प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय जन संघ और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री जगन्नाथराव जोशी जी को उनकी 101वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा :
“मैं श्री जगन्नाथराव जोशी जी की 101वीं जयंती पर उनको श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। जगन्नाथराव जी बेहतरीन संगठक थे और उन्होंने लोगों के बीच काफी काम किया था। जनसंघ और भाजपा को मजबूत बनाने में उनकी बड़ी भूमिका है। वह एक उत्कृष्ट विद्वान और बुद्धिजीवी भी थे।”
I pay homage to Shri Jagannathrao Joshi Ji on his 101st birth anniversary. Jagannathrao Ji was a remarkable organiser and tirelessly worked among people. His role in strengthening the Jana Sangh and BJP is widely known. He was also an outstanding scholar and intellectual.
Text of PM’s address to the media on his visit to Balasore, Odisha
June 03, 2023
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एक भयंकर हादसा हुआ। असहनीय वेदना मैं अनुभव कर रहा हूं और अनेक राज्यों के नागरिक इस यात्रा में कुछ न कुछ उन्होंने गंवाया है। जिन लोगों ने अपना जीवन खोया है, ये बहुत बड़ा दर्दनाक और वेदना से भी परे मन को विचलित करने वाला है।
जिन परिवारजनों को injury हुई है उनके लिए भी सरकार उनके उत्तम स्वास्थ्य के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। जो परिजन हमने खोए हैं वो तो वापिस नहीं ला पाएंगे, लेकिन सरकार उनके दुख में, परिजनों के दुख में उनके साथ है। सरकार के लिए ये घटना अत्यंत गंभीर है, हर प्रकार की जांच के निर्देश दिए गए हैं और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसको सख्त से सख्त सजा हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
मैं उड़ीसा सरकार का भी, यहां के प्रशासन के सभी अधिकारियों का जिन्होंने जिस तरह से इस परिस्थिति में अपने पास जो भी संसाधन थे लोगों की मदद करने का प्रयास किया। यहां के नागरिकों का भी हृदय से अभिनंदन करता हूं क्योंकि उन्होंने इस संकट की घड़ी में चाहे ब्लड डोनेशन का काम हो, चाहे rescue operation में मदद की बात हो, जो भी उनसे बन पड़ता था करने का प्रयास किया है। खास करके इस क्षेत्र के युवकों ने रातभर मेहनत की है।
मैं इस क्षेत्र के नागरिकों का भी आदरपूर्वक नमन करता हूं कि उनके सहयोग के कारण ऑपरेशन को तेज गति से आगे बढ़ा पाए। रेलवे ने अपनी पूरी शक्ति, पूरी व्यवस्थाएं rescue operation में आगे रिलीव के लिए और जल्द से जल्द track restore हो, यातायात का काम तेज गति से फिर से आए, इन तीनों दृष्टि से सुविचारित रूप से प्रयास आगे बढ़ाया है।
लेकिन इस दुख की घड़ी में मैं आज स्थान पर जा करके सारी चीजों को देख करके आया हूं। अस्पताल में भी जो घायल नागरिक थे, उनसे मैंने बात की है। मेरे पास शब्द नहीं हैं इस वेदना को प्रकट करने के लिए। लेकिन परमात्मा हम सबको शक्ति दे कि हम जल्द से जल्द इस दुख की घड़ी से निकलें। मुझे पूरा विश्वास है कि हम इन घटनाओं से भी बहुत कुछ सीखेंगे और अपनी व्यवस्थाओं को भी और जितना नागरिकों की रक्षा को प्राथमिकता देते हुए आगे बढ़ाएंगे। दुख की घड़ी है, हम सब प्रार्थना करें इन परिजनों के लिए।