गांधीनगर, शुक्रवारः मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को अहमदाबाद में देश की सर्वप्रथम ऑल इंडिया पुलिस हाउसिंग कॉन्फ्रेन्स का उद्घाटन करते हुए पुलिस कॉलोनियों के साथ-साथ आधुनिक बहुमंजिले पुलिस थानों के निर्माण की चुनौतियों का सामना करने का आह्वान किया।
गुजरात स्टेट पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के तत्वावधान में भारत सरकार के ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट के सहयोग से पुलिस आवासों के लिए देश के विभिन्न राज्यों के पुलिस आवास निगमोंे तथा पुलिस निर्माण प्रवृत्तियों से जुड़ी एजेंसियों की यह अखिल भारतीय परिषद् समग्र देश में पहली बार आयोजित हो रही है। परिषद् में विभिन्न राज्यों के पुलिस हाउसिंग से संलग्न एजेंसियों के पुलिस पदाधिकारी एवं हाउसिंग कन्सट्रक्शन विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पुलिस हाउसिंग संबंधी प्रदर्शनी का निरीक्षण किया।
श्री मोदी ने प्रतिनिधियों को पुलिस आवास संबंधी अभिगम में नए आयामों को अपनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि आधुनिक जेलों के निर्माण में मानवीय दृष्टिकोण के साथ बुनियादी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए जेलों के निर्माण की मॉडल डिजाइन को लेकर देश के आर्किटेक्ट एवं डिजाइनरों की स्पर्धा आयोजित की जानी चाहिए।
श्री मोदी ने कहा कि बड़े शहरों में जमीन की उपलब्धता तथा पुलिस आवास के लिए धन की सीमा को देखते हुए पुलिस परिवारों को अच्छे आवास मिलें, इस दिशा में नवीन अभिगम अपनाया जाना चाहिए। प्रत्येक राज्यों की पुलिस आवास की उत्तम व्यवस्था के आदान-प्रदान से नए आयाम सृजित करने के लिए तथा समाज की सुरक्षा के लिए अपने परिवारों की चिंता छोड़कर कठिन परिस्थितियों में भी कर्तव्य निभाने वाले पुलिस कर्मियों के परिवारों को उत्तम सुरक्षा वाले आवास उपलब्ध करवाना राज्य सरकारों का दायित्व है। इस क्षेत्र में आवास निर्माण की नई टेक्नोलॉजी, डिजाइन तथा एप्रोच अपनाकर पुलिस परिवारों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन आए, इस दिशा में पुलिस हाउसिंग के लिए विचार करने का सुझाव श्री मोदी ने दिया।
पुलिस हाउसिंग सेक्टर में समग्र देश में गुजरात ने अग्रसर रहकर ध्यान आकर्षित किया है। इन उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के पुलिस हाउसिंग का बजट औसतन ढाई प्रतिशत होता है, जबकि गुजरात में पुलिस आवास के लिए बजट दस प्रतिशत तक करने की व्यवस्था है। यह समग्र देश में सर्वाधिक है। कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर है, उन पुलिस दल के परिवारों के लिए आवास सुविधा एक कल्याण योजना है।
आवास निर्माण की टेक्नोलॉजी, आर्किटेक्ट, डिजाइन में भारत के पर्यावरण तथा गरम वातावरण के अनुकूल निर्माण, अभिगम अपनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए श्री मोदी ने कहा कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग तथा सोलर सिस्टम एवं किचन गार्डनिंग सिस्टम शुरु होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने देश के विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति का इस परिषद् में स्वागत करते हुए गुजरात रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी तथा गुजरात फोरेन्सिक साइंस यूनिवर्सिटी जैसे मानव संसाधन विकास के विश्वस्तरीय हाईटेक एजुकेशन की विशेषता प्रस्तुत की। रक्षशक्ति यूनिवर्सिटी की विभिन्न फेकल्टीयों में सेवा देने को तत्पर हों, ऐसे पुलिस अधिकारियों को उन्होंने आमंत्रण दिया।
गुजरात की सीमा पर कच्छ में बॉर्डर फेन्सिंग में हो रहे विलंब को इंगित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि केन्द्रीय सुरक्षा बलों में भी कन्सट्रक्शन निर्माण के बड़े प्रोजेक्ट शुरु करने की क्षमता है। इनके साथ संकलन करके पुलिस आवास निगमों में भी क्षमता बढ़ोतरी कार्यक्रम शुरु किए जा सकते हैं।
गृह राज्य मंत्री प्रफुल्ल पटेल एवं गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव बलवंत सिंह की मौजूदगी में उद्घाटन सत्र में भारत सरकार के ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट के डायरेक्ट मनोज छाबड़ा, गुजरात पुलिस आवास निगम के अध्यक्ष पी.सी. पांडे, मैनेजिंग डायरेक्टर के. नित्यानंदम एवं पुलिस महानिदेशक चितरंजन सिंह ने यहां अपने विचार व्यक्त किए तथा गुजरात द्वारा पुलिस आवास निर्माण क्षेत्रों में हासिल उपलब्धियों की जानकारी दी।