड़ती है। और भाइयों-बहनों, मैं आज भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में एक बड़े संतोष के साथ अपने साथियों के सामने सिर झुकाकर कहना चाहता हूँ कि हिन्दूस्तान की राजनीति में ये मूलभूत परिवर्तन लाने का यश अगर किसी को जाता है, तो वो गुजरात की धरती को जाता है। विकास के मुद्दे पर राजनीति हो सकती है। सामान्य मानवी शासन क्यों बनाता है, सरकार किसके लिए होती है..? कोई अमीर बीमार हो जाए तो उसको सरकारी अस्पताल की जरूरत होती है क्या? उसके घर तो दुनिया भर के डॉक्टर आकर के कतार में खड़े हो जाते हैं। अस्पताल की जरूरत होती है गरीब आदमी को। किसी अमीर के बेटे को पढ़ना है तो सैकड़ों शिक्षक आकर के घर के दरवाजे पर खड़े हो जाएंगे। सरकार का काम होता है गरीब बच्चों को शिक्षा देना। जो रूपयों से खेलते हैं उनको कठिनाइयों का पता नहीं होता है, लेकिन जो नौजवान अपनी विधवा माँ के सपनों को पूरा करने के लिए रात-रात भर फुटपाथ की लाइट के नीचे बैठ कर के पढ़ाई करता है, उस बच्चे को अपनी माँ के सपनों को पूरा करने के लिए रोजगार चाहिए, और ये रोजगार की चिंता करना सरकार का काम है। इन मूलभूत विषयों पर देश के शासकों को आने के लिए हमने मजबूर किया है और इसके कारण भारत सरकार को हर पल अपने किये हुए कामों का हिसाब देना पड़ता है। मित्रों, क्या कारण है कि इतने कम समय में दिल्ली में बैठी हुई सरकार के प्रति इतनी नफरत पैदा हो गई..! मीडिया के मित्रों ने दिल्ली की सरकार को कोई कम मदद नहीं की है। जितना बचा सकते हैं बचाया, जितनी मदद कर सकते हैं कर रहे हैं..! इस देश के अंदर हमेशा शासन के साथ जुड़ जाने वाला एक वेस्टेड इन्ट्रेस्ट ग्रुप है। उन्होंने क्या कुछ नहीं किया इस सरकार की इज्जत बचाने के लिए। ढेर सारी कोशिशें की, लेकिन उसके बावजूद भी हिन्दुस्तान के चप्पे-चप्पे में, हिन्दुस्तान के जन-जन के मन में ये दिल्ली में बैठी हुई सरकार के प्रति नफरत क्यों हैं, इतना आक्रोश क्यों है..? मित्रों, मैं राजनीति में तो बड़ी देर से आया, लेकिन सालों तक जिंदगी सांस्कृतिक और सामाजिक कामों में लगाई थी। राजनीति में नहीं था, लेकिन अभ्यास करने का स्वभाव था, देखता था। मित्रों, मैं अनुभव के आधार पर कहता हूँ और एक राजनीति शास्त्र के विद्यार्थी के रूप में कहता हूँ कि इस दिल्ली के तख्त पर आजादी के बाद शायद ये पहली सरकार ऐसी है जिसके प्रति इतनी भयंकर घृणा और नफरत का माहौल है। मित्रों, कभी शासन के प्रति राजी-नाराजी होना एक बात है। कभी किसी एक छोटी सी घटना पर गुस्सा होना स्वाभाविक है। लेकिन नफरत, घृणा, अविश्वास की स्थिति इस देश में पहले कभी नहीं आई थी, जो आज आई है। और इसके लिए संपूर्ण रूप से कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार है। कांग्रेस पार्टी इस हद तक अपने स्वार्थ को लेकर के आगे बढ़ रही है कि कुछ भी बुरा हो जाए, और मान लीजिए वो बुरा नॉन यू.पी.ए. स्टेट में होता है तो उछल-उछल कर के उस राज्य को बदनाम करने में पूरी शक्ति लगा देते हैं और अगर यू.पी.ए. स्टेट में कहीं होता है या सेंट्रल गवर्नमेंट में होता है तो बेशर्मी के साथ सारे पाप अपने साथी पक्षों के सिर पर डाल देते हैं। बड़ी चतुराई है उनकी, जैसे उनका तो कोई गुनाह ही नहीं है, उनकी तो कोई जिम्मेवारी ही नहीं है, उनका तो कोई दायित्व ही नहीं है..! भाइयों-बहनों, क्या हम लोगों के रहते हुए ऐसी कांग्रेस पार्टी इस देश में रहनी चाहिए..? सत्ता के गलियारों में उसको प्रवेश मिलना चाहिए..? देश का शासन करने का अवसर मिलना चाहिए..? क्या उसको धरती पर से उखाड़ फैंकना हमारा कर्तव्य नहीं है..? भाइयों-बहनों, पूरे देश के अंदर कौन सत्ता में आए कौन ना आए इसके लिए नहीं, लेकिन देश को बर्बादी से बचाने के लिए कांग्रेस मुक्त हिन्दुस्तान बनाने का हमारा सपना होना चाहिए..!

भाइयों-बहनों, क्या कारण है कि जब भी विकास की चर्चा होती है, तो गुजरात का जिक्र होता है..! क्या कारण है? जो लोग गुजरात को प्रेम करते हैं, जिनके दिल में गुजरात के प्रति नाराजगी नहीं है, वे क्या कहते हैं? देखो, गुजरात में ऐसा हुआ..! देखो, गुजरात ने क्या किया..! और जिनको गुजरात पंसद नहीं है, वे क्या कहते हैं..? वे कहतें हैं कि देखिए, इसमें हम गुजरात से भी आगे हैं..! यानि पंसद हो तो भी और पसंद ना हो तो भी, पैरामीटर गुजरात है। अच्छा किया तो कहना पड़ता है गुजरात से अच्छा किया, बुरा किया तो हिसाब लगता है कि भाई, गुजरात तक हम क्यों पहुंच नहीं पाए हैं..! ये स्थिति क्यों पैदा हुई..? मैं देश के पॉलिटिकल पंडितों को निमंत्रण देता हूँ। बंगाल की धरती तो विद्घान लोगों की धरती है, सच्चाई और ईमानदारी के साथ रहने का साहस रखने वाले लोग आज भी बंगाल की धरती पर हैं। क्या समय की मांग नहीं है, स्थितियों का तकाजा नहीं है कि हम इस देश की राजनैतिक गतिविधियों के मॉडल का अध्ययन करें? अब कोई चीज छिपी हुई नहीं है। इस देश ने करीब-करीब 50 साल तक कांग्रेस पार्टी का शासन देख लिया है। इस देश ने केरल, बंगाल और त्रिपुरा में कम्युनिस्टों का शासन देख लिया है। इस देश ने परिवारवाद वाली पार्टीओं का शासन देख लिया है। इस देश ने प्रादेशिक पक्षों के द्वारा चल रही सरकारें देख लीं है। इस देश ने भारतीय जनता पार्टी की सरकारें भी देख लीं है। एक प्रकार से पिछले साठ वर्षों में पाँच अलग-अलग प्रकार की सरकारों के मॉडल इस देश में कार्यरत रहे हैं। उन सभी सरकारों का उत्तम से उत्तम समय उठा लिया जाए, पचास-सौ पैरामीटर तय किये जाएं और किस सरकार ने अपने पाँच साल के कार्यकाल में क्या काम किया, जनता की भलाई के लिए क्या काम किया, विकास के लिए क्या काम किया, शुचिता की दृष्टि से क्या काम किया, समाज का विश्वास पाने की दिशा में क्या काम किया..! अलग-अलग मापदंड लेकर के इसको तय किया जाए और फिर लेखा-जोखा लिया जाए, तो सच्चे अर्थ में देश की भलाई के लिए काम करने वाली कौन सी सरकारें हैं, सामान्य मानवी की भलाई के लिए काम करने वाली कौन सी सरकारें हैं इसका लेखा-जोखा हो जाएगा..! और मित्रों, मैं बिल्कुल विश्वास से कहता हूँ कि जिस दिन इन पाँच प्रकार की सरकारों के मॉडल का इवेल्यूशन होगा, भारतीय जनता पार्टी उत्तम से उत्तम पर्फॉर्मर के रूप में देश के सामने आएगी..!

आप मुझे बताईए मित्रों, इतने सालों तक कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली में राज किया। पंचायत से पार्लियामेंट तक एक ही दल का शासन था। विरोध पक्ष तो था ही नहीं। पाँच-पन्द्रह लोग आपस में मिलकर मुश्किल से जीतकर आते थे। वो दिन थे जब मीडिया इतना वाइब्रेंट नहीं था, वो दिन थे जब ज्यूडिशियल एक्टिविज्म नहीं था, वो दिन थे जब एन.जी.ओ. की भरमार नहीं थी, वो दिन थे जब कोर्ट में पी.आई.एल. करके तुफान खड़ा करने की परंपरा नहीं थी। तीन दशक पूरी तरह ऐसे गए हैं कि जिसमें कांग्रेस को कोई पूछने वाला नहीं था। वो जो करें वो आखिरी, ऐसा माहौल था। इतना अच्छा अवसर मिलने के बाद भी, इतनी सुविधा रहने के बाद भी, रूकावटों का नामोंनिशान ना होने के बादजूद भी, क्या कारण था कि कांग्रेस पार्टी इस देश को कुछ नहीं दे पाई..! आज हम लोग अगर सत्ता में हैं तो कभी सी.बी.आई. आकर के धमकती है, कोई हफ्ता ऐसा नहीं गया कि कोई पी.आई.एल. सुप्रीम कोर्ट में ना की गई हो, मीडिया के मित्रों के माध्यम से कोई हमला ना हुआ हो, एन.जी.ओं. ने कोई तूफान ना खड़ा किया हो, विपक्ष काम को रोकने के लिए पूरी ताकत से लगा हुआ हो... इतने विरोध-अवरोध के बीच चाहे डॉ. रमन सिंह जी की छत्तीसगढ़ की सरकार हो, चाहे शिवराज सिंह जी की मध्य प्रदेश की सरकार हो, चाहे हिमाचल में प्रेम कुमार धूमल जी की सरकार हो, चाहे राजस्थान में वसुंधरा राजे जी की सरकार हो, चाहे कर्नाटक में शेट्टर की सरकार हो, चाहे गोवा में मनोहर पारिकर जी की सरकार हो... जहाँ-जहाँ भारतीय जनता पार्टी को सरकारें चलाने का अवसर मिला है, एक भी सरकार पर भ्रष्टाचार के कोई गंभीर आरोप नहीं लगे हैं। उन सरकारों के कार्यकाल को देखा जाए। जनता की भलाई के उत्तम से उत्तम निर्णय किये हैं और उत्तम से उत्तम प्रकार से उन्होंने डिलीवरी देकर के दिखाया है।

कम्युनिस्टों ने बंगाल में सरकार चलाई, बताने की जरूरत नहीं है, क्या हालत कर दी है..? तबाह कर दिया इस प्रदेश को, बर्बाद कर दिया..! केरल को क्या दिया उन्होंने..? चुनाव जीतने के नए-नए तौर तरीके खोजने में ही वो पाँच साल लगे रहते हैं। पूरी शक्ति, सरकारी अधिकारियों की अपॉइंटमेंट तक, चुनाव जीतने के लिए काम कौन आएगा, उसी को लेकर के चलते रहे हैं। अपने विरोधियों को प्रताड़ित करना, उनको परेशान करना, उनको जिंदगी से हाथ धोने पड़े, सार्वजनिक जीवन छोड़ना पड़े... यहाँ तक उन पर जुल्म करना, यही काम इन लोगों ने किए हैं..! और उसके बावजूद भी जनता की आशा-आकांक्षा को पूर्ण करने वाले कोई परिणाम नजर नहीं आते हैं। मित्रों, मजदूरों की भलाई का नाम लेकर सरकार चलाने वाले ये लोग हैं, मैं उनको पूछना चाहता हूँ। अभी-अभी भारत सरकार का एक रिपोर्ट आया है। वो रिपोर्ट ये कह रहा है कि पूरे हिन्दुस्तान में कम से कम नौजवान बेरोजगार कहीं हैं, तो वो राज्य का नाम गुजरात है। और जहाँ ये यू.पी.ए. वाली सरकारें हैं, जहाँ ये कम्यूनिस्टों की सरकारें हैं वहाँ सबसे अधिक नौजवान बेरोजगार हैं। क्या दिया आपने..? और इसलिए भाइयो-बहनों, अध्ययन करके, बारिकियों की जानकारियों के साथ, देश की युवा पीढ़ी को, देश के नागरिकों को प्रशिक्षित करना हमारा दायित्व है कि भले ही हम छोटे होंगे, भले आज कगार में हमारी उपस्थिति कम होगी, लेकिन हमने जो रास्ता चुना है उस रास्ते ने कई राज्यों का भला किया है और बंगाल का भी भला हम कर सकते हैं, जनता में इस बात का विश्वास हम पैदा कर सकते हैं।

मित्रों, कांग्रेस पार्टी में एक विवाद चल रहा है कि एक ‘पावर सेंटर’ हो कि दो ‘पावर सेंटर’ हो..! मुझे समझ नहीं आता है कि इस विवाद से हम क्या समझें..! आप मुझे बताइए मित्रों, कि ये पावर सेंटर बाद की बात है, कहीं पावर नजर आ रहा है..? पावर हो तो फिर कितने पावर सेंटर हो ये बाद में चर्चा करें, अभी तो पावर ही नजर नहीं आ रहा है..! और सिर्फ बैटरी बदलने से गाड़ी चलने वाली नहीं है। मित्रों, आप यहीं बंगाल में कांग्रेस के सौ कार्यकर्ताओं को मिलिए। मैं ये पत्रकार मित्रों से एक छोटी सी प्रार्थना करके जाना चाहता हूँ। और मुझे विश्वास है कि बंगाल के पत्रकार मेरे प्रति बहुत ही प्रेम रखते हैं, वो जरूर ये मेरा काम करेंगे..! आप कांग्रेस के सौ कार्यकर्ताओं का सहज रूप में एक इंटरव्यू लीजिए। छोटा-मोटा कोई भी हो, एक सवाल पूछिए। उसको पूछिए, देश का नेता कौन है..? मैं कांग्रेस के लोगों का इन्टरव्यू करने के लिए कह रहा हूँ। मित्रों, आप देखना सौ में से एक भी व्यक्ति डॉ. मनमोहन सिंह जी का नाम नहीं बोलेगा..! जो पार्टी अपने प्रधानमंत्री को नेता मानने को तैयार ना हो, जो पार्टी अपने प्रधानमंत्री को देश का नेता मानने को तैयार ना हो, पार्टी का नेता मानने को तैयार ना हो, वो प्रधानमंत्री देश का नेतृत्व कैसे कर सकते हैं..? उनकी अपनी पार्टी उनको स्वीकार नहीं कर रही है..! आप पूछ लीजिए, मुझे बंगाल के पत्रकारों की ईमानदारी पर विश्वास है कि वो जरूर जाएंगे, पूछ कर के आएंगे और कल अखबार में छापेंगे भी..! क्या हालत करके रखी है, दोस्तों..! कोई भी ऐसा क्षेत्र है, जहाँ पर कांग्रेस के मित्र विश्वास से कह सके कि हमने ये काम किया..? एक नेता तो जहाँ भी जाते हैं तो ये कहते हैं कि हमने मोबाइल दिया..! आपमें से सबके पास मोबाइल है ना... आपको किसी ने गिफ्ट में दिया है..? सीधा बैंक में ट्रान्सफर हो करके आया था..? अपनी जेब के पैसों से लाए हो ना..? फिर भी बताइए, ये कितना बड़ा झूठ बोलते हैं कि मोबाइल फोन हमने दिया..! आप इनकी हिम्मत देखिए और ये देश देखिए कि उनको सवाल नहीं पूछ रहा है कि भाई, तुम ये कैसे कह रहे हो कि ये मोबाइल फोन हमने दिया है..? एक बार मेरे यहाँ चुनाव में उनके एक नेता आए थे और उन्होंने एक भाषण दिया कि देखिए, आपकी जेब में जो मोबाइल फोन है वो हमने दिया है..! तो उसके बाद मेरा भी एक जगह पर भाषण था। मैंने कहा, मोबाइल दिया या ना दिया ये तो भगवान जाने, लेकिन चार्जर का क्या? बिजली तो है नहीं, वो चार्ज कहाँ करवाएगा? पहले बिजली तो दो..!

मित्रों, ये कैसे देश चला रहे हैं..? उनको लगता है कि तिजोरी लुटा देने का मतलब है आर्थिक प्रगति की ओर जाना..! यहाँ बैठा हुआ कोई भी व्यक्ति, आपके पास अगर पाँच हजार रूपया है तो पाँच हजार रूपये में तीन दिन में बढ़िया -बढ़िया मिष्टी दही ले आए, रसगुल्ले ले आए, संदेश ले आए, और पाँच हजार रूपया उड़ा दिया..! आप मुझे बताइए कि आपके पाँच हजार रूपये का ये सही मैनेजमेंट है क्या..? पेट भरा, मीठा लगा, अच्छा भी लगा लेकिन ये सही मैनेजमेंट है क्या? लेकिन कोई और व्यक्ति अगर पाँच हजार में से सात हजार कैसे हो, दस हजार कैसे हो, फिर दस हजार में से दो हजार किसी अच्छे काम में खर्च करें, फिर पाँच हजार के आठ हजार हो, फिर उसमें से तीन हजार खर्च करें... इसको आयोजन कहते हैं की नहीं कहते? मित्रों, दिल्ली की सरकार उड़ाने में लगी हुई है और रूपये आपके जा रहे हैं..! ये लोग जनता जर्नादन के पैसे को उड़ा रहे हैं और जनता कब तक चुप रहेगी..? अपने राजनैतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए हिन्दुस्तान की जनता ने दिन-रात मेहनत करके जो टैक्स चुकाए हैं, उन टैक्स के पैसों को राष्ट्र के विकास में उपयोग करने के बजाए अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए खर्च किया जा रहा है, और ये देश के साथ सबसे बड़ा धोखा है। कभी-कभी क्या कहते हैं कि हमने आर.टी.आई. का कानून दिया। अभी चार दिन पहले मैंने पढ़ा कि भारत के प्रधानमंत्री के कार्यालय में किसी नागरिक ने चिट्ठी लिख कर कुछ जानकारी माँगी और देश के प्रधानमंत्री के कार्यालय से उस जानकारी देने से मना कर दिया गया..! अगर आप मना करते हो तो आर.टी.आई. के नाम पर गीत गाने का अधिकार आपको किसने दिया..? आप जानकारी तो देते नहीं हैं और अगर आप जानकारी देते नहीं हो तो जानकारी देने के कानून के नाम पर आप रोजी-रोटी कमाने निकले हो..? भाइयों-बहनों, आज देश की हालत ऐसी है, मैं कल दिल्ली में एक सेमिनार में था, ‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’। तो मैंने काफी देर तक अपना भाषण सुनाया और बोलते-बोलते मुझे विचार आया कि दिल्ली में ये सब बोलने से क्या मतलब है..? मैंने कहा भाई, विषय तो है ‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’, लेकिन आज तो देश में ‘नो गवर्नमेंट, नो गवर्नेंस’, तो उसका क्या करें..? सरकार की अनुभूति ही नहीं हो रही है, मित्रों। ना कोई अच्छी खबर आती है, ना कोई सुनवाई की व्यवस्था है। मैं कभी-कभी कांग्रेस के मित्रों को पूछता हूँ कि हटाओ यार, बाकी सब छोड़ो, पिछले एक साल में देश के लिए दस अच्छे काम किये हों तो जरा बता दो मुझे..! अच्छे से कांग्रेसी मित्र बता नहीं पाते हैं..! ज्यादा से ज्यादा तिजोरी हमने कैसे लुटाई इसकी गिनती करते हैं..! भाइयों-बहनों, अगर ये ही स्थिति रही तो क्या होगा..!

मित्रों, आप देखिए, कॉमनवैल्थ गेम्स का कौभांड हुआ। दुनिया की सबसे ताकतवर सरकार कोई थी तो दिल्ली में थी। सबसे बड़ी सरकार थी तो दिल्ली में थी। ऊपर-नीचे जितनी सरकारों के लेयर हैं, सारी की सारी उनकी सरकारें थी। सब कुछ उनका होने के बाद भी सारी दुनिया में हमारी नाक कट गई और कॉमनवेल्थ गेम्स के अंदर अरबों-खरबों रूपये का भ्रष्टाचार हो गया। और उसके बावजूद भी उनका तो कोई दायित्व ही नहीं..! जैसे रेनकोट पहन कर के बाथरूम में नहा रहे हो..! मैं हैरान हूँ, मित्रों..! और देश से पहली दफा मैं पूछ रहा हूँ कि इनको कैसे माफ किया जा सकता है..! कैसे इनके पापों को स्वीकार किया जा सकता है..!

मित्रों, इस देश के अंदर इन दिनों एक चर्चा चल रही है कि ग्रोथ रेट डाउन हो गया है, ग्रोथ रेट डाउन हो गया है..! क्यों हो गया, भाई..? आपको यदि विकास दर चाहिए तो आपको आर्थिक गतिविधि चाहिए। कृषि में काम होना चाहिएम, मैन्यूफैक्चरिंग में काम होना चाहिए, सर्विस सेक्टर में काम होना चाहिए..! लेकिन कारखाने कैसे चलेंगे यहाँ..? अगर बिजली नहीं है तो कारखाने कैसे चलेंगे? कारखाने नहीं चलेंगे तो नौजवानों को रोजगार कहाँ से मिलेगा..? कारखाने नहीं चलेंगे तो इकोनॉमी कैसे मोबालाइज होगी..? मोमेंटम कहाँ से आएगा..? और कारखाने चल क्यों नहीं रहे हैं, तो कहेंगे कि बिजली नहीं है। बिजली क्यों नहीं है..? क्या बिजली के कारखाने नहीं है..? बिजली के कारखाने हैं, अरबों-खरबों रूपए लग चुके हैं। कारखाने खड़े पड़े हैं, लेकिन बिजली पैदा नहीं करते। बिजली पैदा क्यों नहीं करते..? क्योंकि कोयल नहीं है..! कोयला क्यों नहीं है, क्योंकि कोयला खदान में है। कोयला खदान में क्यों है..? क्योंकि अभी हमने पॉलिसी तैयार नहीं की है..! कितने साल हो गए? तीन साल हो गए..! कब करोगे, 2014 तक तो रहने वाले नहीं हो..! आप मुझे ये बताईए मित्रों, ये सारी जिम्मेवारियाँ उनकी है कि नहीं..? आज देश में एक तरफ अंधेरा है, लोगों को बिजली नहीं मिल रही, बिजली नहीं मिलने के कारण कारखाने बंद हो रहे हैं और दूसरी तरफ 30,000 मेगावॉट बिजली पैदा करने की क्षमता वाले कारखाने फ्यूल के अभाव में बंद पड़े हुए हैं। कौन जिम्मेदार..? जितना पैसा लगना था लग गए, कारखाने खड़े हो गए... कोयला नहीं है। ये कोयला नहीं होने के कारण ये हालत हो गई है। और मित्रों, हिन्दुस्तान की सरकार की हालत देखिए..! हमारे अड़ौस-पड़ौस के छोटे-छोटे देश जहाँ पर कोयले की खदान है, जब हिन्दुस्तान में कोयला आना बंद हो गया और कोयले की कोई परमिशन नहीं मिल रही है, तो व्यापारियों ने तय किया कि भाई, चलो इंडोनेशिया से या ऑस्ट्रेलिया से, अलग छोटे-मोटे देशों से कोयला लाएंगे, अफ्रिकन कंट्री से कोयला लाएंगे..! भारत सरकार की इस पॉलिसी पैरालिसिस के कारण उन देशों को पता चल गया कि हिन्दुस्तान में बिजली के कारखाने बंद पड़े हैं, उन्हें कोयले की जरूरत है और हिन्दुस्तान की सरकार कोयला दे नहीं पाएगी, तो रातोंरात उन्होंने दाम बढ़ा दिए। और ये दिल्ली में बैठी हुई सरकार छोटे-छोटे देशों पर भी दबाव नहीं पैदा कर सकती कि आपने जो दाम पर सौदा किया था उस दाम से आपको कोयला देना पड़ेगा और हिन्दुस्तान को कोयला देने से आप मुकर नहीं सकते, इतना कहने की ताकत ये दिल्ली की सरकार में नहीं है। हर छोटा मोटा देश दबा देता है, मैं हैरान हूँ..! और ऐसा होता क्यों है..? क्या उनके जो साथी दल है उनके कारण हो रहा है..? कांग्रेस जिम्मेवारी लेने को तैयार नहीं है। ये इसलिए हो रहा है, दुनिया आपको इसलिए सुनती नहीं है क्योंकि खुद कांग्रेस का विदेश मंत्री यू.एन.ओ. के अंदर जब भाषण करने के लिए खड़ा होता है और किसी दूसरे देश का कागज पढ़ने लग जाता है, तो पूरे विश्व को लगता है कि यार, सच में ये तो गए बीते लोग हैं, ये सब गॉन केस है, फ़ाइल कर दो..! मित्रों, विश्व के नक्शे पर हिन्दुस्तान की ऐसी बेइज्जती कभी नहीं हुई, जितनी बेइज्जती इस सरकार के कारण हुई है..! सारी दुनिया में अपना नाम खराब होता चला जा रहा है। विश्व में कोई हम पर विश्वास नहीं करता। आपका अच्छा व्यापार हो, अच्छी प्रोडक्ट हो तो भी विदेशों के बायर आपके साथ व्यापार करने से डर रहे हैं। आप स्वतंत्र होने के बावजूद डर रहे हैं, क्यों..? क्योंकि उनको भरोसा नहीं है कि भारत सरकार की नीति कब बदल जाएगी और बायर ने जो सौदा किया है वो फुलफिल नहीं होगा, तो हमारे पैसे डूब जाएंगे..! भाइयो-बहनों, ये स्थिति है..!

मित्रों, बिच में हमने देखा, गरीबों को अन्न नहीं मिल रहा है। राशन कार्ड है, गेहूँ नहीं मिल रहे हैं, चावल नहीं मिल रहे हैं, केरोसीन नहीं मिल रहा है और दूसरी तरफ अखबारों में और टी.वी. पर खबरें आ रही हैं कि बोरियाँ की बोरियाँ पानी में भीग रही हैं, सड़ रही हैं..! देश के किसान ने परिश्रम से पैदा किया हुआ अन्न सड़ रहा है। किसी ने पी.आई.एल. कर दी, तो सुप्रीम कोर्ट ने डंडा चलाया कि सारे अनाज के जो भंडार भरे पड़े हैं, अगर उसको संभाल नहीं सकते हो तो गरीबों को बाँट दो। ये दिल्ली की सरकार ने गरीबों को नहीं बाँटा। दिन-रात कहते हैं कि हम सुप्रीम कोर्ट जो कहती है वो करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पचासों बार कहा लेकिन उन्होंने नहीं किया। और किया तो क्या किया..? भाइयों-बहनों, सुप्रीम कोर्ट संवेदना के साथ ये कहती है कि ये अन्न गरीबों को बाँटो, मगर दिल्ली में बैठी ये सरकार कहती है कि हम गरीबों में नहीं बाँटेंगे..! और किया तो क्या किया..? शराब बनाने वाले जो ठेकेदार थे, उन शराब के ठेकेदारों को 65 पैसे के दाम से ये अन्न दे दिया गया..! आप कहो, क्या इन पर भरोसा कर सकते हैं..? और इसलिए भाइयो-बहनों, समय का तकाजा है, समय की माँग है कि हम सभी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता देश के सामान्य मानवी के आशा-आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए, आजादी के लिए शहीद होने वाले महापुरूषों ने जो सपने संजोए थे उन सपनों को पूरा करने के लिए, स्वामी विवेकानंद जी की 150 वीं जयंती जब देश मना रहा है तब विवेकानंद जी के उन सपनों को पूरा करने के लिए, भारतीय जनता पार्टी के एक-एक कार्यकर्ता को इस देश में से कांग्रेस पार्टी का उखाड़ फैंकने का संकल्प करके आगे बढ़ना चाहिए..! इस देश को तोड़ने वाली, इस देश को कठिनाइयों में डालने वाली सारी शक्तियों को परास्त करने का संकल्प करना होगा। और मित्रों, मैं विश्वास से कहता हूँ, वक्त बहुत तेजी से बदल रहा है। कांग्रेस पार्टी के मित्रों को पता तक नहीं है, हमेशा कांग्रेस पार्टी का झंडा ले कर घूमने वालों को पता नहीं है, वेस्टेड इंटरेस्ट ग्रुप को पता नहीं है कि कितनी तेजी से कांग्रेस पार्टी का डिटीरीओरेशन हो रहा है..! राजी-नाराजी के तराजू से हिन्दुस्तान की राजनीति का विश्लेषण करने का वक्त चला गया है। अब तक हिन्दुस्तान में जो पॉलिटिकल एनालिसिस हुए हैं वो सरकार या पक्ष या नेता के सामने राजी-नाराजी का माहौल कैसा है उसके आधार पर हुए हैं, पहली बार हिन्दुस्तान की राजनीति में नफरत और घृणा के मापदंड पर ये कांग्रेस पार्टी को तोला जाएगा..! ऐसी नफरत, ऐसी घृणा, ऐसा गुस्सा आज देश के कोने-कोने में है। कोई समस्या ऐसी नहीं है जिसको सुलझाने कि दिशा में उन्होंने कोई प्रमाणिक प्रयास किया हो, दो कदम भी चले हो..!

और इसलिए भाइयो-बहनों, माँ भारती की सेवा करने में लगे हुए भारतीय जनता पार्टी के लक्षावधी कार्यकर्ता अपने सामर्थ्य से, अपनी शक्ति से आने वाली हर चुनौती का सामना करते हुए, विजय का विश्वास लेकर के, गाँव-गाँव, गली-गली कमल खिलाने का सपना ले कर के, जिस धरती पर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म हुआ, जिन्होंने सपने संजोए हैं ऐसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को पूरा करने के लिए आओ, हम अपनी पूरी ताकत से काम करें, हम कोई कमी ना रखें..! और जो लोग अपने आपको बड़े शहंशाह मानते हैं, उन सभी से मेरा आग्रह पूर्वक निवेदन है, ये मान कर चलिए कि ‘यावत चंद्र दिवाकरो’ आपका राज चलने वाला नहीं है..! जो बंगाल में मेरे भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को परेशान कर रहे हैं उस सरकार के मुलाजिमों से भी मैं कहना चाहता हूँ कि लोकतंत्र में हर एक नागरिक का अधिकार होता है, उसको दबाने की कोशिश करने से कभी कोई सफलता किसीको दिला नहीं सकते..! भारतीय जनता पार्टी, बंगाल का कार्यकर्ता खूंखार से खूंखार ताकतों के खिलाफ लड़ कर के आज भी आगे बढ़ सकता है। रुकना, थकना, झुकना ये हमारा चरित्र नहीं है, ये हमारे संस्कार नहीं हैं। हम भाजपा के कार्यकर्ता मौत को मुट्ठी में लेकर निकले हुए लोग हैं। माँ भारती के कल्याण के लिए निकले हुए लोग हैं। हमें कोई चुनौती ना दें..! और अगर ये कोशिशें होती रहेंगी तो भारतीय जनता पार्टी और अधिक ताकत से आगे बढ़ेगी..!

आज कल मैं देख रहा हूँ कि मेरा कहीं पर भी कोई भाषण होता है, तो यहाँ मेरा भाषण पूरा हो जाए उससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय से ट्वीट करके उसके जवाब दिए जाते हैं..! ये प्रधानमंत्री कार्यालय से होता है और तुरंत, यानि अभी तो मेरा भाषण पूरा हुआ नहीं और मैं मंच से वहाँ बैठने जाऊँगा तब तक तो दो-तीन चीजें छोड़ देते हैं वहाँ..! और सरासर झूठ, सरासर झूठ... कौन पूछने वाला है? ये ही चल रहा है..! मेरे कांग्रेस के मित्रों, देश की जनता की समझदारी पर शक मत किया करो। ये देश की जनता को पूरी समझ है कि सच क्या है..? दूध का दूध और पानी का पानी कैसे होता है, ये देश की जनता भली-भांति जानती है। कांग्रेस की कोशिशों से कुछ निकलने वाला नहीं है और सत्य सीना तान कर के प्रकट हो कर के रहेगा इसी विश्वास के साथ हम आगे बढ़ें..! मित्रों, आपने मेरा सम्मान किया, प्यार दिया, इसके लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूँ..!

धन्यवाद..!

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The BJP has entered the electoral field in Jharkhand with the promise of Suvidha, Suraksha, Sthirta, Samriddhi: PM Modi in Garhwa
November 04, 2024
When you will form double engine government here, then development in the state will also take place at double the pace: PM in Garhwa
BJP Jharkhand has also resolved to build 21 lakh new houses. Every poor person should have a house, this is BJP's guarantee: PM
The BJP is establishing ten major museums dedicated to tribal traditions, arts, and culture across the country: PM Modi in Garhwa

जय जोहार,

मां गढ़ देवी, भगवान बंशीधर और शहीद नीलांबर-पीतांबर के इ पावन भूमि पर रउवा सबके राम-राम। ओ गोय, ठीक-ठाक बा ना ? आपने कुछ महीने पहले दिल्ली में लगातार तीसरी बार भाजपा-NDA सरकार बनाई। अब झारखंड में विधानसभा का चुनाव है। हम सभी को मिलकर यहां भाजपा-NDA के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार बनानी है। बनाएंगे? पक्का बनाएंगे? हर बूथ में जाके मेहनत करेंगे? आपका ये प्यार, ये उमंग, मैं देख रहा हूं, जितने लोग पंडाल में हैं, उससे दोगुना लोग बाहर धूप में खड़े हैं। (और मैंने देखा, यहां एक बेटी बहुत बढ़िया पेंटिंग बनाकर लाई थी। बेटा वो पेंटिंग मिल जाएगी मुझे। आपने पता लिखा है अपना। अरे ये कैसे कर दिया। अच्छा लिख करके दो। मैं आपको चिट्ठी भेजूंगा। बहुत बढ़िया चित्र बनाया आपने। ये अफसर लोग गए हैं, वो जरूर मुझे मिल जाएगा। लेकिन आप पता लिखकर जरा दे देना। वो हमारे लोग आ जाएंगे।) मैं आज आपका आशीर्वाद मांगने आया हूं। आज झारखंड में हर तरफ एक ही गूंज है। रोटी, बेटी, माटी की पुकार। झारखंड में भाजपा-NDA सरकार। मैं फिर से बुलाता हूं- बोलेंगे? सब बोलेंगे? रोटी-बेटी-माटी की पुकार, रोटी-बेटी-माटी की पुकार, रोटी-बेटी-माटी की पुकार। इस समय छठ के महापर्व का उत्साह भी चारों तरफ दिख रहा है। मैं छठी मैय्या की उपासना करने वाले सभी व्रतियों को भी अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

झारखंड के ये चुनाव ऐसे समय में हो रहे हैं, जब पूरा देश जब आजादी के 100 साल होंगे तो हिंदुस्तान को विकसित होने का संकल्प लेकर के पूरा देश आगे बढ़ रहा है। यानि आने वाले 25 वर्ष देश के लिए भी और झारखंड के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। देश की आज़ादी के 100 वर्ष पूरे होंगे और झारखंड भी तब 50 वर्ष का होने वाला है। भाजपा ने तो झारखंड के लोगों की आकांक्षाओं का सम्मान करते हुए अलग राज्य का निर्माण किया था। और कुछ लोग जो यहां बैठे हैं वो कहते थे हमारी छाती पर झारखंड बनेगा। अरे उनकी छाती पर झारखंड बन गया, लेकिन झारखंड के कुछ नेता उनकी गोदी में जाकर बैठ गए। विकसित झारखंड बनाने के लिए बीते 10 वर्षों में झारखंड के इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत अधिक फोकस किया गया है। (ये पर्दा नीचे करो, पीछे लोगों को दिखाई नहीं देता है। शाबाश।) झारखंड को देश के दूसरे हिस्सों से जोड़ने वाली सड़कों को आधुनिक और चौड़ा किया जा रहा है। यहां रेल कनेक्टिविटी को सशक्त किया जा रहा है। आज झारखंड को 12 आधुनिक वंदेभारत ट्रेनें कनेक्ट कर रही हैं। गंगा जी पर जो वॉटरवे बन रहा है, उससे भी झारखंड कनेक्टेड है। जगदीशपुर-हल्दिया-बोकारो-धामरा गैस पाइपलाइन, झारखंड वालों को सस्ती गैस पहुंचाने में मदद कर रही है। यानि झारखंड में बेहतर सुविधाओं के लिए, यहां के किसानों, यहां के उद्योगों को बल देने के लिए केंद्र सरकार अपनी तरफ से हर कोशिश कर रही है। ये तब है जब झारखंड में JMM सरकार ने विकास के हर काम में रोड़े अटकाने की कोशिश की। लेकिन हम ईमानदारी से झारखंड के विकास की हर कोशिश पूरी ताकत से हर काम कर रहे हैं। जब यहां आप लोग डबल इंजन की सरकार बनाएंगे तो राज्य का विकास भी डबल तेजी से होने लगेगा।

साथियों,

भाजपा, झारखंड की सुविधा, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि की गारंटी के साथ चुनावी मैदान में उतरी है। मैं झारखंड भाजपा को बहुत-बहुत बधाई देता हूं कि कल उसने बहुत ही शानदार संकल्प पत्र जारी किया है। ये संकल्प पत्र, रोटी, बेटी और माटी के सम्मान, सुरक्षा और समृद्धि के लिए समर्पित है। माताओं-बहनों-बेटियों के लिए, उनके कल्याण के लिए, उनके हकों के लिए इसमें अनेक संकल्प लिए गए हैं। गोगो दीदी योजना से हर महीने माताओं-बहनों को 2100 रुपए मिलेंगे। मेरे गरीब परिवार की बहनों को पहले हमने उज्जवला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन दिए। अब झारखंड में बनने जा रही भाजपा-NDA सरकार, 500 रुपए में सिलेंडर देगी। अगले साल दीपावली और रक्षाबंधन पर झारखंड की बहनों को 2 मुफ्त सिलेंडर भी मिलने वाले हैं। भाजपा ने ओडिशा की, छत्तीसगढ़ की, मध्य प्रदेश की बहनों को ये घोषणा की और लागू भी कर दिया, उनको पहुंचा भी दिया। इसलिए एक तरफ भाजपा का गारंटी पूरा करने का ट्रैक रिकॉर्ड है। वहीं दूसरी तरफ JMM-कांग्रेस-RJD सरकार के झूठे वायदे हैं। इन्होंने 5 साल तक माताओं-बहनों के लिए कुछ नहीं किया। अब जब भाजपा की योजनाएं सामने हैं, तब इन्होंने आनन-फानन में महिलाओं की आंखों में धूल झोंकने के लिए नकल करके नई-नई घोषणाएं की हैं। ये लोग नकल तो कर सकते हैं, लेकिन भाजपा के पास जो नेक-नीयत है वो कहां से लाएंगे? और इनकी योजनाएं कि अब करेंगे, तब करेंगे, दिसंबर में...अरे तुम रहने ही वाले नहीं हो भाई। ये चुनाव में विदाई पक्की है।

साथियों,

JMM-कांग्रेस वालो ने आपको गरीबों के घर के नाम पर भी धोखा ही दिया है। केंद्र की हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत झारखंड में 16 लाख गरीबों के घर बनाए। कितने? 16 लाख, ये आंकड़ा बहुत बड़ा होता है भाई। और ये घर किसको मिले। जिनके पास पक्का घर नहीं था, ऐसे मेरे ST-SC-OBC परिवारों को मिले। करीब 1 लाख 15 हज़ार घर तो यहां गढ़वा जिले के गरीब परिवारों को ही मिल चुके हैं। अब आप कह रहे थे कि यहां पहले कोई प्रधानमंत्री नहीं आया। ये मोदी पहला प्रधानमंत्री है जो यहां आया। जो बड़े-बड़े अच्छे-अच्छे काम होते हैं न, वो मेरे नसीब में ही लिखे हुए हैं। अरे गढ़वा के लोगों का प्यारा पाना, आशीर्वाद पाने के लिए भी तो नसीब चाहिए। ये नसीब मोदी को मिला है इसलिए आपके आशीर्वाद पाने के लिए, आपके पास आ गया। लेकिन JMM-कांग्रेस से आप पूछिए कि अबुआ-आवास योजना का क्या हुआ? क्यों इस योजना का नाम लेकर आपके साथ विश्वासघात किया गया?

साथियों,

लोकसभा चुनाव के दौरान मैंने देशभर में तीन करोड़ नए घर बनाने की गारंटी दी थी। हमने सरकार बनते ही इस गारंटी पर काम शुरू भी कर दिया। अब झारखंड भाजपा ने भी 21 लाख नए आवास बनाने का संकल्प लिया है। झारखंड के हर गरीब के पास पक्का घर हो, ये भाजपा की गारंटी है। अच्छा मेरा एक काम करोगे भाई? सबके सब हाथ ऊपर करके बताइए करोगे? पक्का करोगे? देखिए ये चुनाव में जब आप लोगों से मिलने जाएं तो कहीं आपको लोग अगर झुग्गी-झोपड़ी में रहते नजर आते हैं, कोई कच्चे घर में मिट्टी के छोटे से घर में रहता है, आप उसको कहना, यहां 23 तारीख के बाद भाजपा सरकार बनने वाली है। और उसको कहना कि मोदी जी आए थे, और उन्होंने कहा है कि उसका घर अब पक्का बन जाएगा, मेरी तरफ से कह देना। आप ही मेरे लिए मोदी हैं। यहां का मेरा हर कार्यकर्ता मोदी है, आप वादा कर देना, कर दोगे? मैं पूरा करूंगा दोस्तों।

साथियों,

झारखंड के नौजवानों में टैलेंट की कमी नहीं है। देश ने युवाओं का टैलेंट, ये हमारे झारखंड की बेटियां, झारखंड के बेटे खेल के मैदान में झारखंड का जज्बा दिखाते हैं। झारखंड के युवाओं का सामर्थ्य बढ़े, उन्हें नए अवसर मिलें, ये सरकार की जिम्मेदारी होती है। लेकिन JMM-कांग्रेस-RJD ने झारखंड के युवाओं के साथ भी धोखा ही किया है। बीते 5 वर्षों में झारखंड के नौजवानों के साथ क्या-क्या हुआ, ये भी आपने देखा है। इन लोगों ने झारखंड के नौजवानों के लिए बेरोज़गारी भत्ता देने का वादा किया था। लेकिन ये वादा पूरा नहीं किया। वादा किया था कि नहीं किया था? वादा किया था कि नहीं किया था? झूठ बोलकर वोट ले गए थे कि नहीं ले गए थे? फिर आपका वादा तोड़ा कि नहीं तोड़ा? आपको एक रुपया भी दिया नहीं न? आप उनको सजा दोगे कि नहीं दोगे? साथियों, इतना ही नहीं, भर्तियों में धांधली, पेपर लीक, ये तो यहां का उद्योग बन गया उद्योग। सिपाही भर्ती के दौरान, JMM सरकार की लापरवाही के कारण कई नौजवानों की दुखद मृत्यु हो गई। अब झारखंड भाजपा ने इस स्थिति को बदलने का संकल्प लिया है। झारखंड में भाजपा सरकार बनने के बाद 3 लाख सरकारी पदों को पारदर्शी तरीके से भरा जाएगा। अभी हरियाणा में लोगों ने तीसरी बार भाजपा सरकार बनाई। अभी एक महीना नहीं हुआ है। वहां के नौजवान डबल दिवाली मना रहे हैं। क्यों? सरकार ने आते ही बिना खर्ची-बिना पर्ची 25 हजार लोगों को रोजगार दे दिया। वादा किया था, पूरा कर दिया। लाखों नौजवानों के लिए युवा साथी भत्ता देने का संकल्प भी लिया गया है। युवा साथी भत्ते के तौर पर यहां के युवाओं को 2 हजार रुपए दिए जाएंगे। सभी परीक्षाओं के लिए वार्षिक कैलेंडर, जारी होने से पेपर लीक माफिया पर भी लगाम लगेगी। केंद्र सरकार पहले ही पेपर लीक करने वालों के लिए सख्त सज़ा देने का कानून बना चुकी है।

साथियों,

हमने लोकसभा चुनाव के दौरान देश के करोड़ों नौजवानों के लिए रोज़गार, इंटर्नशिप और कौशल विकास की गारंटी दी थी। पहले 100 दिन के भीतर ही, इसके लिए हम 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक का पीएम पैकेज हमने घोषित कर दिया। पीएम इंटर्नशिप कार्यक्रम लागू हो चुका है। इसके तहत हज़ारों नौजवानों ने रजिस्ट्रेशन भी कर लिया है। बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप पर पीएम पैकेज के तहत यहां के युवाओं को भी हर महीने 5 हजार रुपए मिलेंगे।

साथियों,

किसानों का हित, किसानों की आय बढ़ाना, भाजपा की प्राथमिकता है। झारखंड भाजपा ने धान की सरकारी खरीद, 3100 रुपए प्रति क्विंटल करने का भी फैसला लिया है। कितना? 3100 रुपए, हर किसान के घर जाकर बताओगे। छोटे और सीमांत किसानों के लिए, पशुपालकों के लिए भी आर्थिक मदद देने की योजना घोषित की है। यही नहीं, आदिवासी परिवारों की आजीविका बढ़ाने के लिए भी अनेक अच्छी घोषणाएं की गई हैं। हर आदिवासी ब्लॉक में केंदू पत्ता, महुआ, और मशरूम जैसे उत्पादों से जुड़ी प्रोसेसिंग और स्टोरेज क्षमता बनाई जाएगी।

साथियों,

मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि इन घोषणाओं को पूरा करने के लिए भाजपा-NDA सरकार पूरी ताकत से काम करेगी। ये मोदी की आपको गारंटी है। साथियों, आजकल अफवाहें फैलाना, इसका एक उद्योग चल पड़ा है। कुछ लोग भांति-भांति की दुकानें खोलकर बैठे हैं। वो अफवाह फैलाने का माल बेच रहे हैं। आपको ऐसी किसी भी अफवाह में नहीं आना है। मुझे याद है, जब हमने पीएम किसान सम्मान निधि योजना लागू की थी 2018 में। तो JMM वालों ने यहां के गांव-गांव जाकर किसानों से झूठ बोला। और क्या बोला, उन्होंने बोला देखिए, ये मोदी अभी पैसा भेज रहा है न, इसे खाते में मत डलवा देना, इससे मत जुड़ना। क्योंकि चुनाव जीतने के बाद मोदी ये पैसा ब्याज समेत तुमसे वापस ले लेगा। ऐसा झूठ चलाया। और मेरे भोले-भाले गांव के किसान भाइयों ने मोदी जो पैसा भेजता था उसे लेने से मना कर दिया। बोले हमें नहीं चाहिए, पैसा देना पड़ेगा। जब दुबारा आपने 2019 में सेवा का मौका दिया तब जाकर ये झूठ का पता चला कि ये JMM कितना झूठ बोलते थे। इस बार भी रोज नए-नए झूठ फैलाने का काम, एक परिवार दिल्ली में ये धंधा करता है, दूसरा इधर झारखंड में करता है। मुझे खुशी है कि आज पीएम किसान सम्मान निधि के 600 करोड़ रुपए से ज्यादा गढ़वा के किसानों को मिल चुके हैं।

साथियों,

आजादी के बाद से ही कांग्रेस की राजनीति का बहुत बड़ा आधार रहा है- जनता से झूठ, जनता को धोखा। ये झूठे वायदे करके वोटरों को धोखा देते हैं। हमारे निर्दोष भोले-भाले हमारे नागरिकों की आंख में धूल झोंक देते हैं। अभी ताज़ा-ताज़ा हरियाणा ने भी इनको सबक सिखाया है। वहां भी इन्होंने झूठ फैलाने की बहुत कोशिश की थी। महिलाओं-किसानों-नौजवानों-SC/ST/OBC, सभी को कुछ न कुछ झूठ बेचने की कोशिश की थी। लेकिन हरियाणा वालों ने इनके झूठ को टिकने नहीं दिया। कांग्रेस और उसके साथी जहां-जहां भी झूठ बोलकर सत्ता में आए हैं, उस राज्य को उन्होंने बर्बाद कर दिया है। इन्होंने हिमाचल को तबाह कर दिया है। वहां कर्मचारियों के सामने सैलरी और पेंशन तक का संकट आने लगा है। अपने हक का DA पाने के लिए कर्मचारियों को आंदोलन करने पड़ रहे हैं। यहां जो सरकारी मुलाजिम हैं न, जरा हिमाचल के अपने परिचितों से पूछ लो, क्या हाल करके रखा है इन्होंने। तेलंगाना में भी कांग्रेस सरकार के झूठे वायदों की वजह से वहां की जनता पस्त पड़ी हुई है। कर्नाटक में जो कुछ हो रहा है, उससे तो कांग्रेस के भीतर ही घमासान मचा है। कांग्रेस के जो अध्यक्ष हैं, उन्होंने भी मान लिया है कि कांग्रेस झूठी गारंटी देती है। मैं तो हैरान हूं, पता नहीं कैसे हमारे खड़गे जी के मुंह से जाने-अनजाने सच निकल गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की जो ये अनाप-शनाप घोषणाएं हैं, ये राज्यों को दिवालिया कर देंगी। इसलिए आपको कांग्रेस और उसके साथियों की घोषणाओं पर कभी भरोसा नहीं करना है। मेरी बात मानोगे? पक्का मानोगे?

साथियों,

झारखंड का एक और बहुत बड़ा दुश्मन है और वो है परिवारवाद। JMM-कांग्रेस-RJD, ये तीनों दल घोर परिवारवादी हैं। ये लोग चाहते हैं कि सत्ता की चाबी केवल इन्हीं के परिवार के पास रहे। JMM का भी यही मॉडल है। अगर कोई अपनी काबिलियत से आगे बढ़ भी गया, तो उसके साथ कैसा बर्ताव करते हैं, ये भी हमने देखा है। हमारे चंपई सोरेन जी के साथ इन्होंने क्या किया? इन लोगों ने एक आदिवासी बेटे को अपमानित करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। जिनके लिए अपने परिवार से बड़ा कुछ नहीं है, वो झारखंड के आप सभी लोगों की परवाह भला क्यों करेंगे? इसलिए मैं झारखंड के हर नौजवान से कहूंगा कि ऐसे स्वार्थी दलों को अच्छे से सबक सिखाना है। भाइयों-बहनों, जब मैं कहता हूं कि मेरा अपना परिवार हो या न हो, लेकिन आप सब मेरा परिवार हैं। मेरी बात में आपको सच लगता है कि नहीं लगता है? क्या मैं आपके लिए जीता हूं कि नहीं जीता हूं? क्या मैं आपके लिए दिन-रात काम करता हूं कि नहीं करता हूं? मैं दिन-रात आपके लिए सोचता हूं कि नहीं सोचता हूं? इस देश के किसी नागरिक में इस बात को लेकर शक नहीं है। मेरे लिए सबकुछ 140 करोड़ देशवासी हैं। उनके लिए सबकुछ उनका अपना परिवार है।

साथियों,

आप भी जानते हैं, भ्रष्टाचार दीमक की तरह देश को खोखला करता है। भ्रष्टाचार, सबसे अधिक गरीब को, दलित, पिछड़े, आदिवासी को सबसे ज्यादा दुखी करता है, तबाह करता है, बर्बाद करता है। झारखंड ने तो बीते 5 सालों में देखा है कि कैसे JMM-कांग्रेस-RJD सरकार ने भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं तोड़ दी है। मुख्यमंत्री हो, मंत्री हो, विधायक हो, सांसद हो, ऐसा कोई बचा नहीं जिन पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप नहीं हैं। JMM के मंत्री के लोगों के पास से नोटों के पहाड़ निकले। क्या निकलता है? क्या निकलता है? कांग्रेस के सांसद के घर से नोटों के पहाड़ निकले। मैंने तो आंखों से कभी इतने नोटों के पहाड़ नहीं देखे जी। मैंने टीवी पर देखा कि लूट के नोटो के पहाड़ इतने बड़े होते हैं। अरे इंसान तो छोड़िए, मशीनें तक गिनते-गिनते थक गईं। और ये पैसा किसका था भाई? ये पैसा किसका था? ये पैसा झारखंड के लोगों का था कि नहीं था? ये पैसा झारखंड के नौजवान का था कि नहीं था? ये पैसा झारखंड की बेटियों का था कि नहीं था? ये पैसा झारखंड के गरीबों का था कि नहीं था? ये पैसा झारखंड के आदिवासियों का था कि नहीं था? ये पैसा झारखंड के मेरे किसान भाइयों का था कि नहीं था? लूट लिया। कहीं रोड बननी था, कहीं बस अड्डा बनना था, कहीं पुलिया बनानी थी, कहीं स्कूल-अस्पताल बनना था, कहीं बिजली की लाइन पहुंचनी थी। सबकुछ लूट लिया। आपके हक का, आपके अधिकार का ये इन्होंने लूटा है, ये आपका जेब काटने वाले लोग हैं।

साथियों,

मुझे इस क्षेत्र के भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों की भी रिपोर्ट मिली है। इन्होंने तो आपके हक के पानी के नल तक को नहीं छोड़ा। हमने हर घर जल पहुंचाने की इतनी बड़ी योजना बनाई। केंद्र सरकार ने दिल्ली से हजारों करोड़ रुपए भेजा। लेकिन यहां JMM-कांग्रेस के लोगों ने वो पैसा अपनी तिजोरी में भर लिया। देश में जहां भाजपा सरकारें हैं, वहां अनेक राज्यों में हर घर जल अभियान बहुत सफलता से चल रहा है। लेकिन झारखंड में हमारे प्रयासों के बावजूद, ढेर सारे पैसे भेजने के बावजूद, घर-घर नल पहुंचाने का काम ठप पड़ा है। और अभी आपके सब नेता बता रहे थे भाषण में कि मोदी जी, गढ़वा को पानी मिल जाए न, गढ़वा का पलायन रुक जाएगा। मैं आपकी बात से सहमत हूं। साथियों, मैं जिस गुजरात से आता हूं, उस गुजरात में कच्छ और सौराष्ट्र ऐसे ही पानी की मुसीबत में जीता था। पानी की ट्रेनें भेजनी पड़ती थी वो हाल था। जब 2001 में वहां के लोगों ने काम दिया मुख्यमंत्री का, मैं पानी के पीछे पड़ गया। मैंने कहा कि मैं पानी पहुंचाकर रहूंगा। और बड़ा जनआंदोलन खड़ा किया। वर्षा की एक-एक बूंद रोकने का अभियान चलाया। मरी-पड़ी नदियों को जिंदा करने के लिए लोगों को लगाया। और जिस कच्छ और सौराष्ट्र से पलायन होता था आज पानीदार बन गया और लोग वापस आने लग गए। भाइयों-बहनों, अगर दिल में कुछ करने का जज्बा हो न तो मेरा गढ़वा भी पानीदार बन जाएगा। और एक बार पानी पहुंचा तो पलायन तो रुकेगा जो पलायन होके गए न वो भी वापस आ जाएंगे दोस्तों। जनभागीदारी से वर्षा की एक-एक बूंद बचाकर हम समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।

साथियों,

आज ये क्षेत्र, बालू तस्करी का बहुत बड़ा केंद्र बन चुका है। बालू बोलते ही आपको सब दिखाई दिया। सच्चाई ये है कि झारखंड की सरकार, माफिया की गुलाम बनी हुई है। जनता पलायन के लिए मजबूर है और ये लोग सरकारी ठेकों में बंदरबांट करने में व्यस्त हैं। यहां हर काम-धंधा बंद होता जा रहा है, लेकिन ट्रांसफर-पोस्टिंग का धंधा खूब फल-फूल रहा है। इसलिए आपको याद रखना है, JMM-कांग्रेस-RJD ने ये जो माफिया तंत्र बनाया है, भाजपा-NDA को दिया आपका हर वोट उस पर चोट करेगा।

साथियों,

JMM-कांग्रेस-RJD ने तुष्टिकरण की नीति को चरम पर पहुंचा दिया है। ये तीनों दल सामाजिक ताना-बाना तोड़ने पर आमादा हैं, ये तीनों दल घुसपैठिया समर्थक हैं। बांग्लादेशी घुसपैठियों के वोट पाने के लिए ये इन घुसपैठियों को पूरे झारखंड में बसा रहे हैं। जब स्कूलों में सरस्वती वंदना तक पर रोक लगने लगे, तो पता चलता है कि खतरा कितना बड़ा है। जब तीज-त्योहारों में पत्थरबाजी होने लगे, माता दुर्गा को भी रोक दिया जाए, जब कर्फ्यू लगने लगे, तो पता चलता है कि स्थिति कितनी खतरनाक है। जब बेटियों के साथ शादी के नाम पर छल-कपट होने लगे, तो पता चलता है कि पानी सिर के ऊपर से गुजरने लगा है। जब घुसपैठ का मामला कोर्ट में जाए और प्रशासन इससे इनकार करे तो पता चलता है कि सरकारी तंत्र में ही घुसपैठ हो चुकी है। ये आपकी रोटी भी छीन रहे हैं, ये आपकी बेटी भी छीन रहे हैं और आपकी माटी को भी हड़प रहे हैं। अगर JMM-कांग्रेस-RJD की यही कुनीति जारी रही, तो झारखंड में आदिवासी समाज का दायरा सिकुड़ जाएगा। ये आदिवासी समाज और देश की सुरक्षा, दोनों के लिए बड़ा खतरा है। इसलिए इस घुसपैठिया गठबंधन को अपने एक वोट से उखाड़ फेंकना है। फेंकेंगे? एक-एक वोट रोटी-बेटी-माटी को बचाएगा। बचाओगे?

साथियों,

झारखंड का तेज़ विकास तभी संभव है, जब यहां ऐसी सरकार हो जो केंद्र की योजनाओं को तेज़ी से लागू करे। ये लोग खुद काम करते नहीं और दूसरों को भी काम नहीं करने देते। दशकों तक इनके कुशासन का नतीजा, झारखंड ने भुगता है। गढ़वा हो, पलामू हो, राज्य के ऐसे अनेक जिले हैं, जिनको इन्होंने पिछड़ा घोषित कर रखा था। हमने यहां के विकास को प्राथमिकता दी। देश के जो अच्छे और युवा अफसर हैं, उनको यहां तैनात किया गया। ऐसे जो हमारे आकांक्षी जिले हैं, वहां अस्पताल, स्कूल-कॉलेज, रोड, रेल, इंटरनेट, ऐसी हर सुविधा को प्राथमिकता दी जा रही है। ये लोग कैसे योजनाओं में भी रोड़े अटकाते हैं, इसका उदाहरण उत्तर कोयल जलाशय- मंडल डैम है। कई दशक पहले इसका निर्माण कार्य शुरु हुआ था। ये समय पर बन जाता तो लाखों किसानों को इसका लाभ होता। पानी के लिए तरसना न पड़ता। हमने इस परियोजना को गति देने का फैसला लिया। इसके लिए हज़ारों करोड़ रुपए स्वीकृत किए। 2019 में इसकी आधारशिला रखी गई। लेकिन यहां रोड़े अटकाने वाली JMM सरकार बन गई। यहां जो डूब क्षेत्र के प्रभावित हैं, उनके लिए पिछले साल ही हमने राज्य सरकार को स्पेशल पैकेज की मंज़ूरी दी है। लेकिन राज्य सरकार ने प्रभावितों को ये पैसा भी नहीं दिया। लूटने में लगे रहे। यहां भाजपा-NDA सरकार बनते ही, इस परियोजना पर तेज़ी से काम किया जाएगा !

साथियों,

यहां अगर भाजपा सरकार रहती तो सोन-कनहर पाइप लाइन सिंचाई परियोजना कब की पूरी हो चुकी होती। इसी तरह यहां जो चियांकी एयरपोर्ट है, इसको हम सस्ती हवाई यात्रा वाली योजना उड़ान में शामिल करना चाहते हैं। लेकिन यहां की सरकार इसमें भी दिलचस्पी नहीं ले रही। हमने पलामू और गढ़वा के लिए सोलर पार्क स्वीकृत किए हैं। JMM की सरकार, लोगों को अंधेरे में रख रही है, लेकिन इन परियोजनाओं के लिए ज़मीन नहीं दे रही। यहां के नौजवानों को नौकरियां मिले, झारखंड का विकास हो, ये इन लोगों को मंज़ूर नहीं है।

साथियों,

भाजपा-NDA, विकास और विरासत दोनों को महत्व देते हैं। हम उन क्षेत्रों, उन वर्गों के विकास पर विशेष बल दे रहे हैं, जो अतीत में पिछड़ गए थे। हम आदिवासी क्षेत्रों का विकास भी कर रहे हैं और आदिवासी विरासत को भी पूरी शान से आगे बढ़ा रहे हैं। ये भाजपा ही जो पूरे देश में आदिवासी परंपरा, कला-संस्कृति के लिए समर्पित 10 बड़े संग्रहालय बना रही है। रांची में जो भव्य संग्रहालय बना है, उसके उद्घाटन का अवसर मुझे ही मिला था। कुछ दिन बाद ही धरती आबा बिरसा मुंडा जी का जन्म दिवस है। ये भाजपा-NDA सरकार ही है, जिसने धरती आबा के जन्म दिवस को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया था। इस वर्ष का आयोजन तो और भी विशेष है। इस 15 नवंबर से अगले 2 वर्ष तक, धरती आबा बिरसा मुंडा जी की डेढ़ सौवीं जन्मजयंति के समारोह देशभर में मनाए जाएंगे। पूरा देश जनजातीय गौरव वर्ष का उत्सव मनाएगा। पूरा देश इसमें शामिल होगा। पूरी दुनिया भगवान बिरसा मुंडा और आदिवासी समाज के योगदान को जानने समझने लगेगी।

साथियों,

झारखंड का तेज़ विकास, भाजपा की गारंटी है, NDA की गारंटी है। इसलिए मैं गढ़वा से पूरे झारखंड के भाई-बहनों से आग्रह करुंगा, भाजपा के, आजसू के, JDU और LJP के उम्मीदवार जहां-जहां हैं, उनको भारी मतों से विजयी बनाएं। हमें मिलकर, झारखंड को विकास के उस सफर पर ले जाना है, जो पूर्वी भारत के विकास को तेज़ी दे सके। आप इतनी बड़ी संख्या में हमें आशीर्वाद देने आए, मैं आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं। लेकिन मेरा एक काम करेंगे? सबके सब हाथ ऊपर करके बताएं, मेरा एक काम करेंगे? जरा जोर से बताएं करेंगे? घर-घर जाएंगे? लोगों से मिलेंगे? एक काम करना, हर परिवार में जाकर कहना, अपने मोदी जी गढ़वा आए थे। और मोदी जी ने आपको जोहार कहा है। मेरा जोहार पहुंचा देंगे? मेरा राम-राम पहुंचा देंगे? (एक नौजवान बहुत बढ़िया चित्र बनाकर लाए हैं, हमारे सिक्यूरिटी वालों से कहूंगा कि वो चित्र उनसे लीजिए। जरा अपना पता पीछे लिख देना भइया। मैं आपको चिट्ठी भेजूंगा। इसके पीछे अपना एड्रेस लिख देना। जरा ले लीजिए वो फोटोग्राफ, चित्र ले लीजिए।)
मेरे साथ बोलिए, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय ! बहुत-बहुत धन्यवाद।