गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार कृषि, उद्योग एवं निर्यात को बढ़ावा देने के साथ ही सामाजिक प्रगति और मानव विकास के क्षेत्रों को भी वरीयता दे रही है। उन्होंने गुजरात को निवेश के लिए सबसे उपयुक्त राज्य बताते हुए राज्य के निवेशकों को अगले माह में आयोजित स्वर्णिम गुजरात शिखर कार्यक्रम में भाग लेने व गुजरात में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।

जनवरी 12 व 13 को गुजरात सरकार द्वारा आयोजित वाइब्रेंट गुजरात समिट के सिलसिले में गुरूवार को यहां आयोजित परस्पर संवाद बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में गुजरात की विकास दर देश की औसत विकास दर से कहीं अधिक है।

राज्य की औद्योगिक विकास दर 13 फीसदी है वहीं कृषि विकास दर 12.8 फीसदी है। इसी तरह प्रति व्यक्ति आय में भी 13.8 फीसदी की दर से बढ़ोतरी हो रही है। देश का 22 फीसदी निर्यात अकेले गुजरात से किया जाता है।

श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने समग्र विकास का आंदोलन चलाया है जिसका मकसद सभी के चेहरों पर खुशी लाना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में गुजरात में 7 विश्व स्तरीय विश्वविद्यालयों व आईआईटी की स्थापना की गई है वहीं दूसरी तरफ राज्य में ई-गवनेंüस को भी बड़े पैमाने पर लागू किया गया है।

राज्य में 50 हजार किमी लंबा ओएफसी नेटवर्क है। राज्य में 9 लाख इंटरनेट उपभोक्ता हैं और राज्य के सभी गांव ब्राडबैंड इन्टरनेट नेटवर्क से जुड़े हैं। इतना ही नहीं राज्य के सभी वर्ग के उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली की आपूर्ति की जाती है। उनकी सरकार ने ढांचागत विकास के क्षेत्र में भी कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं शुरू की हैं। राज्य में 5 हवाई अड्डे, 16 किमी लंबे समुद्र तट पर विश्व स्तरीय बंदरगाह हैं।

ढांचागत विकास को और अधिक बढ़ावा देने के लिए 6 0 सेज की स्थापना की गई है तथा 12 एसआईआर की स्थापना की गई है। बेहतर प्रशासन के लिए गुजरात सरकार के अनेक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं तथा उनके कार्यालय को भी आईएसओ प्रमाण पत्र मिला है। वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर के बावजूद गुजरात सरकार को 2009 में हुई वाइब्रेंट गुजरात समिट में 240 बिलीयन अमरीकी डालर के निवेश प्रस्ताव मिले जिसमें से 45.49 फीसदी प्रस्तावों पर अमल किया जा चुका है।

प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा: संवाद सत्र के दौरान सवालों के जवाब देते हुए मोदी ने बताया कि प्रत्येक बच्चे को स्कूल भेजने के लिए पे्ररित करने के लिए हर साल 12,14 व 14 जून को 45 डिग्री तापमान के बीच उनके नेतृत्व में 900 लोगों का जत्था गांव गांव में जाकर अभियान चलाते हैं। इसी का नतीजा है कि गुजरात में केवल 2 फीसदी ही ड्राप आउट है। इसके अलावा बाल विश्व विद्यालय, फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टीचर्स एजुकेशन की स्थापना की गई है। आने वाले समय में उच्च शिक्षा के लिए गुजरात के शिक्षकों की मांग होगी।

सत्र में एक उद्योगपति डा. बालकृष्ण के सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि गुजरात सरकार ने जलवायु परिवर्तन विभाग की स्थापना की है। यदि इस क्षेत्र में कोई भी आगे आना चाहे तो उनका स्वागत है। कार्बन क्रेडिट के बजाय गुजरात सरकार ग्रीन क्रेडिट को अपनाने पर बल दे रही है।

वर्षा जल संग्रहण पर बल: मोदी ने बताया कि राज्य के किसानों को कृषि के लिए बिजली की बजाय पानी देने पर विशेष बल दिया जा रहा है। बड़ी सिंचाई परियोजनाओं के क्रियान्वयन के साथ ही राज्य में वर्षा जल संग्रहण के लिए 6 लाख छोटे- छोटे बांध बनवाए गए हैं इससे गुजरात में भूजल स्तर में 6 मीटर तक की बढ़ोतरी हुई है।

मिट्टी के आधार पर फसलों की बुवाई: एक अन्य सवाल के जवाब में मोदी ने बताया कि राज्य के किसानों को 4 कृषि विवि के माद्यम से मिट्टी सहायता कार्ड वितरित किए गए हैं। हर साल 30 मई को किसान रथ राज्य के 225 तालुकों के गांवों का दौरा करके किसानों को उनकी मिट्टी की गुणवत्ता की जांच करके उपयुक्त फसलों की बुवाई का सुझाव देते हैं। पानी, मिट्टी व बीजों के सही चयन से कृषि उत्पादन में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है. कृषि के साथ ही पशु संवद्र्धन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है ।

बन्नी नस्ल की भैंस प्रजाति विकसित की गई है जिसकी कीमत दो नेनो कारों से भी अधिक है। दुग्ध उत्पादन में सालाना 20 फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है। यदि आप सिंगापुर जाएंगे तो वहां पर गुजरात का दूध मिलेगा और ब्रिटेन जाते हैं तो वहां पर गुजरात की भिंडी की सब्जी मिलेगी।

इटली का निवेश करना महत्वपूर्ण: इसी दौरान श्री मोदी से जब पूछा गया कि एक इतालवी निवेशक ने देश भर का दौरा करने के बाद गुजरात को निवेश के लिए चुना है। इस पर मोदी ने तपाक से कहा कि यदि इटली का निवेशक गुजरात आना चाहे तो यह उनके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनका इशारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तरफ था।

 

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Prime Minister’s meeting with the President of the Republic of Uzbekistan
December 01, 2023

Prime Minister Shri Narendra Modi met H.E. Mr. Shavkat Mirziyoyev, President of the Republic of Uzbekistan, on 1 December 2023, on the sidelines of COP-28 Summit in the UAE.

Prime Minister thanked President Mirziyoyev for Uzbekistan’s participation in Voice of Global South Summit.

Both leaders exchanged views on deepening their wide ranging bilateral relations in the areas of health, education, pharmaceuticals and traditional medicine. Prime Minister also assured India's support to expand our development partnership with Uzbekistan.