गत 4 मार्च से देशभर में चल रही अपनी चुनावी सभाओं को अजमेर में आकर विराम देते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के स्टार प्रचारक नरेन्द्र मोदी मंगलवार को कांग्रेस पर जमकर दहाड़े। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ‘मोदी’ की सांसें गिनना और भाजपा का पीछा करना छोड़े, देश को गुमराह करना बंद करे, अपने साठ साल के शासन का जवाब दे।
कांग्रेस ने जनता के साठ साल लिए, बदले में दिया क्या? देश की सुरक्षा और विकास का क्या हुआ? भाजपा प्रत्याशी किरण माहेश्वरी के समर्थन में यहां आजाद पार्क में आयोजित आमसभा में उन्होंने कहा कि देश की दुर्दशा के लिए पूरी तरह कांग्रेस और नेहरु परिवार जिम्मेदार है। जनता ने इन्हें बहुत भोगा है। कांग्रेस के राज में खाने और जीने के लाले पड़ गए हैं। अब पूरे देश में परिवर्तन की लहर है। जनता 7 मई को दिल्ली की सल्तनत को उखाड़ फेंकेगी।
मोदी ने कहा-‘कांग्रेस के कपड़े फाड़ने के सारे सवाल-जवाब मोदी के पास हैं। अजमेर की जनता ने बुलाया इसलिए मोदी आया है। जबकि, प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह जोधपुर की सभा में कहते हैं कि उन्होंने सोनियाजी ने भेजा है इसलिए आए हैं। यह मनमोहनसिंह की कमजोरी का ही उदाहरण नहीं तो और क्या है? कांग्रेस के एसआरपी (सोनिया-राहुल-प्रियंका) देशभर में घूमकर कंधार प्रकरण पर बरस रहे हैं।
वे जवाब दें कि क्या 159 लोगों को मर जाने देते? कांग्रेस बताए कि कश्मीर में चरारे शरीफ में घुसे आतंकियों को सेफ पैसेज क्यों दिया गया? उन्हें बिरियानी क्यों परोसी गई? आंध्रप्रदेश में नक्सलवादियों के शीर्ष 60 सरगनाओं को सुरक्षित ठिकानों पर क्यों जाने दिया गया?
मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने एक करोड़ बेरोजगारों को रोजगार देने का वादा किया था। आज केंद्र सरकार कह रही है कि उलटे डेढ़ करोड़ लोगों का रोजगार छिन गया है और आगे भी लोगों की रोजी-रोटी छिनने की संभावना है। मोदी ने कहा कि देश के युवाओं को बेरोजगार करने वाली दिल्ली की सल्तनत 16 तारीख को चुनाव परिणाम आने के साथ ही खुद बेरोजगार हो जाएगी।
अफजल को फांसी दो, वोट लो
मोदी ने सुरक्षा मुद्दे पर काफी संवेदनशीलता दिखाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार संसद पर हमला करने वाले अफजल गुरु को बुधवार सुबह तक भी फांसी पर चढ़ा दे तो वे इसी जगह वापस आकर कांग्रेस के पक्ष में वोट डालने की अपील करने को तैयार हैं।
मोदी ने कहा कि देश की सरकार कमजोर है। मुम्बई पर हमला करने वाले आतंकियों को पकड़ने के लिए उनका गोला-बारूद खत्म होने तक इंतजार किया गया। जबकि, संसद पर हमला करने वालों का कुछ ही घंटों में सफाया कर दिया गया था। अक्षरधाम के हमलावरों को भी तीन घंटे में मार गिराया गया था। आज हमलावरों को फांसी देने में भी दिक्कत आ रही है।