Chief Minister Shri Narendra Modi has made a fervent appeal to the farmers to cooperate in land-acquisition procedures paving way for constructing canal-network in the command area of Sardar Sarovar Project.
Unleashing a tide of creative potential, Gujarat is moving ahead with a vision filled with innovations in agriculture and live stock management, added Hon'ble CM.
Referring to the national recognition for Bunny-Buffalo, Chief Minister said Gujarat has the strength to convert a crisis in to an opportunity. To get rid of the unabated growth of Babul (Gando-Baval), we moot small power –generation units by utilizing babul as the fuel, along with the project organic-honey project. The Bunny-Buffalo has opened up bright avenues for organic-milk, said Hon'ble CM.
Concentrating on accelerated growth in agriculture, the 6th Edition of Krushi Mahotsav is going to cover all 18000 villages of State. Dantiwada Krushi University witnessed overwhelming response from the farmers of North-Gujarat.
On the Occasion, Progressive farmers and live stock owners were recognised; they were honored with Krushina Rushi Awards. Chief Minister also dedicated Maize Research Station Bhiloda, Cotton Research Centre Talod, Wheat Research Station Vijapur, Advanced Research Lab of Radhanpur, and newly constructed buildings of Amirgadh Agri-Polytechnics from the dais.
Braving the sweltering heat, farmers and live stock owners are participating the Krushi Mahotsav, it charts a unique path to progress and prosperity, added CM.
The creative energy and financial resources have been plunge in to action, braving scorching heat the scientists are moving farm to farm, aiming to improve economic efficiency of agriculture sector, also finding solutions to farmer’s need, said CM.
In 21st century, environmental changes and scanty resources demands innovative changes in agriculture. In a bid to boost efficiency of agriculture sector, State has undertaken the massive exercise, having participation of small and marginal farmers; Chief Minister outlined the theme and vision of Krushi Mahotsav .He also motivated the farmers to adopt modern technology by sharpening creative zeal.
Gujarat Government has protected the farmers in many ways, ensuring them electricity supply, irrigation facilities through Narmada and Sujalam –Sufalam water. Krushi Mahotsav has brought revolutionary changes in the mindsets of small and marginal farmers, motivation to them for better results.
On the occasion, CM gave a new formula, 1) Utilizing every inch of their fertile land, farmers ought to go for scientific agricultural methods, 2) Improve milk production taking maximum advantage of available resources and infrastructure, 3) adopt tree-farming. It will not only make them prosperous but will change the entire scenario, also benefiting them with multiple incomes from agriculture produce- milk production and income from trees.
Horticulture crops are extremely beneficial, said Hon'ble CM.
Panchayat Minister, Shri Narottam Patel said that Krushi Mahotsav have succeeded Gujarat’s farmers, they have now adopted scientific methods.
Agriculture Minister, Shri Dilip Sanghani asserted that Gujarat’s agriculture performance is the best in India. Gujarat has attained and retained phenomenal 10% growth rate in agriculture.
Minister of State Water Resources and Cooperation Shri Parbat Patel, Ex. Agriculture Minister Shri Bhupendrasinh Chudasama enumerated the benefits of Krushi Mahotsav.
Beneficiaries of Gujarat Horticulture Mission received financial assistance worth Rs.1.20 Crores. In event accidental deaths, insurance claim cheques were distributed to the beneficiaries.
Revenue Minister Smt Anandiben Patel, Minister for Social Justice and Empowerment Shri Fakirbhai Vaghela, Minister of State Shri Jaysinh Chauhan, M.P.Shri Jayshriben Patel, Shri Natuji Thakor, Deputy President BJP, MLAs Shri Vasant Bhatol, Shri Govind Prajapati, Shri Mafatbhai Purohit, Banas Dairy Chairman Shri Parthi Bhatol, Vice Chancellor Dantiwada Krushi University Dr.R.C.Maheshwari, Principal Secretary Agriculture Shri R.K.Tripathi, District Collector Shri R.J.Patel, eminent leaders, and farmers in large numbers attended the function.
Text of PM’s address at the inauguration of Rising Rajasthan Global Investment Summit 2024 in Jaipur, Rajasthan
December 09, 2024
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Rajasthan is emerging as a prime destination for investment, driven by its skilled workforce and expanding market: PM Modi
Experts and investors around the world are excited about India: PM Modi
India's success showcases the true power of democracy, demography, digital data and delivery: PM Modi
This century is tech-driven and data-driven: PM Modi
India has demonstrated how the democratisation of digital technology is benefiting every sector and community: PM Modi
Rajasthan is not only Rising but it is reliable also, Rajasthan is Receptive and knows how to refine itself with time: PM Modi
Having a strong manufacturing base in India is crucial: PM Modi
India's MSMEs are not only strengthening the Indian economy but are also playing a significant role in empowering the global supply and value chains: PM Modi
राजस्थान के राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागड़े जी, यहां के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल जी शर्मा, राजस्थान सरकार के मंत्रिगण, सांसदगण, विधायकगण, इंडस्ट्री के साथी, विभिन्न ऐंबेसेडेर्स, दूतावासों के प्रतिनिधि, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।
राजस्थान की विकास यात्रा में, आज एक और अहम दिन है। देश और दुनिया से बड़ी संख्या में डेलीगेट्स, इन्वेस्टर्स यहां पिंक सिटी में पधारे हैं। यहां उद्योग जगत के भी अनेक साथी मौजूद हैं। राइजिंग राजस्थान समिट में आप सभी का अभिनंदन है। मैं राजस्थान की बीजेपी सरकार को इस शानदार आय़ोजन के लिए बधाई दूंगा।
साथियों,
आज दुनिया का हर एक्सपर्ट, हर इन्वेस्टर भारत को लेकर बहुत ही उत्साहित है। Reform-Perform-Transform के मंत्र पर चलते हुए, भारत ने जो विकास किया है, वो हर क्षेत्र में नजर आता है। आजादी के बाद के 7 दशक में भारत दुनिया की ग्यारहवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन पाया था। उसके सामने पिछले 10 वर्ष में भारत 10th largest economy से 5th largest इकोनॉमी बना है। बीते 10 वर्षों में भारत ने अपनी इकोनॉमी का साइज़ करीब-करीब डबल किया है। बीते 10 वर्षों में भारत का एक्सपोर्ट भी करीब-करीब डबल हो गया है। 2014 से पहले के दशक की तुलना में बीते दशक में FDI भी दोगुना से अधिक हुआ है। इस दौरान भारत ने इंफ्रास्ट्रक्चर का खर्च करीब 2 ट्रिलियन रुपए से बढ़ाकर 11 ट्रिलियन तक पहुंचा दिया है।
साथियों,
डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी, डिजिटल डेटा और डिलिवरी की पावर क्या होती है, ये भारत की सफलता से पता चलता है। भारत जैसे डायवर्स देश में, डेमोक्रेसी इतनी फल-फूल रही है, इतनी सशक्त हो रही है, ये अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है। डेमोक्रेटिक रहते हुए, मानवता का कल्याण, ये भारत की फिलॉसॉफी के कोर में है, ये भारत का मूल चरित्र है। आज भारत की जनता, अपने डेमोक्रेटिक हक के माध्यम से भारत में स्टेबल गवर्नमेंट के लिए वोट दे रही है।
साथियों,
भारत के इन पुरातन संस्कारों को हमारी डेमोग्राफी यानि युवाशक्ति आगे बढ़ा रही है। आने वाले अनेक सालों तक भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में रहने वाला है। भारत में युवाओं का सबसे बड़ा पूल होने के साथ ही सबसे बड़ा स्किल्ड युवा वर्ग भी होगा। इसके लिए सरकार, एक के बाद एक कई फैसले ले रही है।
साथियों,
बीते दशक में भारत की युवाशक्ति ने अपने सामर्थ्य में एक और आयाम जोड़ा है। ये नया आयाम है, भारत की टेक पावर, भारत की डेटा पावर। आप सभी जानते हैं कि आज हर सेक्टर में टेक्नोलॉजी का, डेटा का कितना महत्व है। ये सदी टेक ड्रिवन, डेटा ड्रिवेन सदी है। बीते दशक में भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या करीब 4 गुना बढ़ी है। डिजिटल ट्रांजेक्शन्स में तो नए रिकॉर्ड बन रहे हैं, और ये तो अभी शुरुआत है। भारत, दुनिया को डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी और डेटा की असली ताकत दिखा रहा है। भारत ने दिखाया है कि कैसे डिजिटल टेक्नोलॉजी का डेमोक्रेटाइजेशन, हर क्षेत्र, हर वर्ग को फायदा पहुंचा रहा है। भारत का UPI, भारत का बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम सिस्टम, GeM, गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस, ONDC- Open Network for Digital Commerce, ऐसे कितने ही प्लेटफॉर्म्स हैं, जो डिजिटल इकोसिस्टम की ताकत को दिखाते हैं। इसका बहुत बड़ा लाभ, और बहुत बड़ा प्रभाव हम यहां राजस्थान में भी देखने जा रहे हैं। मेरा हमेशा से विश्वास रहा है- राज्य के विकास से देश का विकास। जब राजस्थान विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचेगा तो देश को भी नई ऊंचाई मिलेगी।
साथियों,
क्षेत्रफल के हिसाब से राजस्थान, भारत का सबसे बड़ा राज्य है। और राजस्थान के लोगों का दिल भी उतना ही बड़ा है। यहां के लोगों का परिश्रम, उनकी ईमानदारी, कठिन से कठिन लक्ष्य को पाने की इच्छाशक्ति, राष्ट्र प्रथम को सर्वोपरि रखने की भावना, देश के लिए कुछ भी कर गुजरने की प्रेरणा, ये आपको राजस्थान की रज-रज में, कण-कण में दिखाई देती है। आजादी के बाद की सरकारों की प्राथमिकता, ना देश का विकास था, औऱ ना ही देश की विरासत। इसका बहुत बड़ा राजस्थान नुकसान उठा चुका है। लेकिन आज हमारी सरकार विकास भी, विरासत भी इस मंत्र पर चल रही है। औऱ इसका बहुत बड़ा लाभ राजस्थान को हो रहा है।
साथियों,
राजस्थान, राइजिंग तो है ही, Reliable भी है। राजस्थान Receptive भी है और समय के साथ खुद को Refine करना भी जानता है। चुनौतियों से टकराने का नाम है- राजस्थान, नए अवसरों को बनाने का नाम है- राजस्थान। राजस्थान के इस R-Factor में अब एक और पहलू जुड़ चुका है। राजस्थान के लोगों ने यहां भारी बहुमत से बीजेपी की Responsive और Reformist सरकार बनाई है। बहुत ही कम समय में यहां भजन लाल जी और उनकी पूरी टीम ने शानदार काम करके दिखाया है। कुछ ही दिन में राज्य सरकार अपने एक साल भी पूरे करने जा रहा है। भजन लाल जी जिस कुशलता और प्रतिबद्धता के साथ राजस्थान के तेज़ विकास में जुटे हैं, वो प्रशंसनीय है। गरीब कल्याण हो, किसान कल्याण हो, युवाओं के लिए नए अवसरों का निर्माण हो, सड़क, बिजली, पानी के काम हों, राजस्थान में हर प्रकार के विकास, उससे जुड़े हुए सारे कार्य तेज़ी से हो रहे हैं। क्राइम और करप्शन को कंट्रोल करने में जो तत्परता यहां सरकार दिखा रही है, उससे नागरिकों और निवेशकों में नया उत्साह आया है।
साथियों,
राजस्थान के Rise को औऱ ज्यादा फील करने के लिए राजस्थान के Real potential को Realise करना बहुत जरूरी है। राजस्थान के पास natural resources का भंडार है। राजस्थान के पास आधुनिक कनेक्टिविटी का नेटवर्क है, एक समृद्ध विरासत है, एक बहुत बड़ा लैंडमास है और बहुत ही समर्थ युवा शक्ति भी है। यानि रोड से लेकर रेलवेज तक, हॉस्पिटैलिटी से हैंडीक्राफ्ट तक, फार्म से लेकर फोर्ट तक राजस्थान के पास बहुत कुछ है। राजस्थान का ये सामर्थ्य, राज्य को इन्वेस्टमेंट के लिए बहुत ही attractive destination बनाता है। राजस्थान की एक और विशेषता है। राजस्थान में सीखने का गुण है, अपना सामर्थ्य बढ़ाने का गुण है। और इसीलिए तो अब यहाँ रेतीले धोरों में भी पेड़, फलों से लद रहे हैं, जैतून और जेट्रोपा की खेती का काम बढ़ रहा है। जयपुर की ब्लू पॉटरी, प्रतापगढ़ की थेवा ज्वेलरी और भीलवाड़ा का टेक्सटाइल इनोवेशन...इनकी अलग ही शान है। मकराना के मार्बल और कोटा डोरिया की पूरी दुनिया में पहचान है। नागौर में, नागौर के पान मेथी की खुशबू भी निराली है। और आज की बीजेपी सरकार, हर जिले के सामर्थ्य को पहचानते हुए काम कर रही है।
साथियों,
आप भी जानते हैं भारत के खनिज भंडार का बहुत बड़ा हिस्सा राजस्थान में है। यहां जिंक, लेड, कॉपर, मार्बल, लाइमस्टोन, ग्रेनाइट, पोटाश जैसे अनेक मिनरल्स के भंडार हैं। ये आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव हैं। राजस्थान, भारत की एनर्जी सिक्योरिटी में बहुत बड़ा कंट्रीब्यूटर है। भारत ने इस दशक के अंत तक 500 गीगावॉट रीन्युएबल एनर्जी कैपेसिटी बनाने का टारगेट रखा है। इसमें भी राजस्थान बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है। भारत के सबसे बड़े सोलर पार्क्स में से अनेक पार्क यहां पर बन रहे हैं।
साथियों,
राजस्थान, दिल्ली और मुंबई जैसे economy के दो बड़े सेंटर्स को जोड़ता है। राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात के पोर्ट्स को, नॉर्दन इंडिया से जोड़ता है। आप देखिए दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का 250 किलोमीटर हिस्सा राजस्थान में है। इससे राजस्थान के अलवर, भरतपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा ऐसे जिलों को बहुत फायदा होगा। Dedicated freight corridor जैसे आधुनिक रेल नेटवर्क का 300 किलोमीटर हिस्सा राजस्थान में है। ये कॉरिडोर, जयपुर, अजमेर, सीकर, नागौर और अलवर जिलों से होकर गुजरता है। कनेक्टिविटी के इतने बड़े प्रोजेक्ट्स का सेंटर होने के कारण राजस्थान निवेश के लिए बेहतरीन डेस्टिनेशन है। खासतौर पर ड्राय पोर्ट्स और लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिए तो यहां अपार संभावनाएं हैं। हम यहाँ मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क का विकास कर रहे हैं। यहां लगभग दो दर्जन Sector Specific इंडस्ट्रियल पार्क बनाए जा रहे हैं। दो एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स का निर्माण भी हुआ है। इससे राजस्थान में इंडस्ट्री लगाना आसान होगा, इंडस्ट्रियल कनेक्टिविटी और बेहतर होगी।
साथियों,
भारत के समृद्ध फ्यूचर में हम टूरिज्म का बहुत बड़ा पोटेंशियल देख रहे हैं। भारत में नेचर, कल्चर, एडवेंचर, कॉन्फ्रेंस, डेस्टिनेशन वेडिंग और हैरिटेज टूरिज्म सबके लिए असीम संभावनाएं हैं। राजस्थान, भारत के टूरिज्म मैप का प्रमुख केंद्र है। यहां इतिहास भी है, धरोहरें भी हैं, विशाल मरुभूमि और सुंदर झीलें भी हैं। यहां के गीत-संगीत और खान-पान उसके लिए तो जितना कहे, उतना कम है। Tour, Travel और Hospitality Sector को जो चाहिए, वो सब राजस्थान में है। राजस्थान दुनिया के उन चुनिंदा स्थानों में से एक है, जहां लोग शादी-ब्याह जैसे जीवन के पलों को यादगार बनाने के लिए राजस्थान आना चाहते हैं। राजस्थान में wild life tourism का भी बहुत अधिक स्कोप है। रणथंभौर हो, सरिस्का हो, मुकुंदरा हिल्स हो, केवलादेव हो ऐसे अनेक स्थान हैं, जो वाइल्ड लाइफ को पसंद करने वालों के लिए स्वर्ग हैं। मुझे खुशी है कि राजस्थान सरकार अपने टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स, हैरिटेज सेंटर्स को बेहतर कनेक्टिविटी से जोड़ रही है। भारत सरकार ने लगभग अलग-अलग थीम सर्किट्स से जुड़ी योजनाएं भी शुरू की हैं। 2004 से 2014 के बीच, 10 साल में भारत में 5 करोड़ के आस-पास विदेशी टूरिस्ट आए थे। जबकि, 2014 से 2024 के बीच भारत में 7 करोड़ से ज्यादा विदेशी टूरिस्ट आए हैं, और आप ध्यान दीजिए, इन 10 वर्षों में पूरी दुनिया के तीन-चार साल तो कोरोना से लड़ने में निकल गए थे। कोरोना काल में टूरिज्म ठप्प पड़ा था। इसके बावजूद, भारत में आने वाले टूरिस्ट्स की संख्या इतनी ज्यादा बढ़ी है। भारत ने अनेक देशों के टूरिस्ट्स को ई-वीजा की जो सुविधा दी है, उससे विदेशी मेहमानों को बहुत मदद मिल रही है। भारत में आज डोमेस्टिक टूरिज्म भी नए रिकॉर्ड बना रहा है, उड़ान योजना हो, वंदे भारत ट्रेने हों, प्रसाद स्कीम हो, इन सभी का लाभ राजस्थान को मिल रहा है। भारत के वाइब्रेंट विलेज जैसे कार्यक्रमों से भी राजस्थान को बहुत फायदा हो रहा है। मैंने देशवासियों से वेड इन इंडिया का आह्वान किया है। इसका फायदा भी राजस्थान को होना तय है। राजस्थान में हेरिटेज टूरिज्म, फिल्म टूरिज्म, इको टूरिज्म, रूरल टूरिज्म, बॉर्डर एरिया टूरिज्म इसे बढ़ाने की अथाह संभावनाएं हैं। इन क्षेत्रों में आपका निवेश, राजस्थान के टूरिज्म सेक्टर को ताकत देगा और आपका बिजनेस भी बढ़ाएगा।
साथियों,
आप सभी ग्लोबल सप्लाई और वैल्यू चेन से जुड़ी चुनौतियों से परिचित हैं। आज दुनिया को एक ऐसी अर्थव्यवस्था की ज़रूरत है, जो बड़े से बड़े संकट के दौरान भी मजबूती से चलती रहे, उसमें रुकावटें ना आए। इसके लिए भारत में व्यापक मैन्युफेक्चरिंग बेस का होना बहुत ज़रूरी है। ये सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया की इकोनॉमी के लिए भी आवश्यक है। अपने इसी दायित्व को समझते हुए, भारत ने मैन्युफेक्चरिंग में आत्मनिर्भरता का एक बहुत बड़ा संकल्प लिया है। भारत, अपने मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत low cost manufacturing पर बल दे रहा है। भारत के पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स, भारत की दवाएं और वैक्सीन्स, भारत का इलेट्रॉनिक्स सामान इसमें भारत की रिकॉर्ड मैन्युफेक्चरिंग से दुनिया को बहुत बड़ा फायदा हो रहा है। राजस्थान से भी बीते वर्ष, करीब-करीब चौरासी हज़ार करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट हुआ है, 84 thousand crore rupees। इसमें इंजीनियरिंग गुड्स, जेम्स और ज्वेलरी, टेक्सटाइल्स, हैंडीक्राफ्ट्स, एग्रो फूड प्रोडक्ट्स शामिल हैं।
साथियों,
भारत में मैन्युफेक्चरिंग बढ़ाने में PLI स्कीम का रोल भी लगातार बढ़ता जा रहा है। आज Electronics, Speciality Steel, Automobiles और auto components, Solar PVs, Pharmaceutical drugs...इन सेक्टर्स में बहुत अधिक उत्साह है। PLI स्कीम के कारण करीब सवा लाख करोड़ रुपए का इंवेस्टमेंट आया है, करीब 11 लाख करोड़ रुपए के प्रॉडक्ट बने हैं और एक्सपोर्ट्स में 4 लाख करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है। लाखों युवाओं को नए रोजगार भी मिले हैं। यहां राजस्थान में भी ऑटोमोटिव और ऑटो कॉम्पोनेंट इंडस्ट्री का अच्छा बेस तैयार हो चुका है। यहां इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफेक्चरिंग के लिए बहुत संभावनाएं हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफेक्चरिंग के लिए भी जो ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है, वो भी राजस्थान में उपलब्ध है। मैं सभी निवेशकों से आग्रह करूंगा, इन्वेस्टर्स से आग्रह करूंगा, राजस्थान के मैन्युफेक्चरिंग पोटेंशियल को भी ज़रूर एक्सप्लोर करें।
साथियों,
राइजिंग राजस्थान की बहुत बड़ी ताकत है- MSMEs.. MSMEs के मामले में राजस्थान, भारत के टॉप 5 राज्यों में से एक है। यहां इस समिट में MSMEs पर अलग से एक कॉन्क्लेव भी होने जा रहा है। राजस्थान के 27 लाख से ज्यादा छोटे और लघु उद्योग, लघु उद्योगों में काम करने वाले 50 लाख से ज्यादा लोग, राजस्थान के भाग्य को बदलने का सामर्थ्य रखते हैं। मुझे खुशी है कि राजस्थान में नई सरकार बनते ही कुछ ही समय में नई MSMEs पॉलिसी लेकर आ गई। भारत सरकार भी अपनी नीतियों और निर्णयों से MSMEs को लगातार मजबूत कर रही है। भारत के MSMEs सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि ग्लोबल सप्लाई और वैल्यू चेन को सशक्त करने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। हमने कोरोना के दौरान देखा जब दुनिया में फार्मा से जुड़ी सप्लाई चेन क्राइसिस में आई गई तो भारत के फार्मा सेक्टर ने दुनिया की मदद की। ये इसलिए संभव हुआ क्योंकि भारत का फार्मा सेक्टर बहुत मजबूत है। ऐसे ही हमें भारत को बाकी प्रोडक्ट्स की मैन्युफेक्चरिंग का बहुत स्ट्रॉन्ग बेस बनाना है। और इसमें हमारे MSMEs का बड़ा रोल होने जा रहा है।
साथियों,
हमारी सरकार ने MSMEs की परिभाषा बदली है, ताकि उन्हें ग्रोथ के और अधिक अवसर मिल सकें। केंद्र सरकार ने करीब 5 करोड़ MSMEs को formal economy से जोड़ा है। इससे इन उद्योगों के लिए access to credit आसान हुआ है। हमने एक क्रेडिट गारंटी लिंक्स स्कीम भी बनाई है। इसके तहत छोटे उद्योगों को करीब 7 लाख करोड़ रुपए की मदद दी गई है। बीते दशक में MSMEs के लिए क्रेडिट फ्लो, दो गुना से अधिक बढ़ चुका है। साल 2014 में जहां ये करीब 10 लाख करोड़ रुपए होता था, आज ये 22 लाख करोड़ रुपए से ऊपर जा चुका है। इसका राजस्थान भी बहुत बड़ा लाभार्थी रहा है। MSMEs की ये बढ़ती ताकत, राजस्थान के विकास को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगी।
साथियों,
हम आत्मनिर्भर भारत के नए सफर पर चल चुके हैं। आत्मनिर्भर भारत का अभियान, ये विजन ग्लोबल है और उसका इंपैक्ट भी ग्लोबल है। सरकार के स्तर पर हम, whole of the Government approach के साथ आगे बढ़ रहे हैं। इंडस्ट्रियल ग्रोथ के लिए भी हम हर सेक्टर, हर फैक्टर को एक साथ बढ़ावा दे रहे हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि सबका प्रयास की यही भावना, विकसित राजस्थान बनाएगी, विकसित भारत बनाएगी।
साथियों,
यहां देश और दुनिया से अनेक डेलीगेट्स आए हैं, बहुत सारे साथियों की ये पहली भारत यात्रा होगी, हो सकता है राजस्थान की भी उनकी पहली यात्रा हो। आखिरी में, मैं यही कहूंगा, स्वदेश लौटने से पहले आप राजस्थान को, भारत को ज़रूर एक्सप्लोर करें। राजस्थान के रंग-बिरंगे बाज़ारों का शॉपिंग एक्सपीरियंस, यहां के लोगों की ज़िंदादिली, ये सब कुछ आप कभी भी नहीं भूलेंगे। एक बार फिर सभी निवेशकों को, राइजिंग राजस्थान के संकल्प को, आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।