मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सौराष्ट्र के जूनागढ़ और पोरबंदर इलाकों के २८ अतिवृष्टिग्रस्त गांवों का हवाई निरक्षण किया| उन्होंने बताया कि प्रशासन किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने को तैयार है। आपदा प्रबंधन के समन्वित प्रयास के चलते राहत सहायता में कोई विलम्ब नहीं हुआ और बाढ़ग्रस्त इलाकों में किसी भी प्रकार की जानहानि नहीं हुई है। नरेन्द्रमोदी शुक्रवार को जूनागढ के मांगरोल तथा पोरबंदर, कुतियाणा एवं घेड क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित २८ गांवों का हवाई सर्वेक्षण के बाद यहां आयोजित बैठक में बोल रहे थे। बैठक में सांसद दीनू सोलंकी और विधायक भगवान करगठिया भी मौजूद थे।
इससे पहले नरेन्द्रमोदी ने पोरबंदर और जूनागढ जिलों के बाढ़ प्रभावित२८ गांवों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने हेलीकॉप्टर से इन बाढ़ प्रभावित इलाकों के हालात का जायजा लिया। पिछले दिनों हुई भारी वर्षा के चलते मांगरोल तथा पोरबंदर के घेड क्षेत्र के करीब ८ गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे। नरेन्द्रमोदी ने दोनों जिला कलक्टरों और विकास अधिकारियों से बाढ़ तथा उसके बाद उठाए गए कदमों की जानकारी ली। बैठक में बताया गया कि मांगरोल के ११, वेरावल के ८ और पोरबंदर एवं कुतियाणा के ४-४ गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इन गांवों में २८ पशुओं की मौत हुई। हालांकि गुरूवार से वर्षा थमने के बाद राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं। अब बाढ़ प्रभावित कोई भी गांव सम्पर्क विहीन नहीं है। सारे रास्ते खुल गए हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राहत और बचाव कार्यो के अलावा बाढ़ के बाद उठाए जाने वाले सफाई सम्बंधी कदमों पर भी विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि किसी भी प्रकार की बीमारी न फैले।