अभी सर्बानंद काफी विस्‍तार से खेल जगत में क्‍या हो रहा है, उसके विषय में बता रहे थे। मेरा मुख्‍य काम है आप लोगों को बधाई देना। वैसे मैं आज डेढ़-दो घंटे आप लोगों के साथ बिताना चाहता था। मैंने जो पहले schedule बनाया था, लेकिन फिर मुझे Vizag जाना जरूरी हो गया, cyclone के कारण। इसलिए आपसे मिलने के बाद तुरंत मुझे निकलना पड़ेगा।

इस भेंट के पीछे मेरा मुख्‍य मकसद था - आप लोगों को सुनना। क्‍योंकि हर एक के पास अपनी एक History है। हर एक का अपना एक प्रयास है। कितनी कठिनाइयों से आप घिरे होंगे। प्रारंभिक दिनों में घर से भी कहते होंगे- नहीं, पढ़ाई करो, खेलने कहां जाते हो? यही करो। यही कठिनाइयां रहती हैं। एक स्‍टेज के बाद तो फिर परिवार को लगता है, वाह वाह, हमारा बेटा, हमारी बेटी कुछ कर रही है। लेकिन पहले तो सब लोग रोकते रहते है।

उसके बाद भी हमारे देश में खिलाड़ी को दो चीजों पर ध्‍यान केन्द्रित करना पड़ता है। एक तो खेल पर, दूसरा ये खिलवाड़ पर। दोनों hassles को पार करना पड़ता है। खेलकूद, हमारे देश में बहुत पुरानी परंपरा रही है। आप लोगों ने, अगर Archeological Sites देखने का अगर आपका शौक हो, हमारे देश में धौलावीरा करके एक स्‍थान है, दुनिया का सबसे पुरातन नगर। 5000 year old वो Town है। और कभी वहां जाएंगे, कच्‍छ के रेगिस्‍तान के पास है, तो वहां पर एक बहुत बड़ा स्‍टेडियम है 5000 साल पहले का। करीब 5000 लोग उसमें बैठ सके, इतना बड़ा स्‍टेडियम है। इसका मतलब यह है कि उस समय भी Sports एक प्राथमिक व्‍यवस्‍था का विषय रहा होगा, तभी जाकर इतना बड़ा स्‍टेडियम हजारों साल पहले बना होगा।

हमारे जितने रामायण-महाभारत की कथायें पढ़ते हैं, उसमें भी गुरू के पास बाकी शिक्षा के बजाए ये शिक्षा प्रमुख रहती थी। शस्‍त्रों की भी ट्रेनिंग रहती थी और ये मल्‍लयुद्ध वगैरह सब उस जमाने में उसका वर्णन रहता है। यानी ये विरासत तो हमारी पुरानी है। लेकिन बीच के कार्यकाल में हमने globally जो अपने-आप को तैयार करना चाहिए, हम काफी कम रहे हैं।

उसमें कोई खिलाडि़यों का दोष नहीं है। वो तो, उसको भी लगता है कि मैं विजेता बनकर के वापस आऊं। वह हारने के लिए थोड़े जाता है। लेकिन उसको जिस प्रकार का एक्‍सपोजर मिलना चाहिए, जिस प्रकार की ट्रेनिंग मिलनी चाहिए, जिस प्रकार का Infrastructure और Environment available होना चाहिए, उसकी कमी महसूस होती है। लेकिन अच्‍छा ये हुआ है कि पिछले कुछ समय से राज्‍यों का भी इस तरफ ध्‍यान गया है। कई राज्‍य अलग Sports University बना रहे हैं। भारत सरकार कई देशों के साथ Sports के expertise के लिए MOU कर रही है।

अभी ऑस्‍ट्रेलिया Prime Minister आए थे तो मैंने उनके साथ विस्‍तार से बात की थी कि आप भारत में sports के संबंध में हमारे साथ जुड़कर के कैसे Infrastructure में, और चीज में क्‍या मदद कर सकते हैं। काफी मेरी विस्‍तार से बातचीत हुई है। मैं और भी कई देशों से इस विषय में बात कर रहा हूं। उसी प्रकार से कोशिश अपनी ऐसी है कि हम देश में sports की mapping करे। कुछ राज्‍य हैं, जिसकी कुछ खेलों में काफी अच्‍छी स्थिति है। कुछ राज्‍य हैं, जैसे हरियाणा में देखो तो बहादुर लोग मिल जाएंगे आपको। उनकी वहां expertise है तो वहां इस प्रकार का focus हो। हैदराबाद ने अपना अलग नाम निकाला है तो उनके लिए इस प्रकार से facility develop हो। अगर ये चीजें हम करते हैं तो शायद हम बहुत ही focused activity पर ध्‍यान दें पाएंगे। मेरी उमंग है और आप लोगों का हौसला है। ये दोनों मिलकर के जरूर कुछ न कुछ अच्‍छा होगा, ऐसा मेरा विश्‍वास है।

कोई भी देश आत्‍मसम्‍मान के बिना आगे बढ़ ही नहीं सकता है। आत्‍मगौरव के बिना आगे नहीं बढ़ सकता है। और जब छोटे-छोटे recognisation मिलते जाते हैं recognise होते जाते हैं तो इसका total बढ़ता जाता है जो ये ultimately हर पीढ़ी को प्रेरणा देता है। जैसे हमारे वैज्ञानिकों ने मंगलयान में सफलता प्राप्‍त की। दुनिया में हम पहले देश बने जिन्‍होंने orbit में पहले ही प्रयास में सफलता प्राप्‍त की। हम पहले देश बने हैं। अब ये कोई प्रधानमंत्री ने काम नहीं किया है, और न ही मंत्रिपरिषद के लोगों ने किया है। किया है वैज्ञानिकों ने। लेकिन सीना सारे हिंदुस्‍तानियों का तन जाता है, गर्व हो जाता है। सारी दुनिया को स्‍वीकार करना पड़ रहा है कि अच्‍छा भाई....जिस प्रकार से हम लोगों ने ये Mars में सफलता पाई है....!

अगर आप हैदराबाद में ऑटो रिक्‍शा में जाएं, एक किलोमीटर, तो कम से कम 10-12 रुपया लगता होगा। हम लोगों का Mars पर जाने का खर्चा एक किलोमीटर का 7 रुपये आया है। यानी हॉलीवुड की फिल्‍म से भी कम खर्चें में ये Mars Mission हमारा सफल हुआ है। ये घटना स्‍वाभिमान में जोड़ती है।

वैसे ही हमारा एक खिलाड़ी विजय प्राप्‍त करता है, तो वो तो वहां एक कोने में होता है, पसीना पौंछ रहा है, उसे तो मालूम ही नहीं है कि दुनिया क्‍या देख रही है। लेकिन अभी तो आपका पसीना शरीर से सूखा नहीं है, और पूरे हिंदुस्‍तान में एकदम से गर्व महसूस होता है। सबको आनंद होता है, वाह, चलिए, कुछ कर दिखाया। इसका Electrified Effect होता है इन चीजों का और ऐसी चीजें जब निरंतर बनती है, तो हर पीढ़ी के लोग प्रेरणा का कारण बन जाते हैं। इसलिए हमारे लिए आप लोगों की सफलता सिर्फ व्‍यक्तिगत सफलता का मुद्दा नहीं है। ये हर भारतवासी के हृदय में आत्‍मगौरव पैदा करता है, आपका प्रयास सम्‍मान पैदा करता है। उस पर जितनी आपने मेहनत की, पसीना आपने बहाया, सुबह नींद खराब करके आप मैदान में चले गए, लेकिन कूदते वो लोग हैं, और वही आपकी सफलता है। ये पूरा हिंदुस्‍तान इस बात को लेकर के खड़ा हो जाता है, आपकी सफलता के लिए उसको आनंद होता है। यही सबसे बड़ा Achievement होता है।

मैं जानता हूं, कितनी कठिनाइयों से निकलना पड़ता है। दुनिया के और देश जब आते हैं, उनकी एक-एक चीज जब आप देखते होंगे तो आपको लगता होगा कि देखिए, इनके पास तो ये चीज ऐसी है, मेरे पास कैसी है। हम सामान्‍य साधनों से आज जा रहे हैं। ये मुझे विश्‍वास है, इन चीजों में जरूर बदलाव आएगा, professionalism आएगा।

एक अच्‍छा प्रारंभ यह हुआ है कि हमारा जो corporate world है, ये भी अपने-आप को किसी sports के साथ identify करने लगे हैं। आने वाले दिनों में इसका बहुत बड़ा लाभ होने वाला है, क्‍योंकि इस प्रकार का एक Public-Private Partnership Model develop होता है। तो Sportsman की भी गरिमा बढ़ती है। उसको कभी अपनी निजी आर्थिक जीवन की चिंता नहीं रहती है। उसके लिए भी सुविधा रहती है। तो मेरी कोशिश ये है कि Sports में हम खिलाडि़यों को जितनी सहायता कर सकते हैं, करें। जितना प्रोत्‍साहन दे सकते हैं, दें। Expertise के लिए जो भी बन पड़ता है, करें। ऐसा तो नहीं है कि भारत के लोगों में कोई क्षमता नहीं है। अगर मौका मिले तो भारत के लोग भी अपना पराक्रम जरूर दिखा सकते हैं।

मैं देख रहा हूं कि इन दिनों, पहले के समय में थोड़ा कम खाते थे, मगर इन दिनों Sports के field के लोग भी, उनकी हर गतिविधि समाज के लिए प्रेरक बनती जा रही है। यह अच्‍छी स्थिति है। अभी मैरी कॉम ने सफाई का काम किया। मैं देख रहा था न्‍यूज में मोदी सफाई कर रहा था, उससे ज्‍यादा, मैरी कॉम सफाई कर रही थी, इसका असर ज्‍यादा था। उसने और नौ लोगों को बोला कि नहीं, आप भी करिये। मैं देख रहा था, सचिन तेंदुलकर भी इन दिनों करीब करीब रोज जाते हैं सफाई करने के लिए सुबह। एक माहौल बनाने में आपको जो स्‍थान मिला है, वह समाज जीवन में कितनी मदद करता है।

मैं हमारे HRD Ministry को कहने वाला हूं कि हमारे जो खिलाड़ी विजयी हो के जाते हैं, और जिनको थोड़ा स्‍वभाव भी बोलने का बातचीत करने का होता है, सबका नहीं होता है, ऐसे लोगों को University ले जाना चाहिए। University में उनके talks, students के साथ होने चाहिए। इससे बहुत फायदा होता है। जब एक खिलाड़ी अपनी कथा खुद students के साथ share करता है। बच्‍चों के मुंह में इतने सवाल होते हैं। आप ये कैसे करते थे, आपके माता जी-पिता जी डांटते तो नहीं थे ना, आपको sufficient time मिलता था ? पढ़ाई में क्‍या होता था। Home-work नहीं करते थे तो क्‍या होता था? सब पूछते हैं बच्‍चे।

मैं समझता हूं, ये बात कोई राजनेता करने जाए तो यह उनके गले नहीं उतरेगी, लेकिन एक खिलाड़ी खुद जो Success है, वो जाता है तो उसके मन को बहुत छू जाता है और हम भी तय करे हां, वैसे Sports वालों का schedule भी इतना tight रहता है, कि शायद, साल में 20-25 Week तो वो बाहर ही जाते होंगे। एक position पर पहुंच के, उनका तो ऐसे ही रहता है। लेकिन फिर भी जब समय मिले, सीधी बातचीत, अगर ये माहौल बनाएंगे तो उसका फायदा होगा।

Sports में जिसमें हम लोग आगे काम करना चाहते हैं। आखिरकार Sportsman का Career का समय काफी कम होता है। Age हो जाती है, Physically भी उसका, उतना संभव नहीं होता है। एक सीमित कार्यकाल तक...। हमारे जैसा Field नहीं है आपका, हमारे यहां 90 साल तक भी गाड़ी चलती है। आप लोगों का एक सीमित समय तक होता है। लेकिन Sports Related Activity आज बहुत बढ़ गई है। खिलाड़ी को उसके साथ एक और expertise खेल की ही लानी चाहिए। आने वाले दिनों में, आपने देखा होगा, कि क्रिकेट में कई खिलाड़ी ऐसे थे, खेलकूद से निकले तो वे Statistics पर, कुछ लोग चले गए Special Commentator में रूप में। कोई अच्‍छी भाषा develop किया, तो commentator ही बन गए। कुछ तो अंपायर बन गए। लेकिन बाद में भी कई areas होते है, उनकी भी Institution चलती हैं।

अभी सानिया से मेरा मिलना हुआ था, बहुत अच्‍छी Institution खड़ी की है। ऐसी चीजें, जब आप मैदान से बाहर निकलें, तब भी खेल जगत का एक बहुत बड़ा विश्‍व है, जो पूरा एक आपका आर्थिक जीवन उस पर आगे बढ़ सकता है। उसको भी हमको वैज्ञानिक तरीके से develop करना है ताकि कभी Sportsman की नौकरी-वौकरी तलाशने की जरूरत ना पड़े, क्‍योंकि स्‍वयं उसकी expertise बन जाती है, expertise की requirement रहती है। लोग even आज अच्‍छे ढंग के मैदान बनाना है, इसके लिए भी expertise हो गई। तो ये जितने हमारे यहां Institutional work खड़ा हुआ, तो खिलाडि़यों के लिए इसके बाद भी एक बहुत बड़ी Career की बड़ी संभावना है sports university के माध्‍यम से हम इसको बढ़ाना चाहते हैं। Sports University के माध्‍यम से Academic Field का भी बहुत बड़ा काम खड़ा होगा। Teaching का ये, लगता है कि चलिये मैं Teaching करके भी Sports को बढ़ावा दे सकता है, Sports universities में उसके लिए भी अवसर रहेगा।

जब तक हम पूरे जीवन की chain नहीं बनाते हैं, खिलाड़ी को एक Career के रूप में भी अवसर नहीं मिलेगी। तो इस प्रकार की दिशा में भी मैं काम कर रहा हूं। लेकिन आप लोगों के सुझाव उसमें ज्‍यादा काम आएंगे। एक तो आपको Global Exposure हुआ है। आप दुनिया के खिलाड़ियों से बातें करते हो, दुनिया के खेल जगत के environment को जानते हो, वहां के experts से आपका dialogue होता है, वहां की कठिनाइयों का आपको पता है। इतना ज्‍यादा आप लोगों का involvement होगा, शायद हम इस चीज में बहुत ही अच्‍छा कर पाएंगे।

खिलाड़ी की discipline, खेल में विजय जितना गौरव दिलाता है, लेकिन एकाध छोटी सी गलती, दुनियाभर में देश का नाम बदनाम कर देती है। हमारे देश का तो दुर्भाग्‍य ये है कि 15 लोग Gold Medal लाए तो उसकी खबर 8वें नंबर पे होती है, लेकिन अगर किसी खिलाड़ी ने गलती कर दी तो वह नंबर ब्रेकिंग न्‍यूज हो जाती है और खेल का मौसम हो, सब हो लेकिन, वैसे ही कोई मामूली राजनेता उटपटांग बोल दे तो Headline News होता है और जो बेचारा 15 साल से पसीना बहा करके Gold Medal लाया है, उसका News 11 नंबर पर चला जाता है। तो ये हमारे देश की कुछ कठिनाइयां हैं। किस समय, किस बात को बल देना चाहिए, उन कठिनाइयों से गुजरना है। हम लोग तो आदी हो गए हैं, क्‍योंकि हमारा रोज का कारोबार है, ऐसी कठिनाइयों का। आप लोगों के लिए ज्‍यादा दिक्‍कत होती है।

लेकिन आप लोगों ने देश का गौरव बढ़ाया है, आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। और मैं, आपका एक मित्र हूं, आपका एक साथी हूं। आप खुले मन से मुझे अपनी बात बताते रहें। मुझे लिख सकते हैं, हक से लिख सकते हैं। क्‍योंकि जितना काम एक राजनेता करता है, खिलाड़ी उससे कम नहीं करता है।

मेरी तरफ से भारत का सम्‍मान बढ़ाने के लिए आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं। कभी आप अलग से भी मिलना चाहें तो मेरे यहां समय मांग सकते हैं। मैं समय जरूर दूंगा। क्‍योंकि मुझे इस क्षेत्र में कुछ न कुछ हो, यह मेरी इच्‍छा है। लेकिन मैं जितना सोचूंगा, उतना आप लोग अनुभवी होने के कारण ज्‍यादा अच्‍छा सुझाव दे सकते हैं।

फिर एक बार आप सबको बहुत-बहुत बधाई।

Congratulations

Thank You, Thanks.

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PM Modi to inaugurate Ashtalakshmi Mahotsav on 6th December
December 05, 2024
Mahotsav will highlight vast cultural tapestry of Northeast India, bringing together an array of traditional arts, crafts, and cultural practices
The Festival will promote economic opportunities in traditional handicrafts, handlooms, agricultural products, and tourism

In line with his commitment to showcase the cultural vibrancy of Northeast India, Prime Minister Shri Narendra Modi will inaugurate Ashtalakshmi Mahotsav on 6th December at around 3 PM at Bharat Mandapam, New Delhi.

The three-day cultural festival, being celebrated for the first time, will be held from 6th to 8th December. It will highlight the vast cultural tapestry of Northeast India, bringing together an array of traditional arts, crafts, and cultural practices.

To promote economic opportunities in areas such as traditional handicrafts, handlooms, agricultural products, and tourism, the Mahotsav will feature a variety of events. The festival will have artisan exhibitions, Grameen haats, state specific pavilions and technical sessions on key areas crucial to the development of the northeastern region. Key events will include Investors Roundtable and buyer-seller meets designed to be a unique opportunity to build and strengthen networks, partnerships, and joint initiatives boosting economic growth of the region.

The Mahotsav will have Design conclave and Fashion shows displaying the rich handloom and handicraft traditions of Northeast India at the national stage. Highlighting the region's rich cultural heritage, the festival will also showcase vibrant musical performances and indigenous cuisines of Northeast India.