दुनिया में मातृशक्ति की महिमा और मानवजाति के कल्याण के लिए मातृशक्ति की भूमिका को भारतीय संस्कृति ने प्रेरित किया है। परिवारप्रथा और संस्कार मूल्यों का जतन करने में भारतीय मातृशक्ति का योगदान बेमिसाल है।
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गणतंत्र दिवस पर गांधीनगर राजपूत महिला समाज द्वारा आयोजित राज्यभर से आई राजपूत समाज की 1200 जितनी महिला प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए यह बात कही।
राजपूत समाज और राजपुतानी नारीशक्ति के त्याग, बलिदान, नारी गौरवरक्षा, देशभक्ति, गौरक्षा और प्रजावत्सलता की भव्य परम्परा का महत्व समझाते हुए उन्होंने कहा कि कुल मर्यादा के संस्कारों का जतन करके बदलते समय में प्रगति के परिवर्तन के लिए सतर्कता और जागृति पैदा करने के लिए नारीशक्ति आगे आई है, यह पथ प्रदर्शक है।
श्री मोदी ने कहा कि ओजस्वी और तेजस्वी मातृशक्ति सामर्थ्यवान राष्ट्र और पीढ़ियों का निर्मान कर सकती है।समाज में इससे संस्कार सिंचन भी होगा। उन्होंने नारी गौरव, नारी सुरक्षा और नारी सशक्ति करण के लिए बेटियों को सुशिक्षित करने और संतानों में पारिवारिक मूल्यों की महिमा उजागर करने का अनुरोध किया।
शिक्षित समाजों में भ्रुणहत्या के कलंक को रोकने और माता के गर्भ में ही बेटी को जन्म लेने से पहले मार डालने के पाप में भागीदार नहीं बनने की अपील करते हुए चेतावनी दी कि संसारचक्र में स्त्री, पुरुष का असंतुलन होगा तो अनेक संकट पैदा होंगे। राजपूत समाज की महिलाएं समाज और राष्ट्र निर्माण में किस प्रकार योगदान दे सकती हैं, इसके सुझाव भी मुख्यमंत्री ने दिए।
इस अवसर पर मंत्री भूपेन्द्रसिंह चूड़ास्मा, आईके. जाड़ेजा, राजपूत समाज के अग्रणी और महिला प्रतिनिधि उपस्थित रही। गांधीनगर राजपूत महिला समाज की प्रमुख सुशीलाबा जाड़ेजा ने मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागतकिया।