June 14, 2014
मैं भूटान सरकार और महामहिम भूटान नरेश के आमंत्रण पर 15 से 16 जून, 2014 को भूटान की यात्रा करूंगा।साझे हितों और साझी समृद्धि से बंधे भारत और भूटान ने अनूठे और विशेष संबंधों का निर्वाह किया है जोकि भूगोल, इतिहास और संस्कृति में बंधकर बने हैं। इसीलिए प्रधानमंत्री के रूप में मेरी पहली विदेश यात्रा के गंतव्य के तौर पर भूटान का होना एक स्वाभाविक चयन है। भूटान के साथ संबंध मेरी सरकार की प्रमुख विदेश नीति प्राथमिकताओं में होगा।
मेरी यात्रा के दौरान मैं महामहिम नरेश, महामहिम चौथे नरेश और भूटान के प्रधानमंत्री के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा करूंगा।
भूटान कीलोकतांत्रिक संवैधानिक राजशाही में शांतिपूर्ण और सहजता से संक्रमणएक सफल कहानी है। इसमें चुनाव का क्रमवार संचालन इसके बुद्धिमान राजाओं की दूरदर्शिता के अनुरूप लोकतंत्र को समेकित करने का एक प्रयोग है। अपनी यात्रा के दौरान मुझे भूटान की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने का सम्मान प्राप्त होगा।
भारत सरकार को भूटान के सामाजिक आर्थिक विकास में नेतृत्वकारी साझेदार की सुविधा प्राप्त है। हमें भूटान की उल्लेखनीय आर्थिक वृद्धि और इसकी प्रगति और समृद्धि पर खुशी है। हम भूटान को उसके विकास प्रयासों में अपना सतत समर्थन जारी रखने के प्रति प्रतिबद्ध हैं। मैं भूटान के नेतृत्व के साथ मिलकर अपने विकास सहयोग कार्यक्रम की समीक्षा करूंगा इसे भूटान की जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप और अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाने के लिए। मैं इस यात्रा के दौरान हमारी एक सहायता परियोजना अर्थात भूटान के उच्चतम न्यायालय का निर्माणकेभी उद्घाटन करूंगा।
भूटान के साथ हमारा जल विद्युत सहयोग सफलता का एक शास्त्रीय उदाहरण है और यह पूरे क्षेत्र के लिए एक मॉडल है। इस यात्रा के दौरान हम 600 मेगावाट की खोलोंगचू जल विद्युत परियोजना का शिलान्यास भी करेंगे।
हमारे द्विपक्षीय संबंधों में जनता से जनता का संपर्क एक महत्वपूर्ण पहलू है। मैं भूटान के नेतृत्व से इस पर चर्चा करूंगा कि हमारे देशों के बीच इन संपर्कों को आगे कैसे मजबूत किया जाए विशेषकर युवाओं के बीच। इस संदर्भ में शिक्षा संपर्कों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी।
मैं मेरी पहली भूटान यात्रा को काफी आशा से देश रहा हूं और यह भारत और भूटान के विशेष संबंधों का पोषण करेगी और उन्हें आगे मजबूत करेगी।