Published By : Admin |
October 8, 2025 | 19:26 IST
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Powering Progress: India’s Maritime and Tech Renaissance Under PM Modi
India’s maritime rise is rewriting history! 🌊🇮🇳Our 7,500 km coastline is now powering Bharat’s economic resurgence from shipyards to smart ports, trade to tourism. Under PM Modi’s leadership, every wave echoes one message: India is back on the global maritime map! pic.twitter.com/3onMBogtkz
— Zahid Patka (Modi Ka Parivar) (@zahidpatka) October 8, 2025
Boosting India's rail infrastructure!🚂Hon'ble PM @narendramodi ji's vision drives Union Cabinet's nod to 4 multitracking projects, covering 18 districts & adding 894 km to Indian Railways network.🚀A big leap towards efficient connectivity! 🇮🇳 #CabinetDecisions#RailwayExpansionpic.twitter.com/E8esW9OCFk
India takes off to new heights! 🚀✈️ PM @narendramodi ji to inaugurate Navi Mumbai International Airport Phase-1, boosting Mumbai's connectivity & India's growth story! 🌟 A proud moment for the nation! 🇮🇳 #ViksitMumbai#AatmaNirbharBharat
A big boost for Mumbai’s growth story!Phase 2B of the Mumbai Metro Line-3 marks another milestone in transforming urban mobility. This expansion will ease travel, cut congestion & improve daily life for millions. Kudos to PM Modi for driving modern infrastructure for a #NewIndiahttps://t.co/ncU40aYK5p
A vision & initiative of PM Modi, #MakeInIndiaForWorld has achieved unprecedented success. Foreign investment, increase in electronic manufacturing &exports. Apple has recorded $ 10 billion worth exports. Google is set to invest $ 1billion,2set up data centre in Vizag. #NewIndiapic.twitter.com/72EePUDNML
PM @narendramodi is shaping the future of Mumbai’s mobility! 🌆 The Mumbai One app integrates 11 transport operators, making daily travel simpler, safer, and more efficient — a true milestone in urban innovation. 🇮🇳#OneMumbaiOneApp#NewIndiapic.twitter.com/3ecHaVdqna
Devbhoomi Uttarakhand is the heartbeat of India's spiritual life: PM Modi in Dehradun
November 09, 2025
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PM inaugurates, lays foundation stones for various development initiatives worth over ₹8140 crores
Seeing the heights Uttarakhand has reached today, it is natural for every person who once struggled for the creation of this beautiful state to feel happy: PM
This is indeed the defining era of Uttarakhand’s rise and progress: PM
Devbhoomi Uttarakhand is the heartbeat of India's spiritual life: PM
The true identity of Uttarakhand lies in its spiritual strength: PM
देवभूमि उत्तराखंड का मेरा भै-बन्धों, दीदी–भुल्यों, दाना-सयाणों। आप सबू कैं, म्यर नमस्कार, पैलाग, सेवा सौंधी।
उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह जी, मुख्यमंत्री भाई पुष्कर सिंह, केंद्र में मेरे सहयोगी अजय टम्टा, विधानसभा अध्यक्ष बहन ऋतु जी, उत्तराखंड सरकार के मंत्रिगण, मंच पर मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री और सांसदगण, बड़ी संख्या में आशीर्वाद देने आए हुए पूज्य संतगण, अन्य सभी महानुभाव और उत्तराखंड के मेरे भाइयों और बहनों।
साथियों,
9 नवंबर का ये दिन एक लंबी तपस्या का फल है। आज का दिन हम सभी को गर्व का एहसास करा रहा है। उत्तराखंड की देवतुल्य जनता ने वर्षों तक जो सपना देखा था, वो अटल जी की सरकार में 25 साल पहले पूरा हुआ था और अब बीते 25 वर्षों की यात्रा के बाद, आज उत्तराखंड जिस ऊंचाई पर है, उसे देखकर हर उस व्यक्ति का खुश होना स्वाभाविक है, जिसने इस खूबसूरत राज्य के निर्माण के लिए संघर्ष किया था। जिन्हें पहाड़ से प्यार है, जिन्हें उत्तराखंड की संस्कृति, यहां की प्राकृतिक सुंदरता, देवभूमि के लोगों से लगाव है, उनका मन आज प्रफुल्लित है, वो आनंदित हैं।
साथियों,
मुझे इस बात की भी खुशी है कि डबल इंजन की भाजपा सरकार उत्तराखंड के सामर्थ्य को नई ऊंचाई देने में जुटी है। मैं आप सभी को उत्तराखंड की रजत जयंती पर बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मैं इस अवसर पर उत्तराखंड के उन बलिदानियों को भी श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने आंदोलन के दौरान आपना जीवन न्यौछावर कर दिया। मैं उस वक्त के सभी आंदोलनकारियों का भी वंदन करता हूं, अभिनंदन करता हूं।
साथियों,
आप सब जानते हैं, उत्तराखंड से मेरा लगाव कितना गहरा है। जब मैं spiritual जर्नी पर यहां आता था, तो यहां पहाड़ों पर रहने वाले मेरे भाई बहनों का संघर्ष, उनका परिश्रम, कठिनाइयों को पार करने की उनकी ललक, मुझे हमेशा प्रेरित करती थी।
साथियों,
यहां बिताए हुए दिनों ने, मुझे उत्तराखंड के असीम सामर्थ्य का साक्षात परिचय करवाया है। इसलिए ही जब बाबा केदार के दर्शन के बाद, मैंने कहा कि ये दशक उत्तराखंड का है, तो ये सिर्फ मेरे मुंह से निकला हुआ एक वाक्य नहीं था, मैंने जब ये कहा, तो मुझे पूरा-पूरा भरोसा आप लोगों पर था। आज जब उत्तराखंड अपने 25 वर्ष पूरे कर रहा है, तो मेरा ये विश्वास और दृढ़ हो गया है कि ये उत्तराखंड के उत्कर्ष का कालखंड है।
साथियों,
25 साल पहले जब उत्तराखंड नया-नया बना था, तब चुनौतियां कम नहीं थीं। संसाधन सीमित थे, राज्य का बजट छोटा था, आय के स्रोत बहुत कम थे, और ज्यादातर ज़रूरतें केंद्र की सहायता से पूरी होती थीं। आज तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। यहां आने से पहले मैंने रजत जयंती समारोह पर शानदार प्रदर्शनी देखी। आपसे भी मेरा आग्रह है, उस प्रदर्शनी को उत्तराखंड के हर नागरिक को देखनी चाहिए। इसमें उत्तराखंड की पिछले 25 वर्षों की यात्रा की झलकियां हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन, इंडस्ट्री, टूरिज्म, हेल्थ, पावर और ग्रामीण विकास, ऐसे अनेक क्षेत्रों में सफलता की गाथाएं प्रेरित करने वाली हैं। 25 साल पहले उत्तराखंड का बजट सिर्फ 4 हजार करोड़ रुपए था। आज जो 25 साल की उमर के हैं, उनको उस समय का कुछ भी पता नहीं होगा। उस समय 4 हजार करोड़ रूपये का बजट था। आज ये बढ़कर एक लाख करोड़ रुपए को पार कर चुका है। 25 साल में उत्तराखंड में बिजली उत्पादन 4 गुना ज्यादा हो गया है। 25 वर्षों में उत्तराखंड में सड़कों की लंबाई बढ़कर दोगुनी हो गई है। और यहां 6 महीने में 4 हजार यात्री हवाई जहाज से आते थे, 6 महीने में 4 हजार। आज एक दिन में 4 हजार से ज्यादा यात्री हवाई जहाज से आते हैं।
साथियों,
इन 25 सालों में इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या 10 गुना से ज्यादा बढ़ी है। पहले यहां सिर्फ एक मेडिकल क़ॉलेज था। आज यहां 10 मेडिकल कॉलेज हैं। 25 साल पहले वैक्सीन कवरेज का दायरा सिर्फ 25 प्रतिशत भी नहीं था। 75 प्रतिशत से ज्यादा लोग बिना वैक्सीन की जिंदगी शुरू करते थे। आज उत्तराखंड का करीब-करीब हर गांव वैक्सीन कवरेज के दायरे में आ गया है। यानी जीवन के हर आयाम में उत्तराखंड ने काफी प्रगति की है। विकास की ये यात्रा, अद्भुत रही है। ये बदलाव सबको साथ लेकर चलने की नीति का नतीजा है, हर उत्तराखंडी के संकल्प का नतीजा है। पैली पहाड़ोंक चढ़ाई, विकासक बाट कें रोक दे छी। अब वई बटी, नई बाट खुलण लाग गी।
साथियों,
मैंने कुछ देर पहले उत्तराखंड के युवाओं से, उद्यमियों से बात की, वे सभी उत्तराखंड की ग्रोथ को लेकर बहुत उत्साहित है। आज जो उत्तराखंड वासियों के उद्गार हैं, उनको अगर मैं गढ़वाली में कहूं, तो शायद कोई गलती तो कर लूंगा, लेकिन 2047 मा भारत थे, विकसित देशों की लैन मा, ल्याण खुणी, मेरो उत्तराखंड, मेरी देवभूमि, पूरी तरह से तैयार छिन।
साथियों,
उत्तराखंड की विकास यात्रा को गति देने के लिए, आज भी यहां कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया है। शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और खेल से जुड़े ये प्रोजेक्ट्स, यहां रोजगार के नए अवसर तैयार करेंगे। जमरानी और सॉन्ग बांध परियोजनाएं, देहरादून और हल्द्वानी शहर की पेयजल की समस्या को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इन सभी स्कीम्स पर 8 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाएंगे। मैं उत्तराखंड वासियों को इन परियोजनाओं की बधाई देता हूं।
साथियों,
उत्तराखंड सरकार, अब सेब और कीवी के किसानों को डिजिटल करेंसी में अनुदान देना शुरू कर रही है। इसमें आधुनिक टेक्नोलॉजी के माध्यम से आर्थिक मदद की पूरी ट्रैकिंग करना संभव हो रहा है। इसके लिए मैं राज्य सरकार, Reserve Bank of India समेत सभी स्टेकहोल्डर्स की भी प्रशंसा करता हूं।
साथियों,
देवभूमि उत्तराखंड भारत के आध्यात्मिक जीवन की धड़कन है। गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ, जागेश्वर और आदि कैलाश, ऐसे अनगिनत तीर्थ हमारी आस्था के प्रतीक हैं। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु इन पवित्र धामों की यात्रा पर आते हैं। उनकी यात्रा भक्ति का मार्ग खोलती है, साथ ही, उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा भरती है।
साथियों,
बेहतर कनेक्टिविटी का उत्तराखंड के विकास से गहरा नाता है, इसलिए आज राज्य में दो लाख करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं पर काम चल रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना प्रगति पर है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे अब लगभग तैयार है। गौरीकुंड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुंट साहिब रोपवे का शिलान्यास हो चुका है। ये परियोजनाएं उत्तराखंड में विकास को नई गति दे रही हैं।
साथियों,
उत्तराखंड ने 25 वर्षों में विकास की एक लंबी यात्रा तय की है। अब सवाल ये है कि अगले 25 वर्षों में हम उत्तराखंड को किस ऊंचाई पर देखना चाहेंगे? आपने वो कहावत जरूर सुनी होगी, जहां चाह, वहां राह। इसलिए जब हमें ये पता होगा कि हमारा लक्ष्य क्या हैं, तो वहां पहुंचने का रोडमैप भी उतनी ही तेजी से बनेगा। और अपने लक्ष्यों पर चर्चा के लिए 9 नवंबर से बेहतर दिन और क्या होगा?
साथियों,
उत्तराखंड का असली परिचय उसकी आध्यात्मिक शक्ति है। उत्तराखंड अगर ठान ले तो अगले कुछ ही वर्षों में खुद को, “स्पिरिचुअल कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड” के रूप में स्थापित कर सकता है। यहाँ के मंदिर, आश्रम, ध्यान और योग के सेंटर, इन्हें हम ग्लोबल नेटवर्क से जोड़ सकते हैं।
साथियों,
देश-विदेश से लोग यहां वेलनेस के लिए आते हैं। यहां की जड़ी-बूटियों और आयुर्वेदिक औषधियों की मांग तेजी से बढ़ रही है। पिछले 25 वर्षों में अरोमैटिक प्लांट्स, आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों, योग और वेलनेस टूरिज़्म में उत्तराखंड ने शानदार प्रगति की है। अब समय है कि उत्तराखंड की हर विधानसभा क्षेत्र में योग केंद्र, आयुर्वेद केंद्र, नैचुरोपैथी संस्थान, होम स्टे, एक कंपप्लीट पैकेज, उस दिशा में हम सोच सकते हैं। ये हमारे विदेशी टूरिस्ट्स को बहुत अपील करेगा।
साथियों,
आप जानते ही हैं कि भारत सरकार बॉर्डर पर वाइब्रेंट विलेज योजना पर कितना जोर दे रही है। मैं चाहता हूँ कि उत्तराखंड का हर वाइब्रेंट विलेज खुद में एक छोटा पर्यटन केंद्र बने। वहां होम-स्टे बने, स्थानीय भोजन और संस्कृति को बढ़ावा मिले। आप कल्पना करिए, जब बाहर से आने वाले पर्यटक, एकदम घरेलू माहौल में डुबके, चुड़कानी खाएंगे, रोट-अरसा, रस-भात खाएंगे, झंगोरे की खीर खाएंगे, तो उन्हें कितना आनंद आएगा। यही आनंद उन्हें दूसरी बार, तीसरी बार उत्तराखंड वापस लेकर आएगा।
साथियों,
अब हमें उत्तराखंड में छिपी हुई संभावनाओं के विस्तार पर फोकस करने की आवश्यकता है। यहां हरेला, फूलदेई, भिटौली जैसे त्योहारों का हिस्सा बनने के बाद पर्यटक उस अनुभव को हमेशा याद रखते हैं। यहां के मेले भी उतने ही जीवंत हैं। नंदा देवी का मेला, जौलजीवी मेला, बागेश्वर का उत्तरायणी मेला, देवीधुरा का मेला, श्रावणी मेला और बटर फेस्टिवल, इनमें उत्तराखंड की आत्मा बसती है। यहां के स्थानीय मेलों और पर्वों को वर्ल्ड मैप पर लाने के लिए वन डिस्ट्रिक्ट वन फेस्टिवल, अर्थात एक जिला एक मेला जैसा कोई अभियान चलाया जा सकता है।
साथियों,
उत्तराखंड के सभी पहाड़ी जिले फलों के उत्पादन में काफी पोटेंशियल रखते हैं। हमें पहाड़ी जिलों को हॉर्टिकल्चर सेंटर बनाने पर फोकस करना चाहिए। ब्लूबेरी, कीवी, हर्बल और मेडिसिनल प्लांट्स, ये भविष्य की खेती है। उत्तराखंड में फूड प्रोसेसिंग, हस्तशिल्प, ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स, इन सबके लिए MSMEs को नए सिरे से सशक्त किए जाने की जरूरत है।
साथियों,
उत्तराखंड में बारहों महीने पर्यटन की संभावनाएं हमेशा से रही हैं। अब यहां कनेक्टिविटी सुधर रही है, और इसलिए मैंने सुझाव दिया था कि हमें बारहमासी टूरिज्म की ओर बढ़ना चाहिए। मुझे खुशी है कि उत्तराखंड विंटर टूरिज़्म को नया आयाम दे रहा है। मुझे अभी जो जानकारियां मिलीं, वो उत्साह बढ़ाने वाली हैं। सर्दियों में आने वाले पर्यटकों की संख्या में तेज़ बढ़ोतरी हुई है। पिथौरागढ़ में 14 हजार फुट से अधिक ऊंचाई पर, हाई एल्टीट्यूड मैराथन का आयोजन हुआ। आदि कैलाश परिक्रमा रन भी देश के लिए प्रेरणा बनी है। तीन वर्ष पहले आदि कैलाश यात्रा में दो हजार से भी कम श्रद्धालु आते थे। अब ये संख्या तीस हजार से अधिक हो चुकी है। अभी कुछ दिन पूर्व ही केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद हुए हैं। केदारनाथ धाम में इस बार करीब 17 लाख श्रद्धालु, देवदर्शन के लिए आए हैं। तीर्थाटन, बारहमासी पर्यटन, उत्तराखंड का वो सामर्थ्य है, जो उसे निरंतर विकास की नई ऊंचाई पर ले जाएगा। इको टूरिज्म के लिए भी संभावना है, एडवेंचर टूरिज्म के लिए भी बहुत संभावना है। देशभर के नौजवानों के लिए, ये आकर्षण का केंद्र बन सकता है।
साथियों,
उत्तराखंड अब फिल्म डेस्टिनेशन के रूप में भी उभर रहा है। राज्य की नई फिल्म नीति से शूटिंग करना और आसान हो गया है। वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी उत्तराखंड लोकप्रिय हो रहा है। और मेरा तो अभियान चल रहा है, Wed In India. Wed In India के लिए, उत्तराखंड को अपने यहां उसी आलीशान स्तर की सुविधाएं विकसित करनी चाहिए। और इसके लिए 5-7 बड़ी डेस्टिनेशंस को तय करके उन्हें विकसित किया जा सकता है।
साथियों,
देश ने आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लिया है। इसका रास्ता वोकल फॉर लोकल से तय होगा। उत्तराखंड इस विजन को हमेशा से जीता आया है। स्थानीय उत्पाद से लगाव, उनका उपयोग, उनको अपने जीवन का हिस्सा बना लेना, ये यहां की परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। मुझे खुशी है कि उत्तराखंड सरकार ने वोकल फॉर लोकल अभियान को तेज गति दी है। इस अभियान के बाद उत्तराखंड के 15 कृषि उत्पादों को जीआई टैग मिला है। यहां के बेडू फल और बद्री गाय के घी को, हाल के दिनों में जी आई टैग मिलना, सचमुच में बहुत गौरव की बात है। बद्री गाय का घी, पहाड़ के हर घर की शान है। अब बेड़ू, पहाड़ के गांवो से निकलकर बाहर के बाजारों तक पहुंच रहा है। इससे बने उत्पादों पर अब जीआई टैग लगा होगा। वो उत्पाद जहां भी जाएगा, अपने साथ उत्तराखंड की पहचान भी लेकर जाएगा। ऐसे ही GI टैग वाले प्रॉडक्ट्स को हमें देश के घर-घर पहुंचाना है।
साथियों,
मुझे खुशी है, हाउस ऑफ हिमालयाज, उत्तराखंड का ऐसा ब्रैंड बन रहा है, जो स्थानीय पहचान को एक मंच पर ला रहा है। इस ब्रैंड के तहत राज्य के विभिन्न उत्पादों को एक साझा पहचान दी गई है, ताकि वे ग्लोबल मार्केट में प्रतिस्पर्धा कर सकें। राज्य के कई उत्पाद अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। इससे ग्राहकों तक उनकी सीधी पहुंच बनी है, और किसानों, कारीगरों और छोटे उद्यमियों के लिए एक नया बाजार खुला है। हाउस ऑफ हिमालयाज की ब्रैंडिंग के लिए भी आपको नई ऊर्जा के साथ जुटना है। मैं समझता हूं, इन ब्रैंड के प्रॉडक्ट्स के डिलिवरी मैकेनिज्म पर भी हमें लगातार काम करना होगा।
साथियों,
आप जानते हैं कि, उत्तराखंड की अब तक की विकास यात्रा में कई रुकावटें आईं हैं। लेकिन भाजपा की मजबूत सरकार ने हर बार उन बाधाओं को पार किया, और ये सुनिश्चित किया है कि विकास की गति पर ब्रेक ना लगे। उत्तराखंड की धामी सरकार ने जिस गंभीरता से यहां समान नागरिक संहिता को लागू किया, वो दूसरे राज्यों के लिए भी मिसाल है। राज्य सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून और दंगा नियंत्रण कानून जैसे राष्ट्रहित से जुड़े विषयों पर साहसिक नीति अपनाई। प्रदेश में तेजी से उभर रहे जमीन कब्जाने और डेमोग्राफी में बदलाव जैसे संवेदनशील मुद्दे पर भी भाजपा सरकार ठोस कार्यवाही कर रही है। आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में, उत्तराखंड सरकार ने तेजी और संवेदनशीलता के साथ काम करते हुए, जनता की हर संभव मदद का प्रयास किया है।
साथियों,
आज जब हम राज्य स्थापना की रजत जयंती मना रहे हैं, मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले वर्षों में, हमारा उत्तराखंड विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा, अपनी संस्कृति, अपनी पहचान को उसी गर्व के साथ आगे बढ़ाएगा। मैं एक बार फिर उत्तराखंड के सभी निवासियों को रजत जयंती समारोह की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। और मैं आपसे अपेक्षा करता हूं कि अभी से 25 साल के बाद जब देश आजादी के 100 साल मनाता होगा, तब उत्तराखंड किस ऊंचाई पर होगा, ये लक्ष्य अभी से तय कर लेना चाहिए, रास्ता चुन लेना चाहिए और इंतजार किए बिना चल पड़ना चाहिए। मैं आपको ये भी भरोसा देता हूं कि भारत सरकार हमेशा उत्तराखंड सरकार के साथ खड़ी है। आपको हर कदम पर सहयोग देने को हम तत्पर हैं। मैं उत्तराखंड के हर परिवार, हर नागरिक के सुख, समृद्धि और उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं। आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।