पीएम मोदी ने सामाजिक कल्याण के लिए सुभाषितम के माध्यम से परोपकारी विचारों की शक्ति पर जोर दिया
December 31st, 09:06 am
पीएम नरेन्द्र मोदी ने मूल्यों पर अपने दैनिक चिंतन को जारी रखते हुए एक संस्कृत श्लोक साझा किया, जिसमें सामाजिक कल्याण को आगे बढ़ाने में परोपकारी सोच के महत्व पर जोर दिया है। श्लोक में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि अच्छी सोच और सकारात्मक संकल्प को बढ़ावा देने से सभी प्रयासों की पूर्ति होती है।पीएम मोदी ने नेताजी बोस को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए संस्कृत का सुभाषितम साझा किया
December 30th, 10:10 am
पीएम मोदी ने 30 दिसंबर, 1943 के ऐतिहासिक अवसर पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित की, जब नेताजी ने पोर्ट ब्लेयर में तिरंगा फहराया था। प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि यह ऐतिहासिक क्षण हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता केवल आकांक्षा से नहीं, बल्कि सामर्थ्य, परिश्रम, न्याय और संगठित संकल्प से आकार लेती है।प्रधानमंत्री ने संस्कृत का सुभाषितम साझा करते हुए बल देकर कहा कि उद्यमियों या कर्मठ लोगों के लिए कुछ भी असंभव नहीं
December 29th, 11:24 am
पीएम मोदी ने कड़ी मेहनत के महत्व पर बल देते हुए संस्कृत का एक श्लोक साझा किया। श्लोक में कहा गया है कि कोई भी शिखर इतना ऊँचा और कोई भी स्थल इतना गहरा नहीं होता कि वहाँ तक पहुँचा न जा सके! ऐसे ही कोई भी महासागर इतना विशाल नहीं होता कि उसको पार न किया जा सके! वास्तव में उद्यमियों या परिश्रमी लोगों के लिए कुछ भी असंभव नहीं है।प्रधानमंत्री ने वास्तविक वीरता पर बल देते हुए एक संस्कृत सुभाषितम् साझा किया
December 26th, 09:34 am
आज के संस्कृत सुभाषितम् में, पीएम मोदी ने सच्ची वीरता पर प्रकाश डालते हुए समझाया है कि चाहे बंधन में हों या मृत्यु का सामना कर रहे हों, विजय में हों या पराजय में, सच्चा वीर वही है जो सभी परिस्थितियों में साहस की भावना को बनाए रखता है और अडिग रहता है; यही वास्तविक वीरता है।प्रधानमंत्री ने आदरणीय अटल जी के जीवन से प्रेरणा लेने पर जोर देते हुए एक संस्कृत सुभाषित साझा किया
December 25th, 08:58 am
पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर पीएम मोदी ने एक सुभाषित साझा किया जो उनके जीवन के एक पहलू को परिभाषित करता है। सुभाषित का अर्थ है - श्रेष्ठ व्यक्ति जैसा आचरण करता है, सामान्य लोग उसी का अनुकरण करते हैं। अर्थात् नेता या आदर्श व्यक्ति का व्यवहार समाज और अनुयायियों के लिए मार्गदर्शक बनता है।प्रधानमंत्री ने कठिन परिश्रम के महत्व पर जोर देते हुए संस्कृत सुभाषितम साझा किया
December 24th, 09:52 am
पीएम मोदी ने संस्कृत का एक श्लोक साझा किया। इसका भावार्थ यह है कि वही व्यक्ति ज्ञानी कहलाता है, जिसका कार्य सर्दी-गर्मी, भय-स्नेह और अमीरी-गरीबी से अप्रभावित रहता है।पीएम मोदी ने किसानों के महत्व पर जोर देते हुए संस्कृत सुभाषितम साझा किया
December 23rd, 09:41 am
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने X हैंडल पर किसानों के महत्व को उजागर करते हुए एक संस्कृत सुभाषित साझा किया, जिसका अर्थ है कि सोना, चांदी, माणिक और सुंदर वस्त्र होने के बावजूद भी लोगों को भोजन के लिए किसानों पर निर्भर रहना पड़ता है।प्रधानमंत्री ने एक संस्कृत सुभाषितम साझा किया, जिसमें वर्तमान में जीने के ज्ञान पर जोर दिया गया है
December 22nd, 09:03 am
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने X हैंडल पर एक संस्कृत सुभाषित साझा किया, जिसका अर्थ है कि किसी को न तो अतीत पर शोक करना चाहिए और न ही भविष्य की चिंता करनी चाहिए। बुद्धिमान व्यक्ति केवल वर्तमान में रहकर ही कर्म करते हैं।प्रधानमंत्री ने वृक्षारोपण के चिरस्थायी लाभों का उल्लेख करते हुए संस्कृत सुभाषितम को साझा किया
December 19th, 10:41 am
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय विचार के कालातीत ज्ञान को दर्शाने वाले एक संस्कृत सुभाषितम साझा किया है। श्लोक का अर्थ है कि जिस प्रकार फल और फूल वाले वृक्ष निकट रहने पर मनुष्य को संतुष्टि प्रदान करते हैं, उसी प्रकार वृक्ष दूर रहने पर भी उसे लगाने वाले को सभी प्रकार के लाभ प्रदान करते हैं।प्रधानमंत्री ने संस्कृत सुभाषितम का पाठ किया, जो आंतरिक शक्ति बढ़ाता है
December 18th, 09:19 am
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने संस्कृत का एक सुभाषितम साझा किया हैप्रधानमंत्री ने सामूहिक प्रयास की शक्ति को दर्शाने वाले संस्कृत सुभाषितम को साझा किया
December 17th, 09:40 am
प्रधानमंत्री ने सामूहिक प्रयास की शक्ति को दर्शाने वाले संस्कृत सुभाषितम को साझा किया|प्रधानमंत्री ने योद्धाओं की विनम्रता और निस्वार्थ साहस को दर्शाते हुए संस्कृत सुभाषितम साझा किया
December 16th, 09:09 am
पीएम मोदी ने एक संस्कृत श्लोक साझा किया, जिसमें यह बताया गया कि सच्चे योद्धा अपनी प्रशंसा करना उचित नहीं समझते और बिना कुछ कहे कठिन व चुनौतीपूर्ण कार्यों को पूरा करते रहते हैं।