Hon. CM's speech at Zee Business' Best Market Analyst Awards

Published By : Admin | July 24, 2013 | 15:15 IST
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सामान्य रूप से ऐसे कार्यक्रम मुंबई में ही होते हैं, और इसके कारण इस प्रकार के कार्यक्रम को ऑर्गनाइज़ करने का भी मुम्बई का स्वभाव है और ऑडियंस को भी आदत होती है..! लेकिन मैं सुभाष जी का आभारी हूँ कि उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए गुजरात को चुना, अहमदाबाद को चुना..! अगर आप एक बार अहमदाबाद में सफल हो गए, तो फिर आपकी गाड़ी कहीं रूकती नहीं है..! हम अहमदाबियों की पहचान है, ‘सिंगल फेयर, डबल जर्नी’..! और ये आपका क्षेत्र ऐसा है जिसमें हर कोई अपने इन्वेस्टमेंट का कुछ ना कुछ रिवॉर्ड चाहता है और इसलिए रूपये की कीमत क्या होती है, रुपये का माहात्म्य क्या होता है, वो शायद अहमदाबादी से अधिक कोई नहीं जानता है..! और हमारे अहमदाबादियों के लिए इस प्रकार के काफी चुटकुले भी बने हुए हैं..! और उस शहर में फाइनेंशियल वर्ल्ड के लोगों का इस प्रकार से एकत्र आना और इस समारोह को यहाँ संपन्न करना, इसके लिए मैं फिर एक बार ज़ी ग्रुप के सभी मित्रों का धन्यवाद करता हूँ और आभार व्यक्त करता हूँ..!

आप लोग इस विषय के काफी जानकार भी हैं और चिंतित भी हैं। अगर फाइनेंशियल मार्केट बहुत तेजी में होता, तो शायद आज के समारोह में तालियाँ भी ज्यादा बजती। लेकिन मैं देख रहा हूँ मुश्किल से तालियाँ बज रहीं हैं और उसका मूल कारण मार्केट की स्थिति है। अगर मार्केट की स्थिति अच्छी होती, तो शायद आप भी बड़े उमंग से भरे हुए होते, लेकिन मार्केट की स्थिति अच्छी नहीं है इसके लिए आप सुबह-शाम एनालिसिस करते होंगे। आप सोचते भी होंगे कि यार, कुछ भी हो, इस स्थिति से बाहर निकलें..! ये आपके सबके मन में चलता होगा। ये बात सही है कि देश की आर्थिक स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। किसी भी देश के जीवन में उतार-चढाव तो आते हैं। कभी अच्छी स्थिति भी आती है, तो कभी बुरे दिन भी आते हैं। कभी हम टॉप पर भी होते हैं, तो कभी लो पर भी पहुंच जाते हैं..! लेकिन नीति निर्धारक जब आत्मविश्वास खो चुके होते हैं, इफ दे लूज़ देयर कॉन्फिडेंस, तो वो निर्णय नहीं कर सकते। उन्होंने निर्णय करने का सामर्थ्य खो दिया है। कभी-कभी देश में चर्चा होती है कि चुनाव बहुत जल्दी आ जाएंगे, समय पर चुनाव नहीं होंगे..! तो मुझ से कुछ लोगों ने बात की थी। मैंने कहा देखिए भाई, चुनाव जल्दी भी अगर लाने हैं तो सरकार को निर्णय करना पड़ता है। जो नौ साल में कोई निर्णय नहीं कर पाए, वो ये निर्णय कैसे कर सकेंगे..? तो आप मान कर चलिए कि मजबूरन स्थितियाँ जहाँ चाहेगी, वहाँ जाएगी। कोई ले जाने वाला नहीं है, कोई दिशा तय करने वाला नहीं है, कोई निर्णय करने वाला नहीं है..! और सवा सौ करोड़ का देश इस स्थिति में जब होता है, तब हर प्रकार के संकट अपने आप बढ़ते चले जाते हैं..!

अब आज देखिए आप, रूपये की कीमत जिस तेजी से गिर रही है..! और कभी-कभी तो लगता है कि दिल्ली सरकार और रुपये के बीच कम्पीटीशन चल रहा है। किसकी आबरू तेजी से गिरती चली जा रही है, कौन आगे जाएगा... इसकी कम्पीटीशन चल रही है..! देश जब आजाद हुआ तब एक डॉलर एक रूपये के बराबर था। एक रूपये में एक डॉलर बिकता था..! जब अटल जी की सरकार थी, अटल जी ने जब पहली बार सरकार बनाई तब तक मामला पहुंच गया था 42 रूपीज तक और अटल जी ने जब छोड़ा तब 44 पर पहुंचा था। चार प्रतिशत का फर्क आया था..! लेकिन इस सरकार के और अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री के कालखंड में ये 60 रूपये पर पहुंच गया है..! मित्रों, अगर थोड़ा इतिहास की ओर नजर करें, और आप तो इस आर्थिक जगत की दुनिया से जुड़े हुए लोग हैं..! हिन्दुस्तान 1200 साल की गुलामी के बाद 15 अगस्त, 1947 को जब आजाद हुआ, तो उस समय उसके पास ब्रिटिश गवर्नमेंट से वन थाउसेंड मिलियन पाउंड लेना उधार था। यानि हम लेनदार थे, ब्रिटिश गवर्नमेंट कर्जदार थी..! सैकेंड वर्ल्ड वॉर में भारत से जो कुछ भी गया था, वो कर्ज ब्रिटिशर को हिन्दुस्तान को चुकाना था। यानि 1200 साल की गुलामी के बाद भी आजादी का प्रारंभ आर्थिक संकट से नहीं हुआ, आर्थिक संपन्नता के साथ हुआ था..! इतना ही नहीं, विदेशों से कर्ज लेने का प्रारंभ पंडित नेहरू ने किया। आजादी के कुछ ही समय में फर्स्ट फाइव इयर प्लान आया, तो विदेशों से कर्ज लेना शुरू किया। और तब वर्ल्ड बैंक का स्वतंत्र स्वरूप नहीं था, अमेरिका की गवर्नमेंट की इच्छा से चलता था। और उस समय पंडित नेहरू के जमाने में पहली बार कर्ज लिया गया। आज जरूरत है उस बात को समझने की, कि जब वो पहली बार कर्ज लिया गया, तो उसमें दो शर्त थी। आज डॉलर साठ रूपये पर क्यों बिकता है उसका जवाब वहाँ मिलता है। दो शर्त थी..! एक शर्त ये थी कि वो जो अमेरिका ने पैसे दिए हैं, उन पैसों का उपयोग हिन्दुस्तान के रिसर्च स्कॉलर को अमेरिका में पढ़ने भेजने के लिए स्कॉलरशिप के रूप में खर्च होंगे। देखिए, कितना बुद्घिमानी का काम अमेरिका ने किया..! अमेरिका जिसको चुने वो स्कॉलर, और वो स्कॉलर पढ़ेगे कहाँ..? अमेरिका में..! पैसे कौन से..? जो पैसे अमेरिका ने कर्ज में दिए, वो पैसे..! मतलब आजाद हिन्दुस्तान की पहली स्कॉलर पीढ़ी जो तैयार हो, वो अमेरिका की छाया वाली तैयार हो, ताकि वो गीत अमेरिका के गाएं, इस प्रकार का पहला प्रयास हुआ..! और दूसरा निर्णय किया था कि ये रूपये तब देंगे कि जब आप रूपये की कीमत कम करोगे..! और उस लोन लेने के कारण पंडित नेहरू के समय में पहली बार रूपये की ताकत कम हुई और वो सिलसिला चलता रहा..! मित्रों, कोई भी देश गलत नीतियों के कारण कहाँ जा कर के गिरता है, उसका हम अंदाज कर सकते हैं..!

मैं आज भी मानता हूँ कि भारत जैसा देश, सारी दुनिया की नजर हिन्दुस्तान पे अगर एक बाजार के तौर पर हो और ये देश अगर एक बाजार बन कर के रह जाए, तो ये देश कभी भी अर्थिक संपन्नता प्राप्त नहीं कर सकता..! पूरा विश्व अपना माल हिन्दुस्तान के अंदर जितनी बड़ी मात्रा में डम्प कर सकता है, करना चाहता है..! इतना बड़ा कंज्यूमर मार्केट अवेलेबल है, मित्रों..! अगर से सिलसिला चलता ही रहा और देश का इम्पोर्ट बढ़ता ही गया तो पता नहीं देश की आर्थिक स्थिति कहाँ जा कर के रूकेगी..! मित्रों, आज तेजी से इम्पोर्ट बढ़ रहा है और एक्सपोर्ट में हम पहले से भी नीचे आ गए हैं, यानि स्टेबल भी नहीं रहे, हम जहाँ थे उससे भी नीचे आ गए, और उसके कारण हमारी करेंट अकाउंट डेफिसिट बढ़ती चली गई, जिसने पूरी आर्थिक स्थिति पर एक नया बोझ डाल दिया है..!

एफ.डी.आई. और एफ.आई.आई. दोनों के तराजू पर हम संतुलन नहीं कर पा रहे हैं और उसका मूल कारण है हमारी नीतियाँ..! लोग कहते हैं एफ.डी.आई. नहीं आया, फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट नहीं आया... क्यों नहीं आया? कोई भी व्यक्ति हिन्दुस्तान के अंदर धन तब लगाता है जब उसको अपनी पूंजी की सिक्योरिटी महसूस हो। उसको लगे कि हाँ, ये मैं इतना लगा रहा हूँ तो मुझे प्रॉफिट मिलेगा, मुझे गुड गवर्नेंस की अनुभूति हुई है तो मुझे एफिशियेंट गवर्नेंस मिलेगा, मुझे सिंगल विंडो क्लिीयरेंस मिलेगा, तो वो हिम्मत करेगा..! लेकिन अगर पॉलिसी पैरालिसिस है तो उसकी कितनी ही आवश्कयकता होगी, लेकिन वो हिन्दुस्तान की तरफ मुंह नहीं फेरेगा। अगर हमारे यहाँ फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट नहीं आता है और अगर हम मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में दुर्बल होते चले जाते हैं, तब जा कर के हम इम्पोर्ट करते हैं, एक्सपोर्ट करने के दरवाजे बंद होते चले जाते हैं और आर्थिक स्थिति और लुढकती चली जाती है..!

मित्रों, आप स्टॉक मार्केट की दुनिया से जुड़े हुए लोग हैं। सरकार अगर तीन चीजों को बैंलेस रूप से आगे ना बढ़ाए, तो मैं मानता हूँ कि किसी भी इन्वेस्टर का विश्वास कभी भी नहीं रहेगा..! अब आप देखिए कि आज हमारा ट्रांजेक्शन कितना होता है..? मैं समझता हूँ, मुझे जो बताया गया है कि वो 15 और 20 परसेंट के बीच में आ गया है। और उसमें भी फ्यूचरिस्टिक वाली संख्या ज्यादा है, रियल ट्रांजेक्शन की संख्या कम होती चली जा रही है..! रियल ट्रांजेक्शन इसलिए नहीं हो रहा है कि उसका कॉन्फिडेंस लेवल टूट चुका है। अगर ये स्थिति बनती है तो आप कल्पना कर सकते हैं कि हम कहाँ जा कर के खड़े रहेंगे..! और इसलिए स्टॉक मार्केट में भी एक रिटेल का क्षेत्र है, दूसरा इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टमेंट है और तीसरा एफ.आई.आई. का है, इन तीनों को इक्वल बैलेंस होना चाहिए। आज मित्रों, अगर एफ.आई.आई. का शेयर बढ़ गया और जस्ट बिकॉज दुनिया का कोई देश अपना इन्टरेस्ट रेट बढ़ा दें और अचानक एफ.आई.आई. की बहुत बड़ी अमाउंट चली जाए तो पूरा स्टॉक मार्केट नीचे गिर जाएगा और उसके कारण सामान्य मानवी को कोई भरोसा नहीं रहेगा..!

मित्रों, आज चिदम्बरम जी ये कहते हैं कि लोग सोना ना खरीदें..! लेकिन लोग सोना खरीदने के लिए मजबूर क्यों हुए..? मुझे मालूम है, हमारे यहाँ गुजरात में स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करना, यानि एक पीओन होगा वो भी सुबह-शाम देखता है कि स्टॉक मार्केट का क्या हाल है..! हमारे यहाँ एक अखबार तो सिर्फ स्टॉक मार्केट के रेट के ऊपर ही चलता है, पूरा का पूरा अखबार... और लोग उसी को खरीदते हैं क्योंकि उनको उसी में इन्टरेस्ट होता है..! लेकिन आज उसका इन्टरेस्ट नहीं रहा, क्योंकि उसको भरोसा नहीं है कि उसको जो कुछ भी इनवेस्ट करना है, उसको वो वापस मिलेगा या नहीं मिलेगा..! तो फिर उसके बाद दो रास्ते बच जाते हैं, रियल एस्टेट में डालो या फिर गोल्ड में डालो। रियल एस्टेट में डालने के लिए मिडिल क्लास, लोअर मिडिल के पास उतनी अमाउंट नहीं होती, इसलिए उसमें डाल नहीं पाता है। तो क्या करेगा..? चलिए भाई, 10 ग्राम, 20 ग्राम, 50 ग्राम, 100 ग्राम गोल्ड ले लो, पैसा बढ़ जाएगा..! अकेले 2012 के वर्ष में 1 लाख करोड रूपयों का गोल्ड इस देश में इम्पोर्ट हुआ है, एक साल में..! और बताया जाता है कि आज हिन्दुस्तान में 18 लाख करोड़ रूपयों का गोल्ड पड़ा हुआ है। नॉन प्रॉडक्टिव ऐसेट है..! मित्रों, अगर ये स्थिति रही तो हमारी सारी आर्थिक व्यवस्था कैसे चलेगी..? और ये क्यों हो रहा है, क्योंकि व्यक्ति को एक ही जगह पर सिक्योरिटी लगती है कि यार, लेकर के रखो, ज्यादा पैसे मिले या ना मिले, लेकिन पैसे तो बच जाएंगे..! या तो उसको लगता है कि रियल एस्टेट..! मित्रों, रियल एस्टेट में भी जाने का कारण क्यों बना है..? हमारी इकॉनोमी पर ब्लेक मनी की इकॉनोमी डॉमिनेट करने लग गई है। और जब ब्लैक मनी की इकोनॉमी डॉमिनेट करती हो, पैरलल इकॉनोमी चलती हो, तो स्वाभाविक है कि लोगों को रियल एस्टेट में जाने का रास्ता ठीक लगता है। और जैन्यूइन आदमी अगर रीयल एस्टेट में जाना चाहता है, तो वो एंटर नहीं कर पा रहा है क्योंकि ब्लैक मनी नहीं है..! एक ऐसे विश्यस सर्कल को देश में चलाया गया है, जिसके कारण देश का पूरा अर्थतंत्र आज स्थितियों को बिगाड़ते चला जा रहा है..!

एशिया की एक विशेषता रही है, सदियों से कि एशियन कंट्रीज का कल्चरली एक-दूसरे पर काफी प्रभाव रहा है। सेविंग ये वैस्टर्न वर्ल्ड के नेचर में नहीं है, सेविंग ये एशियन कल्चर में है, और भारत उसमें लीड करता रहा है। हमारे यहाँ बचत करना, पैसे बचाना और उसमें महिलाओं का बहुत बड़ा रोल रहता है। गरीब से गरीब महिला होगी, गरीब परिवार की होगी, लेकिन कुछ ना कुछ बचाने की कोशिश करेगी। मित्रों, ये सेविंग का जो स्वभाव है, तो वो पहले स्टॉक मार्केट के अंदर इन्वेस्ट करता था, और उसके कारण हमारी इकॉनोमी को बहुत बड़ा पुश मिलता था, ड्राइविंग फॉर्स बन जाता था। मिडिल क्लास, लोअर मिडिल क्लास जिसके पास सोना खरीदने की ताकत नहीं है, फ्लेट खरीदने की ताकत नहीं है, जमीन में पैसा नहीं लगा सकता है, वो पाँच-दस रूपये वाले दस-बीस शेयर लेने की केाशिश करता था, क्योंकि उसके पास उतने ही पैसे थे..! लेकिन मंहगाई के कारण मीडिल क्लास, लोअर मीडिल क्लास के लिए अपना घर चलाने में दिक्कत हो गई है, सेविंग खत्म हो चुका है और सेविंग खत्म होने के कारण स्टॉक मार्केट में उसकी एंट्री बंद हो गई है। अगर ये स्थिति बनी रही, तो हमारी पूरी फाइनेंशियल स्थिति और दुदर्शा की ओर चली जाएगी..!

आप देखिए, इम्पोर्ट..! ये तो हम समझ सकते हैं कि नेचुरल रिसोर्सिस में हमारी कुछ सीमाएं होंगी..! पेट्रोलियम, गैस और डीजल के इम्पोर्ट के लिए आज हमारे पास कोई रास्ता नहीं होगा, मजबूरन ही सही, लेकिन हमको लेना पड़ेगा..! लेकिन क्या कारण है कि इलेक्ट्रोनिक गुड्स, मोबाइल फोन, वगैरह में हमारा अरबों-खरबों रुपयों का इम्पोर्ट बढ़ता चला जा रहा है..! क्या हमारा देश मोबाइल फोन मैन्यूफैक्चरिंग में एक बहुत बड़ा जंप नहीं लगा सकता है..? हम हमारे इम्पोर्ट को कम करने का रास्ता नहीं खोज सकते हैं..? हमें मालूम है कि हिन्दुस्तान में इलेक्ट्रोनिक गुड्स का एक बहुत बड़ा मार्केट है। और इलेक्ट्रोनिक गुड्स के मैन्यूफैक्चरिंग के लिए कोई आसमान से बहुत बड़ा स्काय रॉकेट इंजीनियरिंग लाने की जरूरत नहीं है, वो बहुत सामान्य प्रकार की टैक्नोलॉजी है। लेकिन हमने उस पर बल नहीं दिया और उसके कारण आज हिन्दुस्तान में सबसे ज्यादा इम्पोर्ट करने वाले जो तीन सेक्टर हैं, उसमें से एक क्षेत्र है इलैक्ट्रोनिक गुड्स..! हाँ, यदि कोई मेडिकल इक्विपमेंट के लिए कोई बहुत बड़ी एक्स्ट्राऑर्डिनरी चीज आती है तो वन कैन अंडरस्टेंड, लेकिन रूटीन में हमारे यहाँ अपना कम्प्यूटर नहीं बन पा रहा है, हम यहाँ लाकर के एसेंबल करते हैं..! हम अगर हमारे देश में योजनाबद्घ तरीके से करें कि भाई, दस साल के अंदर इस सैक्टर के अंदर इम्पोर्ट करने की स्थिति से हम बाहर आ जाएंगे..! हम क्वालिटी मैटीरियल प्रोवाइड करेंगे, सफिशियेंट मटेरियल प्रोवाइड करेंगे, तो देश की स्थितियाँ नहीं बदलेगी..? लेकिन हमारी नीतियों की कमी के कारण ये हाल हुआ है। हमारा मैन्यूफैक्चरिंग कॉस्ट इफेक्टिव नहीं हो रहा है। क्यों नहीं हो रहा है..? अगर हमें दुनिया के सामने टिकना है, तो उत्पादन के क्षेत्र में हमारे लोगों को जरूरत है कि वो कॉस्ट इफैक्टिव हो..! तो उसके लिए क्या चाहिए..? आज देखिए, हिन्दुस्तान में बीस हजार मैगावाट से ज्यादा के बिजली के कारखाने बंद पड़े हैं। कोई देश ऐसा देखा है आपने कि जिसके पास कोयले के खदान हैं, जो अंधेरे में जी रहा है, लोगों को बिजली चाहिए, बिजली के ग्राहक मौजूद हैं और जिसके पास बीस हजार मैगावाट से अधिक बिजली पैदा करने वाले कारखाने तैयार हो..! जस्ट, लीडरशिप नहीं है, पॉलिसी पैरालिसिस है और इसलिए कोयले के निर्णय हो नहीं रहे हैं, खदान में से कोयला निकल नहीं रहा है, कोयला बिजली के कारखाने तक पहुंच नहीं रहा है और देश अंधेरे में डूब रहा है। मैन्यूफैक्चरिंग सैक्टर को सफिशियेंट बिजली मिल नहीं रही है, फार्मर को सफिशियेंट बिजली नहीं मिल रही है और उसके कारण हमारा ग्रोथ कम हो रहा है, हमारे विकास की यात्रा कम हो रही है..!

मित्रों, छोटी-छोटी चीजें है, कोई बहुत बड़ी चीजों की कोई जरूरत नहीं है, सामान्य चीजें... अगर इन पर भी हमने बल दिया होता, तो मैं नहीं मानता हूँ कि देश आज इतने बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा होता..! और ऐसा नहीं है कि इसके रास्ते नहीं हैं। अटल जी के समय की एन.डी.ए. सरकार के कार्यकाल की अगर हम विगत देखे लें, तो सीना तान कर के कोई भी कह सकता है। मित्रों, उन दिनों तो भारत ने न्यूक्लीयर टैस्ट किया था। पूरे विश्व ने सैंक्शन्स लगा दिये थे, देश आर्थिक संकट में फंसा हुआ था..! ऐसे विकट काल में भी अटल जी के नेतृत्व में हिंदुस्तान में एन.डी.ए. की सरकार, वो भी 24 पार्टियां एक साथ सरकार चलाती थी, एक पार्टी की सरकार नहीं थी, उसके बाद भी ना मंहगाई बढ़ने दी थी, ना इम्पोर्ट बढ़ने दिया था, एक्सपॉर्ट में कटौती आने नहीं दी थी..! जब अटल जी की सरकार बनी तब हमारा सेविंग का रेशो 32% से ज्यादा था और आज वो 30% से भी कम हो गया है..! कोई भी पैरामीटर ले लीजिए। भारत की इकॉनोमी में 21वीं सदी की विकास यात्रा के सपनों की मजबूत नींव अटल जी ने अपने शासन काल में रखी थी। लेकिन देखते ही देखते पिछले नौ साल में जो रखा था वो भी खत्म हो गया और नया कुछ अर्जित नहीं हुआ, ऊपर से नए बोझ और नए संकट हमारे देश पर आते गए और उसी के कारण आज हम संकट से गुजर रहे हैं..! आपका तो पूरा मार्केट, पहले जो इन्वेस्टर था वो सुबह जब स्टॉक मार्केट खुलता था तो उसकी सांस ऊपर-नीचे होती थी। शेयर बाजार में जिसने बेचारे ने हजार-दो हजार रूपये लगाए होते थे, तो वो सोचता था कि यार आज कुछ मिला या नहीं मिला..! आज सांस आपकी ऊपर नींचे हो रही है। ये पहली बार हो रहा है..! और इसलिए इस चिंता की अवस्था में देश एक आत्मविश्वास के साथ कैसे आगे बढ़े, पॉलिसी पैरालिसिस में से देश बाहर कैसे आए..!

प्रधानमंत्री ने कहा था, पैसे पेड़ पर नहीं उगते हैं..! प्रधानमंत्री जी, आपके अर्थशास्त्र में पैसे पेड़ पर उगते हों या ना उगते हों, हम गुजरातियों की समझ है और हम मानते हैं कि पैसे खेते में भी उगते हैं, पैसे कारखाने में भी उगते हैं, पैसे मजदूर के पसीने से भी उग सकते हैं, आवश्कता है सही नेतृत्व देकर के नीतियों को बनाने की..! हिन्दुस्तान का किसान खेत में काम करता है तो वो पैसे उगाता है, एक मजदूर फैक्ट्री में मेहनत करता है तो वो पैसे उगाता है और तभी तो देश की तिजोरी भरती है और तभी तो देश चलता है..! ये जो निराशा का माहौल है उससे देश को बाहर लाया जा सकता है। मित्रों, गुजरात एक्सपीरियंस से मैं कहता हूँ कि निराशा की गर्त में डूबे रहने का कोई कारण नहीं है। जब मैं पहली बार मुख्यमंत्री के रूप में आया, तब मेरे यहाँ रेवेन्यू डेफिसिट सिक्स थाउजेंड सेवन हन्डरेड करोड़ रूपीज़ थी, आज हम रेवेन्यू सरप्लस है..! मित्रों, हो सकता है..! हमारी इलेक्ट्रिसिटी कंपनीज वार्षिक 2500 करोड़ रूपये का लॉस करती थी। आज मित्रों, वो प्राफिट करती है और हम 24 घंटे बिजली देते हैं और टेरिफ नहीं बढ़ाते हैं..! कहने का तात्पर्य ये है मित्रों, अगर सही दिशा में निर्णय किए जाए, देश के सामान्य मानवी की शक्ति पर भरोसा करके निर्णय किया जाए तो देश की स्थिति बहुत बदल सकती है। और मैं बहुत आशावादी इंसान हूँ..! इतना बड़ा देश, दुनिया के सामने सीना तान के खड़ा होने का सामर्थ्य है इस देश में, बारह सौ साल की गुलामी के बाद भी जो देश सरप्लस था वो देश आज कर्जदार क्यों बन गया, इसके जवाब हम खोज सकते हैं, इसके उपाय भी खोज सकते हैं, उस विश्वास को लेकर आगे बढ़ें..!

मैं फिर एक बार सुभाष जी का बहुत आभारी हूँ कि आपके बीच आने का मुझे अवसर मिला। बहुत-बहुत धन्यवाद..!

 

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Paper leak mafia will be held accountable and punished, I guarantee the youth of Rajasthan: PM Modi
October 02, 2023
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When I was the Gujarat CM, I gave water to Rajasthan and there was no Court matter or anything: PM Modi in Chittorgarh
I want to guarantee the youth of Rajasthan that the paper leak mafia will be held accountable and punished, says PM Modi
Rajasthan is saying with great confidence and trust - BJP will come, hooliganism will go, BJP will come and stop the riots, BJP will come and stop stone pelting, BJP will come and stop dishonesty: PM Modi
PM Modi says every corrupt person, goon, rioter, tyrant and every leader of Congress has considered himself the government of Rajasthan. Congress left no stone unturned in looting the state

सांवलिया सेठ महाराज की जय !!
मेवाड़ की रक्षक बायण माता, कालिका माता की… सगरा माता की… आप सबको इस धरती को प्रणाम करते हुए मेरे साथ बोलिए भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की.. !!
महाराणा प्रताप, रानी पद्मिनी, राणा कुंभा के शौर्य और वीरता की भूमि, श्रीनाथजी, नाथद्वारा और सांवलिया सेठ जी की पावन धरती ऐसी मेवाड़ की धरती को मेरा शत-शत नमन!

पूरा राजस्थान, पूरा मेवाड़ क्या सोच रहा है, ये आज यहां चित्तौड़गढ़ में साफ-साफ दिखाई देता है। मैं पार्टी का बहुत आभारी हूं कि मुझे आपके बीच जाने का अवसर दिया और बहुत पुराने-पुराने परिचित चेहरे उनको प्रणाम करने का अवसर मिल गया पुराने साथियों को नमस्कार करने का मौका मिल गया। लेकिन इससे भी बड़ा मेरा अजूबा ये था कि इस पंडाल से बाहर इतनी तादाद में लोग थे, अगर मैं खुली जीप में न आता तो शायद मैं कल्पना नहीं कर सकता कि इतनी बड़ी तादाद में लोग बाहर खड़े हैं। लेकिन जिनको पंडाल में जगह नहीं मिली है उनसे मैं क्षमा याचना भी करता हूं, लेकिन उनको विश्वास दिलाता हूं कि पंडाल भले ही छोटा पड़ गया मोदी का दिल बहुत बड़ा है। आप सब मेरे दिल में बसते हैं। साथियों राजस्थान ने आह्वान कर दिया है- राजस्थान को बचाएंगे, भाजपा सरकार को लाएंगे।

मेरे परिवारजनों,
मेवाड़ की, राजस्थान की पहचान आतिथ्य सत्कार की है। लोक संगीत की है, लोक संस्कृति की है। शौर्य की है, यहां की एक-एक विरासत पर गर्व करने की है। लेकिन 5 साल में कांग्रेस की सरकार ने राजस्थान की साख को तबाह कर दिया तबाह कर। मैं इस मेवाड़ की धरती को करना चाहता हूं जब यहां से खबरें आती है तो बहुत दुखी मन हो जाता है, बहुत तकलीफ अनुभव करता हूं और मैं बहुत दुखी मन से कह रहा हूं.... आज जब अपराध की बात आती है, तो कौन सा राज्य टॉप पर आता है? कौन सा राज्य? ये हमारा राजस्थान। आज जब अराजकता, दंगे, पत्थरबाजी की बातें होती है, तो कौन सा राज्य का नाम बदनाम होता है? ये हमारा राजस्थान। आज जब महिलाओं-दलितों-पिछड़ों पर अत्याचार की बात होती है, तो कौन सा राज्य आज सबसे ज्यादा बदनाम हो रहा है? ये हमारा राजस्थान। क्या आपने.. मैं राजस्थान की जनता को बड़े दर्द के साथ, बड़े दुख के साथ, बड़ी तकलीफ के साथ मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या आपने पांच साल पहले इसके लिए कांग्रेस को वोट दिया था?

साथियों,
राजस्थान के लोगों को भ्रम में डालकर कांग्रेस ने यहां सरकार तो बना ली लेकिन सरकार चला नहीं पाई। यहां गहलोत जी सोते-जागते, उठते-बैठते मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने में लगे थे और आधी कांग्रेस उनकी कुर्सी गिराने में जुटी थी। जनता को अपने हाल पर छोड़कर ये लोग आपसी लड़ाई में ही व्यस्त रहे। अपने बेटों को सेट कैसे करना, दूसरे के बेटे को कैसे उखाड़ देना लेकिन इस सबके बावजूद एक विषय को लेकर कांग्रेस में हमेशा मिलीभगत रही हमेशा सहमति रही। कांग्रेस ने राजस्थान को लूटने में कोई कमी नहीं छोड़ी। पांच साल राजस्थान में कांग्रेस ने यही किया है। हर भ्रष्टाचारी, हर गुंडा, हर दंगाई, हर अत्याचारी, कांग्रेस का हर नेता खुद को राजस्थान की सरकार मान बैठा है।

मेरे परिवारजनों,
आप मुझे बताइए, राजस्थान में ऐसी सरकार को रहना चाहिए क्या? ऐसी सरकार को रहना चाहिए क्या? एक दिन भी रहना चाहिए क्या?
राजस्थान को ऐसी सरकार चलेगी क्या? मेवाड़ की ये आवाज़ पूरे राजस्थान की आवाज़ है। राजस्थान कह रहा है- राजस्थान पूरे विश्वास से कह रहा है, राजस्थान पूरे भरोसे से कह रहा है- भाजपा आएगी, गुंडागर्दी जाएगी। भाजपा आएगी, दंगे रुकवाएगी। भाजपा आएगी, पत्थरबाजी रुकवाएगी। भाजपा आएगी, बेईमानी जाएगी। भाजपा आएगी, महिला सुरक्षा लाएगी। भाजपा आएगी, रोज़गार लाएगी। भाजपा आएगी, समृद्ध राजस्थान बनाएगी।

मेरे परिवारजनों,
राजस्थान की जनता का संदेश, कांग्रेस के नेताओं तक भी पहुंच चुका है। यहां मुख्यमंत्री गहलोत जी को भी पता है कि कांग्रेस सरकार की विदाई का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। इसलिए आपने भी सुना होगा, इसका मेरे पास सबूत है, दिल्ली में बैठे कुछ लोगों को भले ही भरोसा ना हो कि गहलोत जी जा रहे हैं, लेकिन गहलोत जी को खुद पर भरोसा है कि वो जा रहे हैं और इसलिए गहलोत जी ने भी एक प्रकार से भाजपा को बधाई दे दी है। आप देखिए कांग्रेस के मुख्यमंत्री क्या बोल रहे हैं, वो आग्रह कर रहे हैं कि भाजपा सरकार बनने के बाद उनकी योजनाओं को बंद ना किया जाए। ऐसा कह रहे हैं वो उनकी योजनाओं को बंद न किया जाए। तो पहले तो गहलोत जी ने अपनी पराजय स्वीकार कर लिया कि हमारी सरकार बनेगी इस बात को सार्वजनिक कह दिया मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं। और आपने जब इतनी ईमानदारी से कह दिया है तो मोदी तो आपसे अनेक गुना ईमानदार है, मैं राजस्थान की जनता को विश्वास दिलाता हूं कि भले ही गहलोत जी ने योजनाएं चालू की होगी लेकिन जनहित की किसी योजना को भाजपा सरकार बनने के बाद उसको रोकेगी नहीं, उसको अच्छा करने का उसे बेहतर बनाने का प्रयास करेगी। और ये मोदी की गारंटी है। मोदी की गारंटी मतलब, हर गारंटी के पूरा होने की गारंटी।

लेकिन राजस्थान के भाइयों और बहनों, मैं एक और बात की गारंटी देना चाहता हूं। जिन-जिन ने यहां भ्रष्टाचार किया है, योजनाएं तो हम चलाए रखेंगे, सुधार भी करेंगे लेकिन जिन-जिन लोगों ने भ्रष्टाचार किया है गरीबों के पैसे लूटे हैं, उनके खिलाफ तो कार्रवाई जरूर होगी। ये भी मोदी की गारंटी है। ये लोग मोदी को चाहे जितना गाली देते रहे, चाहे जितना उसकी कब्र खोदने के सपने देखते रहें, करप्शन पर कठोर कार्रवाई जारी रहेगी। कांग्रेस सरकार का तो हाल ये है - आपणो घोड़ो छाया मे बाँधणों, दूजां को फरबा द्यो! यानि जनता के पैसों से अपनी तिजोरी भरो और जनता को बेहाल छोड़ दो! राजस्थान के युवाओं के साथ जो धोखा किया गया है, भाजपा उसकी तह तक भी जाएगी। यहां के पेपरलीक माफिया को, पेपरलीक माफिया, खदान मापिया तो सुनते थे हम, पेपरलीक माफिया.. मैं राजस्थान के नौजवानो को वादा करता हूं, नौजवानों हम पर भरोसा करना ये पेपरलीक माफिया का पाताल में जाकर भी इसका हिसाब किया जाएगा। मैं आपको भरोसा देता हूं, नौजवानों के भविष्य के साथ जिसने खिलवाड़ किया है ऐसे पेपरलीक माफिया को छोड़ा नहीं जाएगा। उन्हें कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाई जाएगी।

साथियों,
कांग्रेस वोट पाने के लिए भांति-भांति के छल-प्रपंच ये करती रहती है है, झूठी घोषणाएं, झूठे वायदे तो इसका स्वाभाव बन गया है। अब आप देखिए, हमारे सैनिकों के साथ भी वन रैंक वन पेंशन को लेकर ऐसा ही छल इन्होंने किया था। दशकों तक कांग्रेस ने वन रैंक वन पेंशन का मामला लटकाए रखा। कांग्रेस सिर्फ 500 करोड़ रुपए दिखाकर कहती थी कि वन रैंक वन पेंशन को लागू करेगी। जबकि 500 करोड़ रुपए में ये करना असंभव था, मुश्किल था और ये कांग्रेस को मालूम भी था। लेकिन लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए ये ड्रामा करने से भी बाज नहीं आए। राजस्थान के मेरे वीर भाइयों और बहनों, मोदी ने अपने सैनिक परिवारों को वन रैंक वन पेंशन की गारंटी दी थी। हमने डंके की चोट पर इसे पूरा किया।आपको हैरानी होगी कि अभी तक पूर्व सैनिकों को आप देखिए उन्होंने क्या खेल खेला था 500 करोड़ रुपये का ड्रामा, हमने अब तक 70 हज़ार करोड़ रुपए OROP के तहत हमारे सेना के जवानों को मिल चुके हैं। कहां 500 करोड़ रुपए और कहां 70 हज़ार करोड़ रुपए। याद रखिएगा, कांग्रेस ऐसे ठगी करती है, ऐसे ही झूठ बोलती है।

मेरे परिवारजनों,
जब भी कांग्रेस को पक्का हो जाता है कि वो चुनाव हारने वाली है, वो ऐसे ही झूठी घोषणाएं करने में लग जाती है। अखबारों में और टीबी में छाए रहने के लिए खजाना लुटा देती है। राजस्थान में भी ये ऐसा ही खेल, खेल रहे हैं, जनता को धोखा देने में जुट गए हैं। ये सोच रहे हैं कि जनता इनकी बातों में आ जाएगी, इनके 5 साल के कुशासन को भूल जाएगी। इसलिए इन्होंने फिर धड़ाधड़ घोषणाएं करनी शुरू कीं हैं। लेकिन मेवाड़ की, राजस्थान की जनता तो पूछ रही है, कि इतनी ही चिंता थी तो बीते 4-5 साल कहां थे? कुर्सी बचाने के सिवाए कोई काम किया है क्या? गरीब कल्याण की गारंटी तो मोदी पूरा कर रहा है। कोरोना काल में हर परिवार का चूल्हा जलता रहे, गरीब का बच्चा भी भूखा सो ना जाए मोदी ने उस गारंटी को पूरा कर के दिखाया है।
हर गरीब को कोरोना का मुफ्त टीका लगे, ये गारंटी मोदी ने पूरी की।

हर गरीब का अस्पताल में मुफ्त इलाज हो, ये गारंटी मोदी ने पूरी की। और आप जानते हैं हमारे समाज में परिवार में अगर मां बीमार हो जाए, कितनी ही पीड़ा हो, कितनी ही तकलीफ हो, लेकिन मां परिवार में किसी को पता नहीं चलने देती कि वो बीमार है, दर्द हो रहा है, वो अपना काम करती रहती है। मूसीबत, पीड़ा, दर्द सब सहती रहती है.. क्यों? क्योंकि मां के मन में होता है कि अगर बच्चों को बीमारी का पता चल जाएगा और अस्पताल में जाएंगे तो भाड़ी-भरकम बिल आएगा, ये बच्चे कर्जदार बन जाएंगे। बेटे पर कर्ज नहीं करने देना है, भले दो साल पहले चले जाऊं, भले ही दर्द सहती रहूं, लेकिन बेटे को कर्ज में नहीं डूबनी दूंगी। ये हमारे देश की माताएं सोचती हैं। लेकिन मेरी माताएं-बहनें, अब आपका बेटा दिल्ली में बैठा है। अब आपको बीमारी सहनी नहीं पड़ेगी। ये आपका बेटा पांच लाख रुपये तक आपके इलाज पर खर्चा करने के लिए आपको गारंदी देता रहा है और पूरी कर रहा है। आज मैं राजस्थान के हर गरीब, दलित, पिछड़े और आदिवासी परिवारों को एक और गारंटी दे रहा हूं। मोदी हर गरीब को पक्की छत देगा, पक्का घर देगा। अब तक चार करोड़ घर बना दिए हैं और जिनका बाकी रहा है, काम चालू है और आपका घर भी बनेगा। मोदी की गारंटी है कि आपके गांव में कोई भी गरीब परिवार हो जिसका पक्की छत नहीं है उसे जाकर के बता देना कि मोदी आया था सांवलिया सेठ के चरणों में बैठकर के बोल के गया है कि तेरा भी पक्का घर बन जाएगा। मोदी ने राजस्थान के लाखों परिवारों को पाइप से पानी पहुंचाने की गारंटी भी दी है। मोदी आज गारंटी देता है, ऐसा नहीं, जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, नर्मदा का पानी राजस्थान को देना था, आज हिंदुस्तान में देखिए, एक राज्य दूसरे राज्य को पानी देना मना करता है। दो-दो राज्यों के बीच में लड़ाई होती है, लेकिन ये मोदी की गारंटी थी। अगर नर्मदा का पानी गुजरात को मिलता है, राजस्थान को भी जरूरत है, राजस्थान भी मेरा है, मैं राजस्थान को तरसता नहीं रख सकता हूं। और नर्मदा का पानी, कोई झगड़ा नहीं, कोई विवाद नहीं कोई कोर्ट-कचहरी नहीं। आज राजस्थान के कई जिलों में नर्मदा का पानी पहुंच रहा है ये मोदी की गारंटी होती है। राजस्थान की मेरी माताएं-बहने मैं गुजरात से जानता हूं बिना पानी कैसे जिंदगी मुश्किल से गुजरती है। सूखा प्रदेश है बारिश कम होती है उसके बावजूद भी गारंटी दी है। मेरी माताएं-बहने आपके रसोई घर में नल से जल ये मोदी की गारंटी है। राज्य के 45 लाख से अधिक परिवारों तक पिछले 4 साल में नल से जल पहुंच चुका है। और यहां ये कुर्सी बचाओ सरकार नहीं होती न, भाजपा की सरकार होती तो आज हमारा काम पूरा हो गया होता। लेकिन मैं आपको गारंटी देता हूं कि भाजपा सरकार बनते ही जिन घरों में नल से जल नहीं पहुंचा है वहां भी तेज गति से पहुंच जाएगा।

मेरे परिवारजनों,
इस क्षेत्र में सिंचाई के पानी की जो दिक्कत हैं, मैं उसे भी भलीभांति जानता हूं। ये पूरा क्षेत्र, हम गुजरात के लोगों को तो ऐसा लगता है जैसे हमारा ही घर है। भाजपा सरकार बनने के बाद किसानों की सिंचाई से जुड़ी समस्याओं का भी समाधान किया जाएगा।

मेरे परिवारजनों,
गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी को सुविधा देने और सशक्त करने के ऐसे हर काम तो मोदी कर रहा है। कांग्रेस ने क्या किया? या तो मोदी को गाली देती है या फिर भाजपा सरकार की योजनाओं को रोकती है। कांग्रेस जो भी योजनाएं बनाती है, वो बिना भ्रष्टाचार के लागू हो जाएं, ये संभव ही नहीं है। अब आप मुझे बताइए, महात्मा गांधी स्वच्छता के आग्रही थे कि नहीं थे? जरा मुझे जवाब दीजिए महात्मा गांधी स्वच्छता के आग्रही थे कि नहीं थे? महात्मा गांधी हमें स्वच्छता के लिए कह के गए थे कि नहीं गए थे? क्या 75 साल तक कांग्रेस को जितना भी समय काम करने का मौका मिला क्या उन्हें स्वच्छता के लिए काम करना चाहिए था कि नहीं चाहिए था। स्वच्छता होती तो बीमारी जाती कि नहीं जाती? अब मुझे बताइए कल पूरे देश में गांव-गांव स्वच्छता का अभियान हुआ क्या ये स्वच्छता का काम इसमें भी कांग्रेस-भाजपा ज्यादा होता है क्या? कांग्रेस के लोगों को स्वच्छता करने में क्या जाता था, करनी चाहिए थी कि नहीं करनी चाहिए थी, ये तो मोदी का कोई जन्मदिन तो था नहीं। ये महात्मा गांधी के जन्मदिन पर हो रहा है, वो भी कांग्रेस के पेट में दर्द हो रहा है। मैं तो सभी पोलिटिकल पार्टियों को कहना चाहता हूं, ये सारा घमंडिया गठबंधन को भी कहना चाहता हूं, अरे कम से कम स्वच्छता का काम तो हाथ में लो, चलो भाई गांधी जयंती पर नहीं करना है तो खुद के जन्मदिवस पर करो। खुद के जन्मदिवस पर नहीं करना है तो आपके और नेता के जन्मदिवस पर करो, वो नहीं करना है तो अपने बच्चों के जन्मदिन पर करो, लेकिन स्वच्छात के काम करने में भी राजनीति का खेल खेल रहे हैं। ऐसा काम इनसलिए नहीं करते क्योंकि इसमें कटकी करने की जगह नहीं होती मलाई खाने का मौका नहीं होता है।

मेरे परिवारजनों,
जनता को अपने हक के लिए भी कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों के पीछे लाइऩ में खड़ा रहना पड़ता है। कांग्रेस की ये मनमानी अब राजस्थान की धरती पर नहीं चलेगी। लाभार्थी का जो हक है वो सीधा मिले, वो पूरा मिले, ये भाजपा सरकार सुनिश्चित करती है। भाजपा सरकार ने बीते 9 वर्षों में डायरेक्ट बेनिफिट से लाखों करोड़ रुपए सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में पहुंचाए हैं। पीएम किसान सम्मान निधि आज सीधे किसान के बैंक खाते में आती है। कोई बिचौलिया नहीं। कोई कटकी कंपनी नहीं, कोई कमीशन नहीं। किसी दफ्तर में चक्कर काटने की जरूरत नहीं। मोदी का मॉडल ही यही है- हर लाभार्थी तक सीधा लाभ। इसलिए राजस्थान को भरोसा है कि भाजपा आएगी, बेईमानी जाएगी।

मेरे परिवारजनों,
जो कांग्रेस सरकार, जानमाल की सुरक्षा नहीं कर सकती, उसको हटाना बहुत ज़रूरी है। आप मुझे बताइए, जो उदयपुर में हुआ, वैसी कभी आपने कल्पना भी की थी? जिस राजस्थान ने दुश्मन पर भी धोखे से वार ना करने की परंपरा को जीया है, उस राजस्थान की धरती पर इतना बड़ा पाप हुआ। कपड़े सिलाने के बहाने लोग आते हैं और बिना डर, बिना खौफ के टेलर का गला काट देते हैं। और वीडियो बनाकर गर्व से वायरल कर देते हैं। कांग्रेस सरकार को इसमें भी वोट बैंक की चिंता सताती है। राजस्थान की वीर धरा की कैसी छवि कांग्रेस ने दुनिया के सामने प्रस्तुत की है? कोई भी तीज-त्यौहार राजस्थान में शांति से मना पाना संभव नहीं है। कब दंगे भड़क जाएं, कब कर्फ्यू लग जाए, कोई नहीं जानता। सामान्य जन को जीवन की चिंता, व्यापारी को व्यापार की चिंता और कामगार को काम की चिंता, ये माहौल कांग्रेस ने राजस्थान में बना दिया है। इस विकास विरोधी माहौल को बदलना ही पड़ेगा। दंगाई हो, अपराधी हो, उसे भाजपा सरकार ही ठीक कर सकती है, ये हमारा ट्रैक रिकॉर्ड है। इसलिए लोग कह रहे हैं कि भाजपा आएगी, दंगे रुकवाएगी।

मेरे परिवारजनों,
मुझे बहुत तकलीफ होती है जब मैं देश में कहीं भी बेटियों के साथ हो रहे अन्याय को देखता हूं, उसके बारे में सुनता हूं। लेकिन राजस्थान में तो कांग्रेस सरकार ने बेटियों से अन्याय की परंपरा ही बना दी है। यहां बाड़मेर में दलित महिला से दुष्कर्म कर उस पर एसिड डाल दिया जाता है। सूरतगढ़ में महिला की हत्या कर शव रोड पर फेंक दिया जाता है। भीलवाड़ा में गैंगरेप के बाद बच्ची को भट्टी में जला दिया जाता है। और जमवारामगढ़ में महिला को जिंदा जला दिया जाता है। इसलिए ही आज राजस्थान की माताएं-बहनें-बेटियां कह रही हैं उन्हें भरोसा है- भाजपा आएगी, महिला सुरक्षा लाएगी।

मेरे परिवारजनों,
मेरी माताएं-बहनें-बेटियां भी जानती हैं की मोदी उनको दी हुई हर गारंटी पूरा कर रहा है। बीते 9 वर्षों में भाजपा सरकार ने ही बेटियों के लिए सैनिक स्कूलों के, सेना के अग्रिम मोर्चों में तैनाती के दरवाजे खोल दिए हैं। केंद्रीय पुलिस बलों में महिलाओं की संख्या दोगुनी की जा चुकी है।देशभर में पुलिस सिस्टम में 33 प्रतिशत महिलाओं की भर्ती को भाजपा सरकार प्रोत्साहित कर रही है। अब लोकसभा और विधानसभा में भी 33 प्रतिशत सीटों में बहनों को आरक्षण की गारंटी मोदी ने पूरी की है। कांग्रेस कितने दशकों से आरक्षण के नाम पर बहनों से वोट मांगती रही। आपसे वोट मांगती थी और संसद में अपने साथियों से बिल को फड़वाती भी थी। ये तो मोदी है और आपका मोदी पर आशीर्वाद है, जो इस बार इनको समर्थन करना पड़ा।
वरना इनकी मानसिकता क्या है, ये आप देख ही रही हैं। कांग्रेस के घमंडिया गठबंधन के नेता महिलाओं को लेकर कैसी-कैसी अपमानित करने वाली बातें कर रहे हैं, ये आए दिन हम देख रहे हैं। इस कानून से बहुत नाराज़ हैं। ये चाहते ही नहीं कि महिलाओं को उनका हक मिले। इसलिए बहाने बना रहे हैं, जाति-धर्म के नाम पर भ्रम फैला रहे हैं। मेवाड़ की, राजस्थान की युवा बेटियों को अपने वोट से कांग्रेस की इस साजिश का जवाब देना है। आपको अपने घर में, अपने परिवार के सदस्यों को भी कांग्रेस की साजिश के बारे में बताना है।

मेरे परिवारजनों,
मेवाड़ का ये पूरा क्षेत्र असीम संभावनाओं का क्षेत्र है। हमारे सीपी जोशी जी तो इसी क्षेत्र के प्रतिनिधि हैं। वे मेवाड़ के, राजस्थान के विकास से जुड़े हर मुद्दे को दिल्ली में ज़ोरशोर से उठाते हैं। आज भी चित्तौड़गढ़ में 7 हज़ार 200 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। आज पाली-हनुमानगढ़ पाइपलाइन का लोकार्पण किया गया है। इससे राजस्थान में इंडस्ट्री का विस्तार होगा, हज़ारों नए रोजगार बनेंगे। भाजपा, राजस्थान को टूरिज्म में नंबर वन बनाना चाहती है। इसके लिए हम कनेक्टिविटी और कल्चर, दोनों पर जोर दे रहे हैं। आज रेलवे, सड़क और शिक्षा से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण किया गया है। नाथद्वारा टूरिस्ट सेंटर से लोगों की सहूलियत बढ़ने वाली है। हमारे ‘सांवलिया सेठ’ मंदिर में भी भारत सरकार ने बहुत सारी आधुनिक सुविधाओं को जोड़ने का काम किया है। यहां जब भाजपा सरकार आएगी, तो ये काम और भी तेज़ी से पूरे होंगे। इसलिए राजस्थान कह रहा है- भाजपा आएगी, सुविधा और समृद्धि लाएगी।

मेरे परिवारजनों,
आदिवासी हों, दलित हों, पिछड़े हों, हर समाज कांग्रेस के झूठ और वोटबैंक की राजनीति को पहचान चुका है। भाजपा उन वर्गों के लिए काम कर रही है, जिनको किसी ने नहीं पूछा। हमारे कुम्हार, सुथार, माली, सुनार, लोहार, धोबी, दर्ज़ी, जूते बनाने वाले, राजमिस्त्री, बढ़ई, ऐसे लाखों परिवार अपने हाल पर थे। इसलिए हमारी सरकार पीएम विश्वकर्मा योजना लेकर आई। इससे राजस्थान के विश्वकर्मा साथियों को भी आधुनिक ट्रेनिंग और आधुनिक उपकरण मिलेंगे। इसके लिए भाजपा सरकार हज़ारों रुपए विश्वकर्मा साथियों को दे रही है। यही नहीं, बैंकों से लाखों रुपए का कम ब्याज वाला ऋण भी विश्वकर्मा साथियों को मिलेगा। बैंक आपसे गारंटी नहीं मांगेगा, बिना गारंटी पैसा मिलेगा। क्यों? क्योंकि मोदी ने आपकी गारंटी दे के रखी है।

साथियों,
मोदी की हर गारंटी को हर बूथ तक पहुंचाना है। और इस चुनाव हमारा एक ही चेहरा है और वो चेहरा है कमल। इस कमल को ही भारी बहुमत से जिताना है। और हम इस कमल के नेतृत्व में कमल के निसान से राजस्थाना का भाग्य भी तेज गति से आगे बढ़ाएंगे। हमारी उम्मीद कमल है, हमारा उम्मीदवार कमल है। हम कमल खिलाएंगे, भाजपा को जिताएंगे, इसी लक्ष्य के साथ हम सबको एकजुटता के साथ आगे निकलना है। मैं एक बार फिर मेवाड़ की इस धरती को प्रणाम करता हूं, इस वीर माताओं को प्रमाण करता हूं,यहां के सभी नागरिकों को प्रणाम करता हूं।

मेरे साथ बोलिए.. भारत माता की... दोनों हाथ ऊपर करके मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से बोलिए भारत माता की.. भारत माता की.. भारत माता की... बहुत-बहुत धन्यवाद!