प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज 'प्रगति' के माध्यम से अपनी बीसवीं बैठक की अध्यक्षता की। प्रगति सक्रिय शासन एवं समय पर कार्यान्वयन के लिए आईसीटी आधारित एक मल्टी-मोडल प्लेटफॉर्म है।
प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं से उत्पन्न स्थितियों की समीक्षा के साथ बैठक की शुरुआत की। उन्होंने राज्यों को केंद्र से हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया।

प्रधानमंत्री ने सभी मुख्य सचिवों को यह सुनिश्चित करने के लिए शीघ्रता से काम करने का आग्रह किया ताकि सभी व्यापारियों का पंजीकरण जीएसटी के तहत किया जाए और यह कार्य 15 अगस्त से पहले पूरा हो जाए।
प्रधानमंत्री ने सीडब्ल्यूडी और एस्टेट्स निदेशालय से संबंधित शिकायतों के निपटान एवं समाधान की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने शहरी विकास मंत्रालय को संवेदनशीलता के साथ सक्रियता से उसकी निगरानी करने के लिए कहा। उन्होंने सीपीडब्ल्यूडी से आग्रह किया कि सभी वेंडरों को सरकार के ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) प्लेटफॉर्म पर आने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में फैली रेलवे, सड़क एवं पेट्रोलियम क्षेत्र की महत्वपूर्ण एवं काफी समय से लंबित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। आज जिन परियोजनाओं की समीक्षा की गई उनमें चेन्नई बीच से कोरुक्कुपेट तीसरी लाइन एवं चेन्नई बीच से अटिपट्टू के बीच चौथी लाइन, हावड़ा-अम्टा-चंपाडंगा नई ब्रॉड गेज लाइन और वाराणसी बाईपास एवं एनएच-58 के मुजफ्फरनगर-हरिद्वार खंड को चार लेन बनाने की परियोजनाएं शामिल रहीं। आज की समीक्षा में शामिल कई परियोजनाओं को दशकों से लंबित देखते हुए प्रधानमंत्री ने सभी मुख्य सचिवों को विलंब और उसके परिणामस्वरूप लागत में वृद्धि से बचने के लिए हरसंभव कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने इस प्रकार की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के शीघ्र कार्यान्वयन पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने नई निर्माण प्रौद्योगिकी को जल्द से जल्द अपनाने में तेजी लाने के लिए संबंधित विभागों से आग्रह किया।


