Excerpts of Shri Narendra Modi’s interview to Aaj Tak:
सात चरण मतदान हो चुके हैं. लेकिन क्या मोदी इन उलझनों से पार पाएंगे? आरोपों पर वह क्या सोचते हैं? विरोधियों पर तंज के बीच वह प्रियंका वाड्रा के नाम पर सॉफ्ट क्यों हो जाते हैं? अगर बीजेपी की सरकार बनती है तो पहले 100 दिन में मोदी क्या कुछ करेंगे, क्या होगी उनकी नीतियां और कैसा होगा उनका मंत्रिमंडल. यह और ऐसे ही कई सवालों पर नरेंद्र मोदी ने आज तक को दिए अपने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बेबाक राय रखी. चुनावी मौसम में मोदी के इस 'सबसे सॉलिड इंटरव्यू' में मोदी ने क्या कुछ कहा, हर एक शब्द, पढिए उन्हीं के शब्दों में...
मोदी: एक साल तो क्या, सिर्फ 4-5 महीने का खेल है. देखिए भाई, मैं मजदूर हूं, बचपन से मजदूरी की है. जो भी काम मिलता है, मजदूर की तरह करता हूं. दिल और दिमाग से भी करता हूं और पार्टी ने काम दिया, तो मेरा मत रहता है कि उसमें कोई ढीलापन न हो. कोताही नहीं बरतनी चाहिए और परमात्मा ने मुझे जितना समय दिया है, जितनी शक्ति दी है, क्षमता दी है, उसका भरपूर उपयोग उस जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए करना चाहिए. ईश्वर की कृपा रही, कोई व्यवधान नहीं आया.
अब तक एक भी कार्यक्रम कैंसल नहीं हुआ है. एक दिन थोड़ा एविएशन वालों की प्रॉब्लम के कारण हेलीकॉप्टर को रोक दिया गया था 2 घंटे. हालांकि फिर भी मैं समय पर पहुंचा हूं. वेस्टर्न मीडिया ने मेरे इलेक्शन कैम्पेन को लेकर जो अलग-अलग बातें लिखी, उसमें एक बात ये भी लिखी कि हिंदुस्तान में राजनीतिक दलों की जनसभा 2-2, 4-4 घंटे देर से चलती है. लेकिन तुलना की जाए, तो मोदी की उतनी लेट नहीं चलती है. ऐसा उन्होंने लिखा है.
शक्ति तो शायद लोगों के आशीर्वाद से आती होगी, देश की पीड़ा के कारण भी दौड़ने का मन करता होगा. हो सकता है कि कमिटमेंट नाम की चीज भी होती है जिंदगी में, जो आदमी को दौड़ाती है.
योग-प्राणायाम पर बोले मोदी...
वो मेरी रुटीन लाइफ है. वो आज से नहीं है. बचपन में हम आरएसएस में जाते थे. वहीं से ट्रेनिंग हुई. बाद में जीवन भी उस दिशा में ले जाने का मेरा प्रयास था, तो मेरे जीवन का वो हिस्सा है. लेकिन इन दिनों काफी डिस्टर्ब्ड है. इन दिनों मैं योग के लिए इतना टाइम नहीं दे पा रहा हूं. लेकिन वैसे मैं कह सकता हूं कि 365 दिन योग करता हूं.
मुकदमों पर मोदी
मैं नहीं मानता हूं कि वो स्टेज आया है. अभी तो उन्होंने सूचना दी है. कानून अपना काम करेगा. हमारी जो लीगल टीम होगी, वो उसका काम करेगी, लेकिन मुझे इस बात का हमेशा गर्व रहा है कि इतने लंबे समये से सार्वजनिक जीवन में हूं. कभी भी मेरे जीवन में न कभी स्कूटर पार्किंग का केस हुआ है, न कभी रॉन्ग साइड गाड़ी चलाने का केस हुआ है. अब पता नहीं ये कैसे हो गया है. वकील लोग अध्ययन करेंगे.
150 मीटर के बाहर वाले मुद्दे पर
मुझे मालूम नहीं है. गुजरात पुलिस ने तो अभी इन्क्वायरी अभी-अभी दी है. वो कैसे करेंगे, इन्क्वायरी करने के बाद जो रिपोर्ट देंगे, वो इलेक्शन कमीशन को देंगे. मीडिया को वो देने का कारण नहीं बनता है और मुझे तो पता होने का भी कारण नहीं बनता है.
पुलिस स्टेशन के अंदर बयान
मैं इन चीजों में बहुत आलोचना और समय बर्बाद नहीं करता हूं. इसलिए नहीं करता हूं कि मैं पिछले 12-14 साल से ऐसी ही गलत चीजों को झेलता आया हूं. वो दो, चार, दस और भी हो जाएंगे होती रहती हैं, क्या करेंगे.
7 फेज के बाद 7 रेस कोर्स से कितने दूर?
इस चुनाव का मैं बहुत बारीकी से अध्ययन करता हूं. कैम्पेन तो करता हूं, लेकिन मैं एक पॉलिटिकल साइंस का स्टूडेंट रहा हूं. चुनाव जब घोषित हुआ, उसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने मैदान छोड़ना शुरू किया. जनता तो बाद में मैदान में आई. उनको लग गया था कि भागो, पहली बार हिन्दुस्तान की राजनीति में प्री पोल एलायंस 25 पार्टियों के साथ हुआ है. वो पहली बार बीजेपी के साथ हुआ है, तो ये एक तरफ पॉजिटिव प्रवाह.
दूसरी तरफ कांग्रेसी चुनाव न लड़ने वालों, निगेटिव प्रवाह. उसी से बिगिनिंग में, बहुत बिगिनिंग में संकेत मिल गया था कि चुनाव लड़ने का कांग्रेस का हौसला ही नहीं है. जीतने का तो सवाल ही नहीं, लड़ने का ही मूड नहीं है, ऐसा लगता था. खैर बाद में उनके लिए अब सरकार बचाने का वो एजेंडा नहीं है, कम से कम 100 के आंकड़े तक पार करें, उस दिशा में वो अपनी मेहनत कर रहे हैं. लेकिन लग नहीं रहा है कि कांग्रेस पार्टी डबल डिजिट को क्रॉस कर पाएगी. ऐसे कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं.
भारतीय जनता पार्टी की चुनावी रणनीति गुड गवर्नेंस, डवलपमेंट, सुराज, विकास- ये मुद्दे लोगों के गले उतर रहे हैं. लोगों को लगता है कि बहुत हो चुका, अब कोई करने वाली बात तो बताएं कि मैं ये करना चाहता हूं. ऐसा करना चाहता हूं और जनता को उस पर भरोसा हुआ है और इसलिए मुझे लगता है कि पिछले 20-25 साल में शायद सबसे अच्छी, स्थिर, मजबूत सरकार देश की जनता देश को देगी.
खुद के भावी पीएम होने के बारे में
देखिए, भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है और देश की जनता ने मोहर लगाना शुरू कर दिया है, लेकिन जिस शब्दों में आप चाहते हैं उन शब्दों में मैं जवाब नहीं दे सकता हूं, क्योंकि मुझे भी 16 मई तक का इंतजार करना चाहिए और 16 मई को दूसरी बार मौका दूंगा आपको.
क्या है मोदी का रोड मैप...
भारतीय जनता पार्टी के पास बहुत क्लियर कट रोड मैप है. उसके साथ-साथ हमारे पास हमार ट्रैक रेकॉर्ड भी है. देखिए, हिन्दुस्तान में और मैं चाहूंगा कभी इन विषयों पर देश में डिबेट हो, भारत ने कांग्रेस सेटअप गवर्नेंस देखा है, भारत ने रिजनल पॉलिटिकल पार्टी सेटअप गर्वनेंस और पॉलिटिकल एक्टिविटी देखी है। पारिवारिक पार्टियों का भी काम देश ने देखा है. आज हिन्दुस्तान में किसी न किसी राज्य में, किसी न किसी का मॉडल काम कर रहा है. कहीं कम्यूनिटी का कर रहा है, कहीं प्रादेशिक पक्षों का कर रहा है, कहीं कांग्रेस का कर रहा है, कहीं लेफ्टिस्ट का कर रहा है, कहीं बीजेपी का कर रहा है. 5 साल में आपने 12,15,20,25 पारामीटर्स निकाले हैं कि भाई इस पारामीटर में ये सरकार क्या करती है, तो देश को ध्यान में आएगा कि बीजेपी रूल्ड स्टेट जहां भी हैं, वहां पर बहुत ही फोकस एक्टिविटी डवलपमेंट होता रहता है.
अब देखिए, दिग्विजय सिंह जी को इतना लम्बा समय मध्य प्रदेश में राज करने का अवसर मिला, लेकिन वो बीमार राज्य रहा. शिवराज सिंह 'चौहान' ने इतने कम समय में बीमार राज्य को बाहर निकाल दिया और ये बड़ी कड़ी मेहनत लगती है. छत्तीसगढ़ नया राज्य बना, एक प्रकार से माओवाद से प्रभावित, ट्राइबल बेल्ट लेकिन आज छोटे राज्यों में द बेस्ट फाइनेंशियल डिसिप्लीन, ये छत्तीसगढ़ में नजर आती है. यानी मॉडल अगर देखें, तो भारतीय जनता पार्टी का एक ट्रैक रेकॉर्ड है, गुड गवर्नेंस का, डवलपमेंट का.
दूसरा अटल जी की सरकार का एनडीए का टाइम देखिए। 2002 तक देश में एक मूड था कि चलो यार देश चल पड़ा, 21 वी सदी अब हमारी हो गई। ये मूड अटल जी की सरकार ने एनडीए के समय दिया था और इसलिए भारतीय जनता पार्टी का ट्रैक रेकॉर्ड है कि हमारा विजन बहुत क्लियर होता है। हमारी नीतियां स्पष्ट हैं और हमारी नीयत साफ है। भारतीय जनता पार्टी का मेनिफेस्टो देखेंगे तो आप आराम से कह सकते हैं कि ये सरकार ऐसी चलेगी, इतनी क्लियरिटी के साथ और मैं बाय लार्ज मीडिया का आभारी हूं कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के मेनिफेस्टो का बहुत ही पॉजिटिव विश्लेषण किया है। रियली वरना हम लोगों को ऐसा सौभाग्य कहां मिलता है.
महंगाई, खराब मानसून उसके लिए क्या?
मैं हैरान हूं, आप इतनी निराशा में क्यों जी रहे हो भाई. ये बात सही है जो 10 साल इतने बुरे देखे हैं तो आशा की ओर जाने में देर लगती होगी. गुजरात हमारा 10 साल से 7 साल अकाल वाला राज्य रहा है. लेकिन 2001 से 2014 तक अकाल का नामो-निशान नहीं है. तो मेरे पर तो भगवान की इतनी कृपा रहती है, ईश्वर सदा सर्वदा मेरे साथ रहता है और भारत के लोग जब अच्छा करते हैं तो ईश्वर की कृपा भारत के लोगों पर रहती है. मैं तो भगवान से प्रार्थना करूं और सभी देशवासी करें कि मानसून अच्छा हो, बुरा क्यों सोचें.
समाधान नहीं सुझाने के मसले पर
मैं देता हूं समाधान. अगर हमें भ्रष्टाचार से लड़ना है तो स्टेट पॉलिसी ड्राइवेन होना चाहिए. नीतियों के आधार पर देश चलना चाहिए. सरकार अपनी पॉलिसी बनाए, जो बनानी है बनाए, उसको प्लस-माइनस प्वॉइंट हो सकते हैं, लेकिन निर्णय उसी पॉलिसी के लाइट में होना चाहिए. आज देश का दुर्भाग्य है कि डिस्क्रीमिनेशन के लिए बहुत स्कोप है और उसको धारण करूं न करूं उस ऑफिस का या उस मिनिस्ट्री के हाथ में रहता है और ब्लैक एंड व्हाईट में नीती है. लोग इंटरनेट पर भी पढ़कर तय कर सकते हैं कि यहां मुझे एंट्री नहीं मिलेगी, यहां नहीं मिलेगी. तो फिर आदमी करप्शन पर नहीं जाता है.
दूसरा, एक छोटा विषय बताऊं। अब देखिए हर नौजवान को रोजगार चाहिए, बेचारा रोजगार के लिए तरसता है। वो लिखित एग्जा्म में पास हो जाता है, रिटन टेस्ट में पास हो जाता है। फिर इंटरव्यू कॉल आता है और इंटरव्यू कॉल में उसे इस बात की चिंता नहीं होती है कि इंटरव्यू में पास हो जाऊंगा या नहीं हो पाऊंगा। उसको चिंता ये रहती है कि यार काई सिफारिश ढूंढ लो, कोई दलाल ढूंढ लो ताकि इंटरव्यू में निकल जाऊं। क्या इस देश में सचमुच में ये इंटरव्यू के माध्यम से इन गरीब, मध्यम वर्गीय परिवारों का लाखों रुपया तबाह होता है या नहीं होता है। करप्श्न होता है या नहीं होता है.
हमने गुजरात में एक प्रयोग किया। 13000 टीचर्स की भर्ती करनी थी मुझे, मैंने सबको कहा कि ऑनलाइन मेरा फॉर्म है आप उसे भर दीजिए। उसमें अपना एकेडमिक करियर, ड्यूटी करियर का और हर एक का मार्क दिया हमने। आप 10 में से 5 रखिए। 10 में से 3 रखिए और आप खुद अपना भर दीजिए तो ये है। उन्होंने भर दिए। कम्यूटर सॉफ्टवेयर ने कम्यूटर को पूछ लिया कि बताओ भाई ये जो एप्लिकेशन आई होगी 40 हजार, 50 हजार, लाख, 2 लाख उसमें से 1300 टॉप कौन हो सकते हैं। कम्यूटर ने निकाल दिया। कोई ह्यूमन इंटरव्यू नहीं। सीधा-सीधा 1,300 लोगों को कॉल चला गया नौकरी का। अनके विधवा औरतों, बच्चों को नौकरी का ऑर्डर आ गया। कोई करप्शन नहीं हुआ.
करप्शन रोका जा सकता है. गुजरात और महाराष्ट्र के बीच करप्शन रोकने में दूसरा महत्व का लाभ है टेक्नोलॉजी का. टेक्नोलॉजी से करप्शन को बहुत हद तक रोका जा सकता है. जैसे मेरे यहां हमें मालूम है कि भारत सरकार को आखिर-आखिर में पर्यावरण मंत्री को बदलना पड़ा और लोग कहते हैं कि जब तक जयंती टैक्स नहीं देते थे तब तक फाइल आगे नहीं बढ़ती थी और मंत्री के जाने के बाद कहते हैं कि 200 से ज्यादा फाइल साइन की हुई कपबोर्ड से मिली. ऐसा कहते हैं, मैं सच-झूठ नहीं जानता. आप ही के माध्यम से सुना है. आप ही मतलब नॉट पार्टिकुलर टू पर्सन, मीडिया के. तो पर्यावरण मंत्रालय फाइल को क्लियर नहीं करती कि उनको हरी भरी दुनिया चाहिए. गांधी वाली तस्वीर चाहिए.
हमने गुजरात में क्या किया, पर्यावरण क्लियरेंस के लिए जो भी फाइल आती है सीधे ऑनलाइन जाती है. आप घर बैठ कर देख सकते हैं कि आपकी फाइल कहां ट्रेवल कर रही है. कहीं रूकी है तो आपको पता होगा कि यहां क्यों रूकी है. कोई भी आवाज उठा सकता है. ट्रांसपैरेंट थ्रू टेक्नोलॉजी.
मेरे यहां गुजरात और महाराष्ट्र में 2 चेक पोस्ट हैं. जो गाड़ी गुजरात से महाराष्ट्र आती है, वहीं गाड़ी चेक पोस्ट पर गुजरात भी आती है. जितना टैक्स हम लेते हैं, उतना ही टैक्स महाराष्ट्र भी लेता है. लेकिन मेरे यहां 700 करोड़ रुपये का इनकम ज्यादा है, क्यों? क्योंकि मेरे यहां टेक्नोलॉजी इंटरवेंशन है. टेक्नोलॉजी से हर चीज का पता चलता है. सेंट्रली मॉनिटर हो सकता है. तो मेरे यहां करप्शन कम होता है. दूसरा पॉलिटिकल विल पावर चाहिए. पॉलिटिकल विल पावर चाहिए और अगर विल पॉवर है तो कोई प्रॉब्लम नहीं है.
विदेशी बैंक अकाउंट के सवाल पर...
मैं मीडिया के मित्रों को कहता हूं, अगर आप कांग्रेस का पोर्टफोलियो लेकर आपके चैनल चलाते हैं तो मुझे कहना नहीं है। लेकिन आप सचमुच में दावा करते हैं कि आप न्यूट्रल मीडिया हैं तो आप का भी जिम्मा बनता है कि आप कांग्रेस ने जो कहा है उसमें सच्चाई देखो तो जिस बाबू बोघरिया की बात करते हो, कोर्ट ने स्टे दिया है। क्या आप कोर्ट को नहीं मानोगे क्या? और जिस पुरुषोत्तम सोलंकी की बात करते हैं, उन पर कोई केस नहीं है। अब क्या हर बार हमें सारी दुनिया में अपने घर-घर जाकर चीखना पड़ेगा क्या और आप कांग्रेस की गन लेकर घूमते रहना, यही आपका काम है क्या? अरे इसलिए बोला, उसने बोला, ठीक है वो अपना काम बिचारे क्या करेंगे। उनको तो कोई रास्ता है नहीं, कम से कम आप, आप अपने सवालों को लेकर मत घूमो.
आप अभी भी इस इंटरव्यू के बाद स्पेशल विषय के बारे में एक घंटा कार्यक्रम करो न. खोजो क्या हुआ, किसने किया. कब किया देखो और जो लोग ये पूछते हैं उनके जितने मंत्री जेल में हैं वो कितने केस चल रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट को ढूंढना पड़ा कि काले धन की जो सूची मिली हुई है विदेशी बैंक के अकाउंट असल से सूची सुप्रीम कोर्ट को नहीं दे रहे थे. और अब परसों जाकर 18 लोगों के नाम दिए हैं उन्होंने. 3 साल उन्होंने 3 साल रोके रखा कि नहीं मुद्दा ये है. आप सुप्रीम कोर्ट कि परवाह नहीं करते, यानी करप्शन को आप टेकेन फॉर ग्रांटेड मानते हो आपका कैरेक्टर का हिस्सा बना दिया है और इसी के कारण देश की दुर्दशा है.
काला धन वापस लाऊंगा
नहीं-नहीं, सवाल मुद्दा रामदेव और नो रामदेव का है ही नहीं. लाल कृष्ण आडवाणी ने काले धन के खिलाफ पूरे देश में बड़ी यात्रा की. इस उम्र में इतना परिश्रम किया. भारतीय जनता पार्टी पहले दिन से काले धन के खिलाफ आवाज उठा रही है. हमने हमारे चुनाव मेनिफेस्टो में कहा है और हम इस विषय में कमिटेड हैं. कहने का तात्पर्य ये है कि सुप्रीम कोर्ट के कहने के बाद भी 3 साल तक जिन्होंने एक्शन नहीं लिया है उनको हम पर उंगली उठाने का कोई अधिकार नहीं है। मैं कहता हूं न भाई, कानून कानून का काम करता है, सरकार सरकार का काम करती है.
देश का सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी रॉबर्ट वाड्रा है?
मैंने ऐसा कभी नहीं कहा। मेरे मुंह से ऐसे शब्द डालने की जरूरत नहीं है। भ्रष्टाचार छोटा या बड़ा मेरा विषय नहीं है। भ्रष्टाचार पाप है, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़नी है, भ्रष्टाचार के साथ मैं किसी व्यक्ति को नहीं जोड़ता हूं। मैं मानता हूं कि भ्रष्टाचार देश को अंदर से खोखला कर रहा है। सैद्धांतिक रूप से हमें चर्चा करनी चाहिए, क्या भ्रष्टाचार देश में चलना चाहिए? क्या देश में बेईमानी चलनी चाहिए? मेरा विरोध इस बात का है।
नरेंद्र मोदी ने बार-बार कहा है... औरों की बात छोड़ दो, नरेंद्र मोदी की चर्चा करो. क्या नरेंद्र मोदी पर कोई गैर-कानूनी कार्यवाही करने के आरोप लगे हैं, उसको चालू रखना चाहिए या बंद करना चाहिए. मेरा कहना है, चालू रखना चाहिए, सारी जांच होनी चाहिए और नरेंद्र मोदी को वो सारी प्रक्रिया से गुजरना चाहिए. मैं नरेंद्र मोदी बोलता हूं, नरेंद्र मोदी कानून से ऊपर नहीं हो सकता है, प्रधानमंत्री बन जाएं तो भी नहीं हो सकता है.
स्नूपगेट पर मोदी
चलिए अच्छा लगा... आपको तो ध्यान में है कि फंसाने के लिए घेर रहे हैं. अरे छोडि़ए, क्या इनको क्या आप नहीं जानते हो. इन मुश्किल बेचारों की. मरता क्या नही करता.
वाड्रा का जवाब अडाणी?
पहली बात है, आप एक काम करेंगे. क्रांतिकारी काम 'आज तक क्रांतिकारी चैनल है' करोगे. पूरा डिटेल्ड पावर प्वॉइन्ट प्रजेंटेशन रेडी है, रिक्वेस्ट है कि आप आज तक चैनल पर दिखाओ. बराबर, तो आपको इन सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे.
दूसरा, गुजरात सरकार ने जमीनों के संबंध में जो निर्णय दिए हैं, इस देश की सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि गुजरात बीजेपी सरकार ने जमीनों के संबंध में जिस पॉलिसी को अपनाया है, देश के सभी राज्यों को अपनाना चाहिए. ये अनाप-शनाप आरोप लगाते हैं. बिना समझे-सोचे या राजनैतिक कारणों से। अभी-अभी एक हफ्ते पहले नैनो को लेकर गुजरात हाई कोर्ट का 100 फीसदी पॉजिटिव जजमेंट गुजरात सरकार के पक्ष में आया है. लेकिन न्यूज ट्रेडर के लिए ये न्यूज नहीं है. इसलिए उसे कोई दिखाता नहीं है. बताता नहीं है.
पर्सनल अटैक पर मोदी...
मैं-मैं मानता हूं आप लोग बहुत सिम्पलीफाइ कर रहे हो. पिछले 12 साल से लगातार मुझ पर व्यक्तिगत हमले हुए हैं. लगातार हुए हैं. अब ये उस चरण पे पहुंचे हैं कि अब उनको जरा गालियां देने के लिए शक्तियां जोड़नी पड़ रही हैं और ताकत लगानी पड़ रही है, क्योंकि डिक्शनरी में करीब-करीब सभी गालियां खाली हो गई हैं. तो अब उनकी मुसीबत है तो उनको रास्ते तो खोजने पड़ेंगे ही. उनको इतना तो करने का हक बनता है. बनता है कि नहीं.
प्रियंका पर नरम क्यों?
राजनीति में जो है, जो राजनीतिक दृष्टि से हमारे साथ स्पर्धा में है कोई परिवार वालों... थोड़ा... ये शोभा नहीं देता है. मेरे परिवार को गालियां दे रहे हैं, ये उनकी मर्जी है. लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता हूं. मैं ऐसा नहीं कर सकता हूं. प्रत्यक्ष राजनीति में हैं, हमें आवश्यक बात करनी चाहिए.
न ... न मेरा डिलेड हुआ है. मैं अब भी भाषण करके, आज के ही भाषण निकाल दो, आपका कैमरा वहां होगा। गुड गवर्नेंस, डवलपमेंट, किसान, नौजवान, यही मेरे विषय हैं.
मैं यही बोलता हूं और देश की जनता को मन करे वोट दें, न करे तो 60 साल बिगड़े हैं 5 साल और सही. लेकिन देश को ये फालतू राजनीति से बचाना होगा. देश को बचाना होगा आज मैंने कहा है कि उन्होंने करप्शन करते-करते हिन्दुस्तान की पहचान स्कैम इंडिया की बनाई है. मैं मेहनत करके हिन्दुस्तान की पहचान स्किल इंडिया की बनाऊंगा. और स्किल इंडिया की पहचान बनेगी तो चीन से मेरा देश पीछे नहीं रहेगा.
आप बच्चों जैसी बात करते हैं?
अभी भी चुप हूं.
डीडी वाले इंटरव्यू और संबंधित विवाद पर?
फिर... फिर क्या आपके पास उस इंटरव्यू का विजुअल है कि नहीं है. मुझे पूछने की क्या जरूरत है. दूध का दूध, पानी का पानी. अगर आप न्यूट्रल मीडिया हैं तो... आप न्यूज रीडर हैं तो विवाद आगे बढ़ाइए, आप मीडिया हैं... न्यूट्रल मीडिया. और आप तो खासकर के क्रांतिकारी मीडिया हैं. तो आपका इतना ही काम है जो एग्जेक्टली मोदी का इंटरव्यू है उसको दिखा दीजिए. बस... लोगों को तय करने दीजिए... मेरे जवाब की जरूरत ही नहीं पड़ेगी.
मेरी पार्टी का भरपूर प्रयास वही है. आप देखिए, मैं आधे घंटे से आपसे समय खपा रहा हूं... आप मुद्दों पर आने को तैयार नहीं हो. आप विवादों पर जाने को तैयार हो, क्यों... क्योंकि आपकी टीआरपी इसमें है और मैं कहीं फंसा तो आप कहेंगे कि मोदी को मुद्दों पर इंटरेस्ट नहीं है. मोदी को इसमें इंटरेस्ट नहीं है. तो आपकी रोजी-रोटी के लिए मुझे क्यों मरवा रहे हो भाई...?
पाकिस्तान पर मोदी
हम कभी भी मक्खन पर लकीर करने के स्वभाव के नहीं है. हम हमेशा पत्थर पर लकीर करने की ताकत रखते हैं.
यूपी में पोलराइजेशन?
अमित शाह पर जो भी आरोप लगे थे, इलेक्शन कमीशन ने मान लिया कि वो आरोप गलत थे और इलेक्शन कमीशन अमित शाह के पक्ष में अपना निर्णय दे दिया.
अल्पसंख्यकों में मोदी के नाम का डर?
पहले... पहले... पहले इस क्रांतिकारी चैनल का ज्ञानवर्धन मैं करना चाहता हूं. लोकतंत्र में एक व्यक्ति का भी सम्मान होना चाहिए. एक व्यक्ति का भी. यही तो लोकतंत्र है. लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है दूर-सुदूर कोने पर पड़ा हुआ इंसान उसकी आवाज भी सुनाई दे. उसका नाम लोकतंत्र होता है और इसलिए लोकतंत्र की व्याख्या जो ऐसे आप भ्रमित मत कीजिए. एक-एक छोटे से छोटे पुर्जा भी उसके लिए लोकतंत्र है ओर वही तो लोकतंत्र की ब्यूटी है भाई.
गिरिराज सिंह पर
वह कोर्ट का मामला है. वो कोर्ट मैटर है.
लालू प्रसाद यादव पर
वो जिन्होंने कहा, उनसे पूछो न. लालू जी को पूछो ना. आप कमाल आदमी हो यार. मैं मेरे एजेंडा पर बात करना चाहता हूं. चुनाव के मैदान में वो क्या कहते हैं, उसका जवाब दूं तो आप कहेंगे मोदी जी आप भी उस एजेंडा पर बात करते हैं. मैं मेरे एजेंडा पर बात करना चाहुं, आपकी टीआरपी के काम नहीं आता हूं तो मेरा समय क्यों बरबाद करते हो.
आर्मी चीफ के मामले पर
भारतीय जनता पार्टी की अटल जी के समय से नीति बड़ी स्पष्ट है और हम इस मत पे हैं कि भारत जैसा इतना बड़ा देश न हमने कभी आंख दिखाकर के जीना चाहिए. न ही किसी को आंख दिखाने के लिए एलॉ करना चाहिए. न ही इतने बड़े देश में वैश्विक संबंधों में आंख झुका करके जीना चाहिए और न ही किसी को आंख झुकाने के लिए मजबूर करना चाहिए. संबंध ऐसे होने चाहिए जो हम आंख मिलाकर के बात कर सके. अंतरराष्ट्रीय संबंध रेस्पॉन्स के आधार पर होते हैं. भारत का हित सर्वोपरि होता है.
सैयद अली शाह गिलानी पर
मैं हैरान हूं जी. मुझे बताइए, ये किसका नाम बोला आपने कश्मीर में.. हां ये क्लियर हो गया कि नहीं. हर प्रकार से जाने वालों ने कह दिया, मिलने वालों ने कह दिया, मैं कहीं नहीं हूं. हो गया कि नहीं हो गया. तो आप कब तक झूठ को चलाओगे आप बताओ?
दोनों ने कहा दिया कि वो भाई मेरे से नहीं गए हैं, न मुझे मिलवाए गए हैं, न मेरे से बात हुई है. दोनों ने क्लियर कर दिया, फिर भी मुझे अंदर घसीटने में कौन से टीआरपी का लॉजिक है... न मैं समझना चाहूंगा. देखिए, आप मोदी से बात कर रहे हो, समझ के चलो, मुझे समझाइए. ये क्लियर हो चुका है कि नहीं हो चुका है. मुझे बताइए. जो गया उसने कह दिया कि मैंने नहीं कहा है, न मैं इसके नाम से आया हूं. जिसको मिले वो बाद में चुप हो गए. विषय वहां पूरा होता है कि नहीं होता है. फिर मेरे तक एक्सटेंड क्यों करते जा रहे हो. जस्ट बिकॉज ऑफ योर टीआरपी.
यूएस वीजा पर
पहली बात है, अमेरिका का जो हिन्दुस्तान में इन्वेस्टमेंट है उसमें बहुत इन्वेस्टमेंट गुजरात में है. दूसरा, मेरा जो वाइब्रेंट गुजरात ग्लोब इन्वेस्टमेंट समिट होता है उसमें सर्वाधिक डेलिगेशन अमेरिकी बिजनेसमैन आते हैं. मेरे गुजरात के सर्वाधिक लोग अमेरिका में रहते हैं. अमेरिका की इकोनॉमी में, अमेरिका के हेल्थ सेक्टर में, अमेरिका की प्रोफेशनल एक्टिविटी में हिन्दुस्तानियों का बहुत बड़ा रोल है. गुजरातियों का भी बहुत बड़ा रोल है और इसलिए ये खटास भरे संबंध आप कहां से लाते हैं, मुझे नहीं पता. मैं मेरा काम कर रहा हूं, मेरे राज्य में आकर अमेरिका के लोग काम कर रहे हैं. मेरे राज्य में इन्वेस्ट कर रहे हैं और मैं मानता हूं कि मेरे देश की भलाई के लिए जो भी करना चाहिए वो मैं करता रहता हूं.
इन्वेस्टमेंट का रोड मैप क्या है?
बिल्कुल, गुजरात का मेरा एक्सपीरियंस कहता है मुझे उसका स्किल बढ़ाना है और कुछ नहीं करना है.
100 डेज का एजेंडा
देखिए, सरकार लोग 5 साल के लिए चुनते हैं. 100 दिन सिर्फ मीडिया के लिए होता है. देश के लिए 5 साल होते हैं.
नई टीम के साथ कैसे?
धरोहर वही है. धरोहर वही है. उसकी धरोहर पर शानदार, जानदार इमारत बनेगी.
क्या सरकार में शामिल होंगे?
ये सवाल आपके बहुत अच्छे हैं और आप काफी दीर्घदृष्टा लोग हैं, लेकिन 16 के बाद के हैं. दिल्ली आने का मन कब बनाया? ऐसा है... मैं कहीं जाने-आने का मन बनाता नहीं हूं. कभी बनाता नहीं हूं. मेरी पार्टी जो काम देती है, मैं करता हूं.
भारतीय जनता पार्टी एक बहुत ही सुगठित पार्टी है. लोकसभा, राज्यसभा में हमारा बहुत ही अच्छा परफॉर्मेंस रहा है. अटल जी की सरकार के समय में हमारे बहुत वरिष्ठ लोगों ने बहुत अच्छा रोल प्ले किया है. राज्यों में भी काफी अनुभवी क्षमतावान हमारे पास नेतृत्व है. गुड डेलिवर करने वाले, क्षमता वाले लोग हैं. और यही टीम है, जो ड्रीम भी करती है, डेलिवर भी करती है.
मैं कहता हूं 16 के बाद जो भी सवाल आप पूछना चाहें, इतनी जल्दी क्या है? अभी 16 पर फोकस कीजिए ना.
एलपीजी के मसले पर
मैं अभी कहता हूं, मैं... मैं... मैं अभी कहता हूं कि ये नई सरकार बनने के बाद के जो विषय हैं, हमारी नीतियां क्या रहेगी, वो हमने मेनिफेस्टो में कहा है. मैं चुनाव सभाओं में कह रहा हूं. अब आप ये कहेंगे कि ये रोड 10 किमी बनेगा या 20 किमी. अभी जवाब दो. मैं नहीं मानता हूं कि ये कोई, इस प्रकार का विषय आज कोई चर्चा कर सकता है.
खुशी-गम कैसे करते हैं शेयर
अरे भाई, मेरा... मैं अपने काम में डूबा रहता हूं. वही खुशी, वही गम... और क्या है?
प्रचारक या कोई दोस्त नहीं?
नहीं, नहीं...ये-ये क्या आप लोग एनालिसिस कर रहे हो जी. हम हजारों लोगों के बीच में 24 घंटे होते हैं जी. 24 घंटे हजारों लोगों के बीच में रहते हैं जी.
आडवाणी के नाम पर
वो ही आपका प्रॉब्लम जो है वह है. मैं क्या करूंगा. आप देख रहे हो, सब बढि़या चल रहा है.
बहुत-बहुत धन्यवाद भइया... क्रांतिकारी चैनल को...
भारतीय जनता पार्टी के मेनिफेस्टो में सरकार का एजेंडा कंप्लीट है भाई। ये आपके कमेंट सही नहीं हैं। सरकार का एजेंडा लिखित में ब्लैक एंड व्हाइट में है। एजेंडा इज वेरी क्लियर एंड वी आर नॉट कनफ्यूज्ड एट ऑल। आप गलत एनालिसिस कर रहे हैं। हां…
बहुत-बहुत धन्यवाद क्रांतिकारी लोगों का.
Courtesy: Aaj Tak
Courtesy: Aaj Tak